Last Updated:February 05, 2025, 08:48 IST
America News Today: डोनाल्ड ट्रंप ने 205 अवैध भारतीय प्रवासी को मिलिट्री प्लेन C-17 से वापस भेजा, जो सिविल प्लेन से पांच गुना महंगा है. बड़ा सवाल यह है कि आखिर ट्रंप ऐसा क्यों कर रहे हैं. मिलिट्री प्लेन का खर...और पढ़ें
डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ ली. (File Photo)
हाइलाइट्स
ट्रंप ने 205 भारतीय प्रवासी को मिलिट्री प्लेन से वापस भेजा.मिलिट्री प्लेन का खर्च सिविल प्लेन से 5 गुना ज्यादा रहा.आखिर ट्रंप प्रशासन की इस पूरी कवायद का मकसद क्या है?नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रंप सत्ता संभालने के बाद से ही अवैध रूप से अमेरिका में घुसे लोगों के प्रति काफी आक्रामक हैं. आम सिविलियन प्लेन में नहीं बल्कि मिलिट्री प्लेन में बैठाकर घुसपैठियों को वापस स्वदेश भेजा जा रहा है. अमेरिका ने अपने मिलिट्री प्लेन C-17 में बैठाकर 205 अवैध भारतीय घुसपैठियों को वापस भेजा है. यह लोग टेक्सास, सैन फ्रांसिस्को सहित अन्य शहरों में रुके हुए थे. बड़ा सवाल यह है आखिर अवैध घुसपैठियों को देश से बाहर ही निकालना है तो फिर सिविल प्लेन की जगह ट्रंप मिलिट्री प्लेन का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं. सिविल प्लेन के मुकाबले मिलिट्री प्लेन से अवैध रूप से अमेरिका में घुसे लोगों को वापस भेजना पांच गुना तक महंगा है.
डोनाल्ड ट्रम्प ने अवैध अप्रवासियों को वापस खदेड़ने के मुद्दे पर राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था. वो अमेरिका की लोकल बाशिंदों को काफी हद तक यह समझाने में कामयाब रहे थे कि बाइडेन प्रशासन के दौरान मैक्सिको बॉर्डर से दुनिया भर के घुसपैठी बड़ी आसानी से अमेरिका में प्रवेश कर रहे हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार इन घुसपैठियों पर एक्शन लेने की जगह उन्हें फूल-मालाएं पहना रही है. ट्रंप ने सत्ता में आने के बाद इन घुसपैठियों को वापस उनके देश भेजना शुरू किया. इतना ही नहीं उन्होंने अपने दोनों पड़ोसी कनाडा और मैक्सिको पर मोटा टेरिफ लगाने की बात भी कही.
मिलिट्री प्लेन से 5 गुना ज्यादा आ रहा खर्च
रॉयटर्स की रिपोर्ट में सिविल और मिलिट्री प्लेन से घुसपैठियों को वापस भेजने के खर्च की तुलना की. इस दौरान बताया गया कि अमेरिका से हाल ही में ग्वाटेमाला भेजे गए प्रवासियों के विमान पर प्रति घुसपैठी $4,675 यानी चार लाख सात हजार रुपये का खर्च आया. वहीं, एक सिविल प्लेन में एक घुसपैठी को भेजने का खर्च महज 853 डॉलर यानी करीब 74 हजार रुपये है. ट्रंप द्वारा घुसपैठियों पर सख्ती करने की बात समझ आती है लेकिन मिलिट्री प्लेन के इस्तेमाल के पीछे ट्रंप का अपने अभियान की मार्केटिंग करना ज्यादा लगता है.
जोर-शोर से प्रचार कर रहे ट्रंप
जब एक मिलिट्री प्लेन दूसरे देश में प्रवेश करता है तो उसे पूरे प्रोटोकॉल के साथ एंट्री मिलती है. मीडिया कवरेज भी होती है. ट्रंप भी यही चाहते हैं. वो दुनिया भर में यह संदेश देना चाहते हैं कि वो अपने देश में अवैध घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं करेगा. साथ ही वो अमेरिका के लोगों के दिलों में भी अपना चुनावी वादा पूरा करके स्थायी जगह बनाना चाहते हैं. अबतक वो अपने इस प्लान में कामयाब होते नजर आ रहे हैं लेकिन बड़ा सवाल यह है कि एक तरफ वो अमेरिका का सरकारी खर्च को कम करने की बात कह रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ वो 5 गुना ज्यादा खर्च कर अवैध घुसपैठियों को वापस भेज रहे हैं.
First Published :
February 05, 2025, 08:35 IST