Last Updated:July 03, 2025, 23:31 IST

संन्यासी कार्तिक महाराज ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. (फाइल फोटो)
कोलकाता. कलकत्ता हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह संन्यासी कार्तिक महाराज की याचिका पर ‘बंद कमरे में’ सुनवाई के अनुरोध पर विचार करेगा. याचिका में बलात्कार के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया गया है.
कार्तिक महाराज के नाम से प्रसिद्ध स्वामी प्रदीप्तानंद को इस वर्ष पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. स्वामी प्रदीप्तानंद ने एक महिला द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया है, जिसने पुलिस शिकायत में दावा किया है कि यह घटना 2013 में हुई थी.
संन्यासी के वकील द्वारा मौखिक प्रार्थना किए जाने पर जस्टिस जय सेनगुप्ता ने मामले की सुनवाई ‘बंद कमरे में’ शुरू की. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि कार्यवाही ‘बंद कमरे में’ नहीं होनी चाहिए.
इसके बाद जस्टिस सेनगुप्ता ने कार्तिक महाराज को इस संबंध में औपचारिक आवेदन करने की स्वतंत्रता प्रदान की. याचिकाकर्ता को शुक्रवार तक आवेदन करने का निर्देश देते हुए अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि यदि कोई जवाब हो तो वह सोमवार तक दाखिल करे. हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले पर सोमवार को विचार किया जाएगा.
कार्तिक महाराज को मुर्शिदाबाद जिले की बेलडांगा पुलिस ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में एक जुलाई को तलब किया था. हालांकि, वह उपस्थित नहीं हुए और इसके बजाय उन्होंने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
Kolkata,West Bengal