Last Updated:November 24, 2025, 21:26 IST
China News in Hindi: शंघाई एयरपोर्ट पर अरुणाचल की महिला को 18 घंटे हिरासत में रखने पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई. चीन ने पासपोर्ट में अरुणाचल प्रदेश का नाम दिखने पर रोक लगाई. भारत ने इसे राजनीतिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया. वाणिज्य दूतावास ने तुरंत मदद की. भारत ने स्पष्ट किया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और नागरिकों के अधिकार पर कोई समझौता नहीं होगा.
चीन को भारत का सख्त संदेश. भारत की बेटी को क्यों रोका? अरुणाचल की महिला को चीन में हिरासत में रखने पर भारत का कड़ा ऐतराज़
नई दिल्ली. शंघाई एयरपोर्ट पर अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली भारतीय नागरिक को 18 घंटे तक रोके जाने की घटना ने भारत-चीन संबंधों में नई तकरार पैदा कर दी है. भारत ने इस मामले को न केवल गंभीरता से लिया बल्कि बीजिंग और दिल्ली दोनों जगह चीनी अधिकारियों के सामने कड़ी कूटनीतिक आपत्ति (strong demarche) दर्ज कराई. भारत का संदेश साफ है अरुणाचल भारत का अभिन्न हिस्सा है और भारत की नागरिकता पर कोई सवाल खड़ा करने का अधिकार चीन को नहीं.
महिला के मुताबिक चीनी अधिकारियों ने उसका भारतीय पासपोर्ट अमान्य बताते हुए रोक लिया सिर्फ इसलिए क्योंकि उसके जन्मस्थान में “अरुणाचल प्रदेश, इंडिया” लिखा हुआ था. भारतीय वाणिज्य दूतावास ने तुरंत हस्तक्षेप किया और उसे सहायता पहुंचाई. लेकिन इस घटना ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए. क्या चीन अब भारतीय नागरिकों की पहचान पर भी राजनीति करेगा? क्या यह वही देश है जो दुनिया को नियमों का पालन सिखाने की बात करता है?
भारत ने अपने आधिकारिक रुख में साफ कहा है
· यात्री को बेतुके और राजनीतिक कारणों से रोका गया.
· अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे न तो कानूनी हैं, न ऐतिहासिक.
· अरुणाचल के निवासी भारतीय पासपोर्ट पर यात्रा करने के पूरी तरह हकदार हैं.
· चीन की यह हरकत शिकागो कन्वेंशन और मॉन्ट्रियल कन्वेंशन का सीधा उल्लंघन है, जिनमें नागरिक उड्डयन को राजनीतिक विवादों से दूर रखने का स्पष्ट प्रावधान है.
भारत ने यह भी साफ किया कि ऐसे समय में जब दोनों देशों के बीच सीमाई तनाव को कम करने के लिए बातचीत चल रही है, चीनी अधिकारियों का यह रवैया रिश्तों को सामान्य करने की प्रक्रिया में अनावश्यक बाधा डालता है. महिला लंदन से जापान जा रही थी और ट्रांजिट में थी. यानी वह चीन में प्रवेश भी नहीं कर रही थी. इसके बावजूद उसे 18 घंटे हिरासत में रखना, सवाल-जवाब करना, पासपोर्ट लेकर बैठ जाना और नई टिकट खरीदने का दबाव बनाना। यह सब चीन की उस पुरानी रणनीति का हिस्सा दिखता है, जिसमें वह हर मंच पर अरुणाचल को दक्षिण तिब्बत बताकर भ्रम फैलाने की कोशिश करता है.
इस बार चीन की यह हरकत सीधे एक भारतीय नागरिक की संप्रभु पहचान पर हमला बन गई. भारत की कड़ी प्रतिक्रिया चीन को यह याद दिलाती है कि पासपोर्ट और नागरिकता का अधिकार किसी मनमानी का विषय नहीं होता यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों द्वारा संरक्षित है. भारत ने अपनी आपत्ति दर्ज कर चीन को साफ संदेश दिया है कि अरुणाचल भारत था, है और हमेशा रहेगा. चीन चाहे जितना राजनीतिक खेल खेले, भारतीय नागरिकों के अधिकार पर कोई समझौता नहीं होगा.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 24, 2025, 21:26 IST

1 hour ago
