वो 10 बातें जो तय करेंगी केजरीवाल की जीत-हार, ताकत के साथ खतरा भी जान लीजिए

17 hours ago

द‍िल्‍ली में चुनावों के ऐलान के साथ ही आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर शुरू हो चुका है. एक दूसरे की कलई खोलने की कोश‍िशें हो रही हैं. आम आदमी पार्टी द‍िल्‍ली में हैट्र‍िक लगाने की तैयारी में है, तो बीजेपी सत्‍ता विरोधी लहर, भ्रष्‍टाचार के आरोप को आधार बनाकर उसे रोकना चाहती है. लेकिन आज हम आपको 10 बातें बताएंगे, जो अरविंद केजरीवाल की जीत-हार तय करेंगी. आम आदमी पार्टी की ताकत के साथ कमजोर और खतरा भी जान लीजिए.

ताकत
1. आप’ की योजनाएं और कार्यक्रम, जैसे कि सरकारी स्कूलों का कायाकल्प, मोहल्ला क्लीनिक और मुफ्त बिजली, साथ ही महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा और वरिष्ठ नागरिकों को फ्री में तीर्थ यात्रा कराना आम आदमी पार्टी की ताकत है.

2. आप ने मह‍िलाओं को 2100 रुपये हर महीने देने, बुजर्गों को फ्री इलाज, ऑटो चालकों को 10 लाख का बीमा देने जैसी कई योजनाओं का ऐलान क‍िया है, जो पूरे चुनाव का रुख मोड़ सकती हैं.

3. ‘रेवड़ी पर चर्चा’ जैसी मुह‍िम से आम आदमी पार्टी हर वोटर के घर तक पहुंच रही है. पब्‍ल‍िक को बार-बार याद द‍िला रही है क‍ि उनकी सरकार ने क्‍या-क्‍या काम क‍िए हैं. अगर बनी तो और क्‍या करेंगे.

कमजोरियां
4. सरकार में 10 साल रहने की वजह से आम आदमी पार्टी के ख‍िलाफ सत्‍ता विरोधी लहर काफी बढ़ गई है. कई वोटर बदलाव की जरूरत महसूस करते हैं. इससे केजरीवाल की जीत की संभावनाओं पर असर पड़ सकता है.

5. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोद‍िया समेत पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं की भ्रष्‍टाचार के आरोप में ग‍िरफ्तारी हुई है. इससे पार्टी की साफ सुथरी छव‍ि धूमिल हुई है. इसके अलावा मतभेद की वजह से कई नेता छोड़ गए, जिनका असर पड़ेगा.

5. ‘शीश महल’ विवाद ने अरविंद केजरीवाल की छवि को नुकसान पहुंचाया है. भाजपा इसका इस्तेमाल ‘आप’ के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए कर रही है. बीजेपी इस मुद्दे को लेकर काफी आक्रामक है.

‘आप’ के ल‍िए मौका
6. यह चुनाव ‘आप’ को मतदाताओं के साथ फिर से जुड़ने का मौका देता है. अपनी उपलब्‍ध‍ियां बताना, 20 मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका देना और हालात के साथ खुद को ढाल लेना, उनके काम आ सकता है.

7. स्थानीय शासन के मॉडल पर ध्यान केंद्रित करने और राष्ट्रीय स्तर के विफल गठबंधनों से खुद को दूर करने से पार्टी को मतदाताओं का विश्वास पुनः प्राप्त करने और राष्ट्रीय राजधानी में खुद को अपने बल पर राजनीतिक ताकत के रूप में फिर से स्थापित करने में मदद कर सकती है।

8. पार्टी की आंतरिक कमजोरियों को दूर करने और बाहरी खतरों से मुकाबला करने का भी केजरीवाल के पास मौका है. अगर इसमें वे निकल लेते हैं तो राष्‍ट्रीय स्‍तर पर वे काफी मजबूत नेता के तौर पर उभरेंगे.

खतरा
9. भाजपा अपनी मजबूत प्रचार मशीनरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे स्टार प्रचारकों और ‘आप-दा (आप) नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे’ जैसे नारों के साथ ‘आप’ के लिए सबसे बड़ा खतरा बनी हुई है. बीजेपी का प्रचार काफी आक्रामक है.

10. आम आदमी पार्टी के नेताओं पर लगे भ्रष्‍टाचार के आरोप, एलजी ऑफ‍िस के साथ टकराव और कई अन्‍य फैसले आम आदमी पार्टी की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकते हैं. लोगों का भरोसा डगमगा सकता है.

Tags: Arvind kejriwal, Delhi AAP, Delhi CM, Delhi Elections

FIRST PUBLISHED :

January 8, 2025, 05:01 IST

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