लेटरल एंट्री में आरक्षण के मुद्दे पर जितेंद्र सिंह ने क्‍या कहा? जानें

2 days ago

Last Updated:July 17, 2025, 14:17 IST

केंद्रीय कार्मिक, जनशिकायत और पेंशन मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार लेटरल एंट्री में आरक्षण लागू करने पर विचार कर रही है. इससे सरकारी नौकरियों में समावेशिता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिलेगा.

 लेटरल एंट्री में आरक्षण के मुद्दे पर जितेंद्र सिंह ने क्‍या कहा? जानें

केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा-आरक्षण लागू करने के लिए अभी भी संभावनाएं. खुली हैं

हाइलाइट्स

आरक्षण लागू न होने की वजह से विवाद हुआ थासरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है

नई दिल्ली.  सरकार लेटरल एंट्री (बाहरी विशेषज्ञों की सरकारी नौकरियों में भर्ती) पर काम कर रही है. इस प्रक्रिया में आरक्षण लागू करने के लिए अभी भी संभावनाएं खुली हैं. हाल ही में केंद्रीय मंत्री कार्मिक, जनशिकायत और पेंशन जितेंद्र सिंह ने ‘पीटीआई’ के साथ एक विशेष वीडियो साक्षात्कार में कही है. यह बयान उन लोगों के लिए राहत देने वाला है, जो लेटरल एंट्री में आरक्षण की मांग कर रहे हैं. लेटरल एंट्री का मतलब है निजी क्षेत्र या अन्य गैर-सरकारी क्षेत्रों के विशेषज्ञों को उच्च सरकारी पदों पर नियुक्त करना. यह प्रणाली सरकार में नई प्रतिभा और विशेषज्ञता लाने के लिए शुरू की गई थी. इस प्रक्रिया में आरक्षित वर्गों (एससी, एसटी, ओबीसी) के लिए आरक्षण लागू न होने की वजह से विवाद हुआ था.

जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है. उन्होंने बताया कि लेटरल एंट्री को और पारदर्शी बनाने के लिए नियमों को बेहतर किया जा रहा है.आरक्षण को शामिल करने के लिए भी विचार चल रहा है. सरकार का लक्ष्य है कि यह प्रक्रिया न केवल योग्यता को बढ़ावा दे, बल्कि सामाजिक न्याय के सिद्धांतों का भी पालन करे. उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि लेटरल एंट्री से सरकार में नई प्रतिभा आएं, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी वर्गों को उचित मौका मिले.”

इसके लिए सरकार विशेषज्ञों और हितधारकों से सलाह ले रही है. जितेंद्र सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि आरक्षण के मुद्दे पर अंतिम फैसला जल्द लिया जाएगा, ताकि कोई भेदभाव न हो. यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि लेटरल एंट्री के तहत कई महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां हो रही हैं, जैसे संयुक्त सचिव और निदेशक. इन पदों पर निजी क्षेत्र के अनुभवी लोग सरकार की नीतियों को लागू करने में मदद करते हैं. लेकिन बिना आरक्षण के यह प्रक्रिया असंतुलित मानी जा रही थी. जितेंद्र सिंह के इस बयान से उम्मीद जगी है कि सरकार जल्द ही लेटरल एंट्री में आरक्षण लागू करने का रास्ता निकालेगी. इससे सामाजिक न्याय को भी बढ़ावा मिलेगा.

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New Delhi,Delhi

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