सूखा हो या बाढ़, अब मक्का देगा बंपर पैदावार! BAU की दो नई किस्में करेंगी कमाल

5 hours ago

Last Updated:July 16, 2025, 19:23 IST

BAU New Maize Varieties : बिहार कृषि विश्वविद्यालय किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मक्के के दो प्रभेद बीआरएम 17-4 और बीआरएम 17-6 पर शोध कर रहा है, जो कम पानी में भी अच्छी उपज देंगे. यह दोनों किस्म ही काफी गु...और पढ़ें

सूखा हो या बाढ़, अब मक्का देगा बंपर पैदावार! BAU की दो नई किस्में करेंगी कमाल

दो प्रभेदों बीआरएम 17-4 और बीआरएम 17-6 शामिल है.

भागलपुर: बिहार कृषि विश्वविद्यालय अपने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने व आय को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है. ऐसे में कृषि विश्वविद्यालय हर हमेशा रिसर्च की तरफ अत्यधिक ध्यान देती है. उसकी वजह है की किसान को अच्छे प्रभेद का बीज उपलब्ध हो सके. किसानों का फसल भी अच्छी किस्म का हो. इसको लेकर अभी मक्के के दो प्रभेदों पर शोध किया गया है. जिसमें यह काफी कारगर साबित होने वाला है. खासकर वैसे क्षेत्र के लिए यह काफी लाभदायक होगा जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या होती है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय ऐसे ही कई तरह के फसल के बीजों पर शोध कर रहा है. खासकर देसी सेगमेंट पर भी शोध किया जा रहा है, ताकि अपनी जो पुरानी फैसले हैं वह कहीं खत्म ना हो जाए.

किन-किन प्रभेदों पर हो रहा है शोध

दरअसल, जब बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.दुनिया राम सिंह से फोन पर इसकी जानकारी साझा करते हुए लोकल 18 को बताया कि हम लोग तरह-तरह के बीज पर शोध करते रहते हैं. ऐसे में ही मकई के दो प्रभेदों पर हम लोग काम कर रहे हैं. यह मक्का है बीआरएम 17-4 और बीआरएम 17-6. इस बार लगने वाले मक्के की फसल में यह बीज पूरी तरीके से कारगर साबित होगा. क्योंकि बिहार कृषि विश्वविद्यालय जलवायु परिवर्तन को देखते हुए कृषि की तरफ किसानों को आकृष्ट कर रही है. दरअसल, किसानों के सामने जो सबसे बड़ी समस्या आ रही है. वह जलवायु परिवर्तन की आ रही है. इसलिए इसमें उस तरह के बीजों को दिया जाए जिसमें कम पानी कम खेत व कम दिनों में उपज संभव हो पाए. तो ऐसे में यह दोनों किस्म ही काफी गुणकारी साबित होंगे.

बिहार बाढ़ व सुखार दोनों के लिए जाना जाता है 

कुलपति दुनिया राम बताते हैं की बिहार एक ऐसी जगह है जहां पर सुखार और बाढ़ भी देखने को मिलती है. कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर पूरी तरीके से सुखार हो जाता है और कुछ ऐसे क्षेत्र है जहां पर बाढ़ अपना कहर बरपा जाती है. तो ऐसे में हम लोग यह सोचकर ही इस पर रिसर्च करते हैं कि दोनों क्षेत्र को कौन सी किस्म का बीज फायदा कर सकती है. तो ऐसे में जब हम लोग शोध किए तो यह दोनों ही बीज काफी गुणकारी साबित हुआ है. दोनों ही क्षेत्र के लिए क्योंकि इसकी जो गुणवत्ता है, वह कम पानी में यह फसल तैयार हो जाता है, जबकि अन्य मक्के की बात करें तो सबसे अधिक पानी लगने वाला जो फसल होता है वह मक्का ही होता है. ऐसे में यह मक्का किसानों को मेहनत से भी राहत देगा और अच्छा फसल किसानों के लिए यह साबित होगा.

Amit ranjan

मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले...और पढ़ें

मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले...

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Location :

Bhagalpur,Bihar

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