Agency:News18 Himachal Pradesh
Last Updated:February 05, 2025, 09:42 IST
Himachal First Green Hydrogen Plant: सीएम रखेंगे आधारशिला, प्रति वर्ष लगभग 1 लाख 54 हजार 395 किलोग्राम ग्रीन हाईड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा, इस परियोजना के निर्माण के लिए 04 हजार वर्ग मीटर भूमि चिन्हित की गई ...और पढ़ें
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बुधवार को नालागढ़ के दभोटा में 1 मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र का शिलान्यास करेंगे.
हाइलाइट्स
सीएम सुक्खू ने ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट की आधारशिला रखेंगे.नालागढ़ में 1 मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र बनेगा.परियोजना से प्रति वर्ष 1,54,395 किग्रा ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन होगा.शिमला. सोलन जिले के नालागढ़ में हिमाचल प्रदेश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट बनेगा. इस प्लांट का निर्माण 9.04 करोड़ रुपये के निवेश से किया जाएगा और इसमें प्रतिदिन 423 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की क्षमता होगी. इस परियोजना का निर्माण कार्य 18 महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बुधवार को नालागढ़ के दभोटा में 1 मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र का शिलान्यास करेंगे.
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सीएम सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को मार्च 2026 तक देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है. इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए सीएम 5 फरवरी को प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में हिमाचल की पहली बड़ी हरित हाइड्रोजन परियोजना की आधारशिला रखेंगे.
दभोटा में बनने वाले 1 मेगावाट के ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र के लिए प्रदेश सरकार ने 26 अप्रैल 2023 को ऑल इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता सौर ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, जियो थर्मल ऊर्जा और कमप्रेस्ड बायोगैस के विकास पर केंद्रित है.
इस परियोजना के लिए 4 हजार वर्ग मीटर भूमि चिन्हित की गई है. इस संयंत्र में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त बिजली का उपयोग कर हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा. यह संयंत्र ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाकर स्वच्छ ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगा. इस संयंत्र में प्रति वर्ष लगभग 1 लाख 54 हजार 395 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा सकेगा. हरित राज्य बनाने के लक्ष्य को लेकर सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार नवाचार और अन्य निर्णायक समाधानों के माध्यम से राज्य में 500 मेगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए काम कर रही है. ऊना जिले के पेखुबेला में प्रदेश की सबसे बड़ी 32 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना क्रियाशील है.
प्रदेश को पूर्ण रूप से हरित राज्य बनाने के लिए विभिन्न परियोजनाएं बनाई जा रही हैं. ऊना, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, मंडी और शिमला जिलों में कुल 501 मेगावाट क्षमता के 5 सौर पार्क और 212 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए काम किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के ये सभी प्रयास सतत ऊर्जा समाधान की दिशा में राज्य की प्रतिबद्धता का संकल्प हैं और ये प्रयास हिमाचल को न केवल देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाएंगे बल्कि देश के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण भी प्रस्तुत करेंगे.
हिमाचल को क्या फायदा होगा
ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट से पर्यावरण को काफी लाभ मिलता है. इसका मुख्य लाभ कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी है, क्योंकि उत्पादन प्रक्रिया में किसी जीवाश्म ईंधन का उपयोग नहीं होता है. यह ग्रीन हाइड्रोजन को जलवायु परिवर्तन से निपटने और वायु प्रदूषण को कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उधर, ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से पानी के विभाजन के जरिये किया जा सकता है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों या बायोमास से उत्पन्न बिजली का उपयोग किया जाता है. ग्रीन हाइड्रोजन और बायोमास से नवीकरणीय कार्बन ग्रीन मेथनॉल के लिए फीडस्टॉक हैं.
Location :
Nalagarh,Solan,Himachal Pradesh
First Published :
February 05, 2025, 09:42 IST