सिर्फ एक शब्द ने छीन ली पीएम की कुर्सी...थाईलैंड की खूबसूरत नेता को क्यों होशियारी पड़ी भारी

4 hours ago

Thailand : थाईलैंड की 38 साल की प्रधानमंत्री पेइतोंगार्तन शिनवात्रा को सिर्फ एक शब्द की वजह से सस्पेंड कर दिया गया है और उनकी कुर्सी भी खतरे में है. थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने उन्हें पीएम पद से 1 जुलाई से निलंबित कर दिया है. पड़ोसी मुल्क कंबोडिया के प्रधानमंत्री के साथ उनकी एक लीक फोन कॉल उनके लिए मुसीबत बन गई. इस कॉल में उन्होंने एक ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया, जिससे पूरे देश में तूफान मच गया.

थाईलैंड की सेना से लेकर गठबंधन सरकार में भूचाल आ गया. शिनवात्रा सरकार को समर्थन दे रहे दल ने हाथ खींच लिए. संवैधानिक अदालत ने कंबोडिया से कूटनीतिक विवाद के बीच शिनवात्रा की भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं और आरोप साबित हुए तो उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है. संवैधानिक न्यायालय ने 7-2 के बहुमत से शिनवात्रा को प्रधानमंत्री पद से निलंबित करने का आदेश सुनाया. शिनवात्रा पर पद एवं गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन करने और राष्ट्र हित से समझौता करने का आरोप लगा है.

पड़ोसी देश के पीएम को कहा अंकल
दरअसल, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा को लेकर विवाद चल रहा है. य सीमा विवाद मई में भड़का तो हिंसा में एक कंबोडियाई सैनिक समेत कुछ लोगों की मौत हो गई. दोनों देशों में तनाव को लेकर शिनवात्रा ने कंबोडिया के नेता हुन सेन से फोन पर बातचीत की. इसमें उन्होंने हुन सेन को अंकल कहकर संबोधित किया और थाईलैंड की सेना के एक कमांडर को अपना दुश्मन बताया.विपक्षी सांसदों ने शिनवात्रा पर कंबोडिया सरकार से साठगांठ का गंभीर आरोप लगाया. साथ ही देश की संप्रभुता और अखंडता से समझौता करके सेना को कमजोर करने का संगीन आरोप भी लगा है. 

गठबंधन सरकार खतरे में
इस सियासी बवाल के बाद शिनवात्रा की गठबंधन सरकार भी खतरे में नजर आ रही है. थाईलैंड की भूमजाथेई पार्टी ने समर्थन वापस ले लिया है. पार्टी के नेता अनुतीन चारविरकोल डिप्टी पीएम भी थे.  इसके बाद थाई नरेश ने कैबिनेट में नए मंत्रियों की नियुक्ति के साथ उप प्रधानमंत्री पद पर फुमथेम वेचायाई को नियुक्त किया है. शिनवात्रा सरकार मामूली बहुमत के सहारे चल रही है. फुमथुम रक्षा मंत्रालय के साथ गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभालेंगे. शिनवात्रा के सस्पेंड रहने तक वो ही सरकार की कमान संभालेंगे.

शिनावात्रा सुनवाई को तैयार
थाईलैंड की पीएम ने संवैधानिक न्यायालय के फैसले का पालन करने का फैसला किया है. शिनवात्रा ने कहा, वो जांच या न्यायिक कार्य में बाधा नहीं बनना चाहती हैं. राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक आयोग उनके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की जांच करेगा.

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