हनुमंत कथा कहते-कहते भावुक हुए आचार्य धीरेंद्र शास्त्री, आज लगेगा दिव्य दरबार

1 month ago

Last Updated:March 08, 2025, 07:39 IST

बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने गोपालगंज में हनुमंत कथा के दौरान अपने बचपन के संघर्षों को याद कर भावुक हुए और बिहार के लोगों को रामजी की कृपा की कामना की.

हनुमंत कथा कहते-कहते भावुक हुए आचार्य धीरेंद्र शास्त्री, आज लगेगा दिव्य दरबार

बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री गोपालगंज में हनुमंत कथा के दौरान भावुक हुए

हाइलाइट्स

धीरेंद्र शास्त्री गोपालगंज में हनुमंत कथा के दौरान भावुक हुए.बचपन के संघर्षों को याद कर भावुक हुए आचार्य धीरेंद्र शास्त्री.आचार्य ने बिहार के लोगों को रामजी की कृपा की कामना की.

गोपालगंज. बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री के हनुमंत कथा में आज महादिव्य दरबार लगेगा. रामनगर स्थित राम-जानकी मठ में दिव्य दरबार को लेकर यूपी-बिहार के अलावा नेपाल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं. शुक्रवार की रात में कथा स्थल पर ही काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रही.श्रद्धालुओं ने कहा कि आज के युवा पीढ़ी को हनुमंत कथा से सीख लेनी चाहिए. अपने माता-पिता कैसे रखनी है, ये प्रेरणा धीरेंद्र शास्त्री के कथा से लेनी चाहिए. बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री गोपालगंज में हनुमंत कथा के दौरान अपने बचपन के संघर्षों को याद करते हुए भावुक हो गए. उन्होंने कहा, जब मैं छोटा था और हमारे परिवार में शादियां होती थीं, तो पिताजी का नाम शादी कार्ड पर इसलिए नहीं छपवाते थे, क्योंकि उन्हें डर था कि फटे कपड़े पहनकर जाने से उनकी इज्जत खराब हो जाएगी. लेकिन मां हमेशा कहा करती थी, कभी भी भगवान की शरण मत छोड़ना, तुम्हारे दिन जरूर बदलेंगे. आचार्य ने बिहार के लोगों से कहा, अमीरों के हजारों गुरू होते हैं, लेकिन गरीबों का भगवान होता है.धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमंत कथा के दौरान भावुक होकर अपने भक्तों से कहा, बिहार के लोग हमारी आत्मा हैं. हम चाहते हैं कि आपकी जिंदगी में रामजी की कृपा ऐसी हो कि आपकी जिंदगी में भी बहार आ जाए. उन्होंने दोहा कहा, मुझे कौन पूछता था, तेरी बंदगी से पहले, मैं खुद को ढूंढता था इस जिंदगी से पहले.

आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, यह दुनिया बड़ी विचित्र है.इस दुनिया में इज्जत वही पाता है, जो अमीर हो, फेमस हो या नेता हो.मंचों पर भी वही चढ़ते हैं, जो अमीर होते हैं. गरीब तो सिर्फ ताली बजाते हैं.गरीबों को कोई नहीं पूछता. मिलने-मिलाने और फोटो भी उन्हीं का खिंचता है, जो बड़े होते हैं. गाड़ी में वही बैठते हैं, जो बड़े होते हैं. उन्होंने कहा, हमने बचपन में यह सब अपनी आंखों से देखा है. इसलिए गरीब का बस एक भगवान होता है.

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, छोटे से गांव में दीनहीनता में जन्मे एक साधारण व्यक्ति को अगर रामजी अपनी कृपा से बोलने लायक बना सकते हैं, तो आप लोगों को भी बाला बागेश्वर का चरण पकड़ लेना चाहिए, आपकी जिंदगी में भी चार चांद लग जाएंगे. ये तीसरी हनुमंत कथा है, जो धीरेंद्र शास्त्री ने बिहार में कर रहें है, लेकिन पहली बार गोपालगंज के मंच से उन्होंने हनुमंत कथा के दौरान अपनी आंखों में आंसू लिए और भावुक होकर अपने बचपन की उन सच्चाईयों को भक्तों के बीच साझा किया, जो उन्होंने दिल में संजोकर रखी थीं.

Location :

Gopalganj,Bihar

First Published :

March 08, 2025, 07:39 IST

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