Last Updated:April 17, 2025, 08:56 IST
Waqf Act in Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने पर सरकार की दलील पर नाराजगी जताई. सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा कि जज धर्मनिरपेक्ष होते हैं.

वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में आज भी सुनवाई है. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर सरकार की दलील पर नाराजगी जताई.सीजेआई ने कहा, न्यायाधीश धर्मनिरपेक्ष होते हैं.वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने पर विवाद.सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को वक्फ कानून पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों को शामिल करने के फैसले के पक्ष में सरकार की दलील से नाराजगी जताई. सरकार ने दलील दी थी कि इसी तर्क के हिसाब से वक्फ से जुड़े मामलों की सुनवाई हिंदू जजों की बेंच को नहीं करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में जब सॉलिसिटर जनरल की दलील सामने आई तो सीजेआई भड़क उठे. सीजेआई संजीव खन्ना ने साफ-साफ कहा कि सॉर मिस्टर मेहता. हम जब बेंचपर बैठते हैं तो किसी भी धर्म के नहीं होते हैं. सुप्रीम कोर्ट में आज भी वक्फ कानून पर सुनवाई है.
दरअसल, सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच वक्फ अधिनियम 2025 के उन प्रावधानों पर सवाल उठा रही थी, जो केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को मनोनीत करने की अनुमति देते हैं. मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा, ‘क्या आप ये कहना चाह रहे हैं कि मुसलमानों सहित अल्पसंख्यकों को भी हिंदू धार्मिक संस्थानों का प्रबंधन करने वाले बोर्ड में शामिल किया जाना चाहिए? कृपया इसे खुलकर कहें.’
इस पर केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इन प्रावधानों का बचाव करते हुए कहा कि गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना सीमित है और इससे इन निकायों में मुस्लिम बहुलता प्रभावित नहीं होती है. तुशार मेहता ने यह भी तर्क दिया कि गैर-मुस्लिम भागीदारी पर आपत्तियां तार्किक रूप से न्यायिक निष्पक्षता तक फैली हुई हैं और इस तर्क से बेंच स्वयं मामले की सुनवाई से अयोग्य हो जाएगी.
बेंच ने क्यों कहा सॉरी मिस्टर मेहता
उन्होंने बेंच से कहा, ‘अगर वैधानिक बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की उपस्थिति पर आपत्ति स्वीकार की जाती है तो मौजूदा बेंच भी मामले की सुनवाई नहीं कर पाएगी. अगर हम उस तर्क से चलें तो आपकी लॉर्डशिप इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकती हैं.’ इस पर सीजेआई ने तपाक से जवाब दिया और कहा, ‘नहीं, सॉरी मिस्टर मेहता. हम सिर्फ फैसला सुनाने की बात नहीं कर रहे हैं. जब हम यहां बैठते हैं, तो हम अपनी व्यक्तिगत पहचान त्याग देते हैं. हम अपना धर्म खो देते हैं. हम पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष हैं. हमारे लिए एक तरफ या दूसरी तरफ एक ही है.’
कल सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ और आज क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट ने एक बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया, जिसमें अदालतों द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने और केंद्रीय वक्फ परिषदों और बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने की शक्ति शामिल है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करने का प्रस्ताव रखा, जिसका केंद्र ने विरोध किया और उसने ऐसे किसी भी अंतरिम आदेश से पहले विस्तृत सुनवाई की अपील की. वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिकता के खिलाफ 72 याचिकाओं से संबंधित सुनवाई प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष हुई. बेंच आज यानी बृहस्पतिवार को सुनवाई जारी रखेगी.
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
April 17, 2025, 08:56 IST