Last Updated:April 16, 2025, 16:34 IST
Waqf Act SC Hearing: वक्फ कानून पर सुनवाई के दौरान सीजेआई ने पूछा कि वक्फ की प्रॉपर्टी किसकी होगी, इसे कौन रजिस्टर कराएगा. इस पर सरकारी वकील तुषार मेहता ने पूरी बात बताई.

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ की प्रॉपर्टी को लेकर गर्मागर्म बहस चली.
हाइलाइट्स
नए वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में हुई तीखी बहसकेंद्र सरकार के वकील ने बताया क्यों हुआ बदलावये भी बताया कौन कर सकता है रजिस्टरसुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून पर गर्मागर्म बहस हुई. कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने वक्फ बिल को असंवैधानिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट से इसे रद्द करने की मांग की. तो सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उनकी दलीलों का जवाब दिया. सबसे बड़ा सवाल आया कि वक्फ की प्रॉपर्टी किसकी होगी? इसका रजिस्ट्रेशन कौन कराएगा? कहां कराया जाएगा? सीजेआई ने भी इस पर जानना चाहा तो सरकारी वकील ने पूरी जानकारी कोर्ट में दी.
तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि कानून में स्पष्ट है कि अगर किसी सरकारी संपत्ति की वक्फ के रूप में पहचान की जाती है, तो वह वक्फ की संपत्ति नहीं रहेगी. जिला कलेक्टर उसकी जांच करेगा. उसका मालिकाना हक तय किया जाएगा. अगर यह सरकारी संपत्ति है, तो उसे सरकार को वापस करना होगा. उन्होंने बताया कि ऐसा प्रावधान तमिलनाडु जैसे मामलों को ध्यान में रखकर बनाया गया, जहां पूरे के पूरे गांव पर वक्फ प्रॉपर्टी होने का दावा कर दिया गया था.
रजिस्ट्रेशन कौन और कहां कराएगा
सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि कानून में वक्फ सर्वे के लिए सर्वे कमिश्नर की जगह अब जिला कलेक्टर को नियुक्त किया गया है. जिला कलेक्टर वक्फ संपत्तियों का सर्वे करेगा और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को राजस्व विभाग के साथ समन्वय करके पूरा करेगा. यह प्रक्रिया पारदर्शी होगी और इसमें किसी भी तरह की अनियमितता को रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं. अगर कोई वक्फ पर आए फैसले से सहमत नहीं होगा तो उसे कोर्ट जाने का भी अधिकार दिया गया है, जबकि पिछले कानून में ऐसा अधिकार नहीं था. तुषार मेहता ने कहा, हम वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म नहीं कर रहे हैं.
वक्फ कानून पर सीजेआई देने जा रहे थे आदेश तभी…
सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा कि वे अंतरिम आदेश जारी करने जा रहे हैं. सीजेआई ने कहा, हमारा अंतरिम आदेश इक्विटी को संतुलित करेगा. हम कहेंगे कि जो भी संपत्तियां कोर्ट ने वक्फ घोषित की हैं, उन्हें गैर-वक्फ नहीं माना जाएगा या उन्हें गैर-वक्फ नहीं माना जाएगा.. चाहे वह उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ हो या नहीं. कलेक्टर कार्यवाही जारी रख सकते हैं.. लेकिन प्रावधान प्रभावी नहीं होगा. बोर्ड और परिषद के संबंध में.. पदेन सदस्य नियुक्त किए जा सकते हैं। लेकिन अन्य सदस्य मुस्लिम होने चाहिए.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
April 16, 2025, 16:31 IST