सामने खड़े थे पुतिन, ट्रंप ने शाहरुख खान की तरह फैलाई बाहें... सोशल मीडिया पर वायरल

5 days ago

Donald Trump and Vladimir Putin: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच अहम मीटिंग पर सारी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं. भारतीय समय के मुताबिक साढ़े 12 बजे के करीब दोनों नेता अपने-अपने विमान से बाहर आए और एक दूसरे से हाथ मिलाकर स्वागत किया. इसके बाद दोनों ही नेता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड की गाड़ी लिमोजीन में बैठकर रवाना हो गए. 

एक ही गाड़ी में सवार हुए ट्रंप-पुतिन

ऐसी कई लम्हे हैं जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. उनमें से कुछ लम्हे बेहद दुर्लभ भी है. जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति की गाड़ी में किसी दूसरे राष्ट्र अध्यक्ष का बैठना भी बहुत गैरमामूली बात है. ट्रंप का पुतिन को राष्ट्रपति लिमोजीन में बुलाने का फैसला था, जिसे आम बोलचाल की भाषा में 'द बीस्ट' कहा जाता है. किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए किसी अन्य विदेशी नेता को अपने निजी काफिले में शामिल होने के लिए आमंत्रित करना दुर्लभ है.

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शाहरुख के स्टाइल में दिखे ट्रंप

इसके अलावा एक ट्रंप और पुतिन की एक और तस्वीर चर्चा का विषय बनी हुई है. यह तस्वीर उस समय की है जब दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर एक दूसरे का स्वागत किया और फिर पोडियम पर चढ़े. पोडियम पर चढ़ने के बाद ट्रंप को बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान के स्टाइल में दिखे. तस्वीर में देखा जा सता है कि डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ इस तरह अपनी बाहें खोल रखी हैं जैसे शाहरुख खान खोलते हैं. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उनकी इस तस्वीर पर कमेंट्स भी हैं. हालांकि ट्रंप का ऐसा करना पुतिन से बातचीत का हिस्सा था नाकि उन्होंने उनके लिए शाहरुख के स्टाइल को फॉलो किया. ट्रंप सिर्फ पुतिन को वहां से गाड़ी की तरफ चलने के लिए कह रहे थे.

President @realDonaldTrump shakes hands with President Putin  pic.twitter.com/uQNVqNWenZ

— Margo Martin (@MargoMartin47) August 15, 2025

क्या है ट्रंप पुतिन की मीटिंग के मुद्दा?

बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन यूक्रेन के साथ चल रही जंग के साथ-साथ कई अहम मुद्दों पर भी चर्चा होगी. कहा जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग जल्द ही बंद हो जाए. इस दौरान ना सिर्फ जंगबंदी को लेकर चर्चा होगी , बल्कि कैदियों की अदला-बदली, हथियारों पर कंट्रोल और आर्थिक/सुरक्षा गारंटी जैसे मुद्दे भी शामिल हैं. हालांकि जंगबंदी होना इतना आसान नहीं है, क्योंकि पुतिन रूस के कब्जे वाले इलाकों की मान्यता और पश्चिमी प्रतिबंधों में राहत चाहते हैं, जबकि जेलेंस्की ने कोई जमीन छोड़ने से इंकार किया है.

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