बांग्लादेश के नेताओं ने दावा किया कि उसने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत को एक नोट भेजा है. इसमें शेख हसीना को तुरंत बांग्लादेश भेजने की मांग की गई. बांग्लादेश सरकार ने इसका खूब ढोल पीटा. भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस बात की पुष्टि की कि उन्हें बांग्लादेश की ओर से एक आग्रह किया गया है. लेकिन विदेश मंत्रालय ने इसके आगे कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. लेकिन विदेशी मामलों के एक्सपर्ट ने जो बातें बताई हैं, उससे लग रहा कि बांग्लादेश ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर झूठी जानकारी दी. जो दस्तावेज सौंपे गए हैं, उन पर न कोई साइन है और न ही कोई सबूत है.
विदेशी मामलों के जानकार ब्रम्हा चेलानी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, बांग्लादेश ने भारत के साथ एक सामान्य अनुरोध किया है. आमतौर पर जो डिप्लोमैटिक नोट होता है, उसमें थर्ड पार्टी को संबोधित किया जाता है. लेकिन इसमें न तो किसी का हस्ताक्षर है और नही कोई खास जानकारी. इससे साफ है कि बांग्लादेश ने अब तक कोई औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध नहीं भेजा है.
Indian media is incorrectly treating Dhaka’s note verbale on Hasina as a formal extradition demand. A note verbale, usually written in the third person and not signed, is an explanatory note that often accompanies a formal diplomatic note. It can also be a request for assistance…
— Brahma Chellaney (@Chellaney) December 25, 2024
अभी जांच कर रहा बांग्लादेश
चेलानी ने कहा, बांग्लादेश अभी भी इस बात की जांच कर रहा है कि भारत और उसके साथ जो प्रत्यर्पण संधि है, उसमें कानूनी आधार क्या बनाया जाए. क्या राजनीतिक मामलों को इसमें शामिल किया जा सकता हैरूा नहीं. अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक, क्या एक असंवैधानिक रूप से स्थापित शासन सेना द्वारा अपदस्थ एक निर्वाचित प्रधानमंत्री के प्रत्यर्पण की मांग कर सकता है, जिसने उनका इस्तीफा हासिल किए बिना ही उन्हें भारत भेज दिया?
समस्याओं से ध्यान हटाने की कोशिश
उन्होंने कहा, इस सामान्य नोट को शेख हसीना से जोड़कर वहां की अंतरिम सरकार बांग्लादेश की बढ़ी समस्याओं से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है. वहां इस्लामी ताकतों को खुश करने की कोशिश कर रही है. बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का हनन हो रहा है, जिस पर पूरी दुनिया की नजर है. पश्चिमी देश बार-बार मुहम्मद यूनुस सरकार को धमका रहे हैं. अभी तक बाइडन प्रशासन का बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अभयदान मिला हुआ था.
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FIRST PUBLISHED :
December 25, 2024, 23:44 IST