शिक्षा मंत्रालय के बाबू अब नहीं खा पाएंगे जलेबी-समोसा..नो ऑयल, नो शुगर पॉलिसी

5 hours ago

Last Updated:August 07, 2025, 12:40 IST

Govt Office Food Canteen: पीएम मोदी की अपील के बाद शिक्षा मंत्रालय ने कैंटीन में ऑयली और मीठे खाने को पूरी तरह बैन कर दिया है. अब यहां ‘नो शुगर-नो ऑयल’ पॉलिसी लागू कर दी गई है.

शिक्षा मंत्रालय के बाबू अब नहीं खा पाएंगे जलेबी-समोसा..नो ऑयल, नो शुगर पॉलिसीशित्रा मंत्रालय के ऑफिस में ‘नो शुगर-नो ऑयल’ पॉलिसी लागू.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का असर अब मंत्रालयों की कैंटीन तक पहुंच गया है. शास्त्री भवन में स्थित केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की कैंटीन में अब बड़ा बदलाव कर दिया गया है. यहां अब ना समोसे मिलेंगे, ना पकौड़े, ना ही जलेबी या कोई और ऑयली और मीठा खाना. इसकी जगह अब ऐसा खाना मिलेगा जो सेहत के लिए फायदेमंद हो, पेट पर हल्का पड़े और शरीर को ऊर्जा दे.

पीएम मोदी की अपील के बाद उठाया गया कदम
ये फैसला ऐसे ही अचानक नहीं लिया गया है. दरअसल, कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से सेहतमंद जीवनशैली अपनाने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि हमें अपने खाने-पीने की आदतों में बदलाव लाना चाहिए, खासकर उन लोगों को जो ऑफिस में लंबे समय तक काम करते हैं और शारीरिक रूप से ज्यादा एक्टिव नहीं रहते.

पीएम की इसी सलाह को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा मंत्रालय ने अपनी कैंटीन में बड़ा कदम उठाया. अब वहां जो खाना मिलेगा, वो बिना तेल और बिना चीनी के होगा. इसे कहा गया है – ‘नो शुगर, नो ऑयल’ पॉलिसी.

अब क्या-क्या मिलेगा खाने में?
अब कैंटीन में हर दिन का मेन्यू पहले से तय होगा, और उसमें सिर्फ वही चीजें मिलेंगी जो हेल्दी हों. उदाहरण के तौर पर 7 अगस्त 2025 के दिन कैंटीन में जो खाना दिया गया, वो कुछ ऐसा था:

सुबह के नाश्ते में पोहा, लोबिया चाट, चना चाट और फ्रूट चाट दी गई. दोपहर के खाने में छोले, चावल, रायता और सलाद परोसे गए. शाम को फिर हल्का फुल्का खाना – फ्रूट चाट और भेलपुरी दी गई.

इन सभी चीजों में न तो तला-भुना तेल था और न ही कोई मिठाई. यानी खाना बिल्कुल ऐसा था जो शरीर के लिए अच्छा हो, और खाने के बाद आलस न आए.

किस लिए किया गया बदलाव?
मंत्रालय का कहना है कि जब कैंटीन में ही तला-भुना और मीठा खाना नहीं मिलेगा, तो लोग उसे खाएंगे भी नहीं. इससे उनकी आदतें बदलेंगी और धीरे-धीरे सेहत में सुधार होगा.

ऑफिस में काम करने वाले लोग घंटों कंप्यूटर के सामने बैठते हैं, उनका शारीरिक मूवमेंट बहुत कम होता है. ऐसे में अगर वो बार-बार ऑयली खाना खाएंगे तो मोटापा, शुगर और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसीलिए अब कोशिश की जा रही है कि उन्हें ऐसा खाना मिले जो पोषक हो, हल्का हो और आसानी से पच जाए.

बाकी मंत्रालय भी अपनाएं ये मॉडल
शिक्षा मंत्रालय को उम्मीद है कि जब अन्य मंत्रालय और सरकारी विभाग इस बदलाव को देखेंगे, तो वे भी अपनी कैंटीन में ऐसे ही हेल्दी फूड परोसना शुरू करेंगे. खासतौर पर वो संस्थान जहां बड़ी संख्या में कर्मचारी हर दिन खाना खाते हैं.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 07, 2025, 12:40 IST

homenation

शिक्षा मंत्रालय के बाबू अब नहीं खा पाएंगे जलेबी-समोसा..नो ऑयल, नो शुगर पॉलिसी

Read Full Article at Source