सागर के सिकंदर को मिला 7,995 करोड़ का अमेरिकी कवच, सीहॉक को रोक पाना मुश्किल

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Last Updated:November 28, 2025, 23:30 IST

MH-60R Helicopter: भारत और अमेरिका के बीच 7,995 करोड़ का महत्वपूर्ण रक्षा समझौता हुआ है. यह डील भारतीय नौसेना के MH-60R मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों के रखरखाव और सपोर्ट के लिए है. यह समझौता भारत में मरम्मत और निरीक्षण सुविधाओं की स्थापना करेगा, जिससे आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. इससे इन अत्याधुनिक, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता वाले हेलीकॉप्टरों की ऑपरेशनल उपलब्धता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी जो नौसेना की समुद्री सुरक्षा को दीर्घकालिक मजबूती प्रदान करेगा.

सागर के सिकंदर को मिला 7,995 करोड़ का अमेरिकी कवच, सीहॉक को रोक पाना मुश्किलभारत ने अहम सौदा किया.

नई दिल्‍ली. जब-जब सागर की सीमा पर सुरक्षा का सवाल उठा है. तब-तब भारत का संकल्प, शक्ति बनकर जुटा है. अमेरिका के साथ शुक्रवार को एक बेहद महत्वपूर्ण 7,995 करोड़ रुपये का रक्षा समझौता करके भारत ने अपनी नौसेना की परिचालन क्षमताओं को मजबूती प्रदान की है. यह समझौता भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल अत्याधुनिक एमएच-60आर मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों के व्यापक रखरखाव और निरंतर समर्थन के लिए किया गया है. नई दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में रक्षा मंत्रालय ने अमेरिकी सरकार के साथ दो लेटर्स ऑफ ऑफर एंड एक्सेप्टेंस पर साइन किए. यह सौदा अमेरिका के फॉरेन मिलिटरी सेल्स कार्यक्रम के तहत हुआ है.

समझौते का मुख्य उद्देश्य और प्रावधान
यह विशाल सस्टेनमेंट सपोर्ट पैकेज भारतीय नौसेना के एमएच-60आर हेलीकॉप्टर बेड़े को चालू रखने के लिए एक मजबूत ढांचा प्रदान करेगा. एमएच-60आर हेलीकॉप्टर उन्नत एंटी-सबमरीन वॉरफेयर (ASW) क्षमता से लैस हैं और भारत को अमेरिका से प्राप्त प्रमुख समुद्री संपत्तियों में से हैं. यह अब एक व्यापक समर्थन प्रणाली से लाभान्वित होंगे.

समझौते के मुख्य प्रावधान
• सप्लाई और ट्रेनिंग: हेलीकॉप्टर के स्पेयर पार्ट्स, सपोर्ट उपकरण, प्रोडक्शन सपोर्ट और तकनीकी सहायता प्रदान करना.
• मरम्मत और आपूर्ति: आवश्यक पुर्जों की मरम्मत (रिपेयर) और उनकी त्वरित पुन: आपूर्ति सुनिश्चित करना.
• आत्मनिर्भरता की नींव: इस समझौते का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है भारत में इंटरमीडिएट लेवल रिपेयर सुविधाओं और पीरियोडिक मेंटेनेंस इंस्पेक्शन सुविधाओं की स्थापना करना.

आत्मनिर्भरता और ऑपरेशनल क्षमता में इजाफा
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस समझौते का रणनीतिक महत्व कहीं अधिक है. देश में मरम्मत और रखरखाव सुविधाओं का विकास लंबी अवधि में भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूती देगा, जिससे आवश्यक वस्तुओं के लिए अमेरिकी सरकार पर निर्भरता कम होगी. यह कदम भारतीय एमएसएमई और अन्य भारतीय कंपनियों के लिए रक्षा उत्पादों और सेवाओं के क्षेत्र में नए व्यावसायिक अवसर भी खोलेगा. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह सस्टेनमेंट सपोर्ट पैकेज एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों की ऑपरेशनल उपलब्धता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएगा. अत्याधुनिक और हर मौसम में सक्षम ये हेलीकॉप्टर अब विभिन्न तटीय ठिकानों और युद्धपोतों से अधिक सुगमता और विश्वसनीयता के साथ संचालित हो सकेंगे.

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Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

First Published :

November 28, 2025, 23:28 IST

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