Last Updated:April 01, 2025, 14:07 IST
Waqf Board Amendment Bill: प्रधानमंत्री मोदी की सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लोकसभा में पेश करेगी. एनडीए के पास बहुमत है, लेकिन विपक्ष विरोध कर रहा है. राज्यसभा में बीजेडी और वाईएसआरसीपी का रुख महत्वपूर्ण होगा. ...और पढ़ें

लोकसभा में एनडीए के पास स्पष्ट बहुमत है.
हाइलाइट्स
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लोकसभा में बुधवार को पेश होगा.राज्यसभा में बीजेडी और वाईएसआरसीपी का रुख महत्वपूर्ण.एनडीए के पास लोकसभा में बहुमत, राज्यसभा में मामूली बढ़त.Waqf Board Amendment Bill: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बुधवार को लोकसभा में बहुप्रतीक्षित वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश करेगी. इस पर आठ घंटे की चर्चा के बाद वोटिंग होगी. इससे पहले इस बिल को संसदीय समिति के पास भेजा गया था. समिति ने बिल में कई संशोधन सुझाएं हैं. इन सुझावों को कैबिनेट से मंजूरी मिली गई है. अब बिल पेश होने के बाद इसके फाइनल स्वरूप का पता चलेगा. विपक्षी दल इस बिल का पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे सरकार मुस्लिमों की दान की संपत्ति पर कब्जा करना चाहती है. वहीं सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्ड की लाखों एकड़ की जमीन और अरबों रुपये की संपत्ति के बेहतर प्रबंधन और उसका गरीब और पिछड़े मुस्लिम समुदाय के कल्याण में इस्तेमाल के लिए इस विधेयक को कानूनी शक्ल देना जरूरी है.
लोकसभा में एनडीए की स्थिति
लोकसभा की कुल सीटें 543 हैं. इसमें बहुमत के लिए 272 सांसदों का समर्थन चाहिए. एनडीए के पास अभी 293 सांसद हैं, जिसमें बीजेपी के 240 सांसद शामिल हैं. इसके अलावा जेडीयू के 12, टीडीपी के 16, एलजेपी के 5, शिवसेना (शिंदे गुट) के 7 और अन्य छोटे सहयोगियों के सदस्य शामिल हैं. यह संख्या बहुमत से 21 ज्यादा है. जेडीयू और टीडीपी जैसे बड़े सहयोगियों ने बिल का समर्थन करने का संकेत दिया है. इससे लोकसभा में इसे पास कराना एनडीए के लिए आसान लग रहा है. हालांकि, विपक्षी दल जैसे कांग्रेस, सपा, टीएमसी और AIMIM इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं. लेकिन इनकी कुल संख्या 250 से कम है.
राज्यसभा में एनडीए की स्थिति
राज्यसभा की मौजूदा प्रभावी ताकत 234 है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर की चार सीटें खाली हैं. इसमें बहुमत के लिए 118 सांसद चाहिए. बीजेपी के पास उसके अपने 96 सांसद हैं और एनडीए के सहयोगियों के साथ कुल संख्या 113 तक पहुंचती है. इसमें जेडीयू के 4, टीडीपी के 2, और अन्य छोटे दलों के सांसद शामिल हैं. इसके अलावा छह मनोनीत सदस्य हैं, जो आमतौर पर सरकार के पक्ष में वोट करते हैं. इससे एनडीए की ताकत 119 हो जाती है जो बहुमत से दो ज्यादा है. हाल ही में हुए उपचुनावों और बीजेडी व वाईएसआरसीपी के कुछ सांसदों के बीजेपी में शामिल होने से यह स्थिति बनी है. लेकिन यह बहुमत बहुत मामूली है.
आ सकती है मुश्किल
अगर कुछ सांसद गैरहाजिर रहते हैं या विरोध में वोट करते हैं तो सरकार के लिए मुश्किल हो सकती है. दूसरी ओर विपक्ष में कांग्रेस के पास 27 सांसद हैं. अन्य विपक्षी दलों के पास 58 सदस्य हैं. इस तरह राज्यसभा में कुल विपक्षी सांसदों की संख्या 85 तक पहुंचती है. यानी सारा दारोमदार बीजेडी और वाईएसआर के रुख पर टिका है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इन दोनों दलों ने कई मौकों पर सरकार का साथ दिया था. लेकिन, इन दोनों के राज्यों आंध्र प्रदेश और ओडिशा में राजनीतिक स्थित बदल गई है. ये दोनों पार्टियां अपने-अपने राज्यों में भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों के हाथों सत्ता से बाहर हुई हैं.
बिल पास करने के लिए जरूरी संख्या
वक्फ संशोधन बिल एक सामान्य विधेयक है, जिसे पास करने के लिए दोनों सदनों में साधारण बहुमत (उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का आधे से ज्यादा) चाहिए. लोकसभा में 543 सदस्यों के साथ, अगर सभी मौजूद हों, तो 272 वोट चाहिए. लेकिन मतदान के दौरान संख्या कम हो सकती है, जिससे जरूरी वोटों की संख्या भी घट सकती है. एनडीए के 293 सांसदों के साथ यह लक्ष्य आसानी से हासिल हो सकता है. राज्यसभा में 234 की प्रभावी संख्या के साथ, कम से कम 118 वोट चाहिए. एनडीए के पास 119 हैं, लेकिन यह संतुलन नाजुक है. बीजेडी (7 सांसद) और वाईएसआरसीपी (9 सांसद) जैसे गैर-गठबंधन दलों का रुख अभी अस्पष्ट है. अगर ये विपक्ष के साथ गए, तो एनडीए को मुश्किल हो सकती है.
First Published :
April 01, 2025, 14:06 IST