Last Updated:February 27, 2025, 22:47 IST
Hindi Language Controversy: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हिन्दी को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिससे एक बार फिर से भाषा को लेकर विवाद छिड़ गया है. अश्विनी वैष्णव ने इसपर रिएक्शन दिया है.

सीएम एमके स्टालिन के बयान पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रतिक्रिया दी है.
चेन्नई. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को केंद्र की मोदी सरकार पर गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य में हिंदी को लागू करने की इजाजत नहीं देगी और तमिल भाषा और संस्कृति की रक्षा करेगी. उनके इस बयान ने सियासी तूल पकड़ लिया है. स्टालिन के बयान पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तीखा हमला बोला है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि समाज को बांटने की ऐसी क्षुद्र कोशिशों से खराब शासन पर कभी पर्दा नहीं डाला जा सकता. उन्होंने आगे कहा कि यह जानना दिलचस्प होगा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इस विषय पर क्या कहते हैं.
तमिलनाडु की DMK सरकार का दावा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत तीन भाषा के फॉर्मूले के जरिए हिंदी थोपने का प्रयास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में दूसरी छोटी भाषाओं के कुछ उदाहरण देते हुए लिखा कि वह हिंदी थोपने का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि हिंदी एक मुखौटा है, जबकि संस्कृत इसका छिपा हुआ चेहरा है. बता दें कि तमिलनाडु समेत अन्य दक्षिणी राज्यों में हिन्दी भाषा को लेकर अक्सर ही विवाद उठता रहता है. स्टालिन के बयान से एक बार फिर से सियासत गरमा गई है.
सीएम स्टालिन क्या बोल गए…
मुख्यमंत्री स्टालिन ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘अन्य राज्यों से आए मेरे प्रिय बहनों और भाइयों कभी सोचा है कि हिन्दी ने कितनी भारतीय भाषाओं को निगल लिया है? भोजपुरी, मैथिली, अवधी, ब्रज, बुंदेली, गढ़वाली, कुमाऊंनी, मगही, मारवाड़ी, मालवी, छत्तीसगढ़ी, संथाली, अंगिका, हो, खड़िया, खोरठा, कुरमाली, कुरुख, मुंडारी और कई अन्य भाषाएं अब अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही हैं.’ उन्होंने लिखा कि एक अखंड हिंदी पहचान की कोशिश ही प्राचीन मातृभाषाओं को खत्म कर रही है. उत्तर प्रदेश और बिहार कभी भी ‘सिर्फ हिंदी प्रदेश’ नहीं रहे. उनकी वास्तविक भाषाएं अब अतीत की चीजें हैं.
अश्विनी वैष्णव का राहुल गांधी से सीधा सवाल
मुख्यमंत्री स्टालिन ने आगे लिखा, ‘तमिलनाडु इसका विरोध करता है, क्योंकि हम जानते हैं कि इसका अंत कहां होगा. तमिल लोग जाग चुके थे. तमिल संस्कृति ने खुद को बचाए रखा! कुछ भाषाओं ने हिन्दी के सामने घुटने टेक दिए और वे लुप्त हो गईं, बिना यह जाने कि वे कहां हैं!’ स्टालिन के पोस्ट पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने X पर लिखा, ‘समाज को बांटने की ऐसी क्षुद्र कोशिशों से खराब शासन पर कभी पर्दा नहीं डाला जा सकता. यह जानना दिलचस्प होगा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इस विषय पर क्या कहते हैं. क्या एक हिन्दी भाषी सीट से सांसद होने के बावजूद वह इस बात से सहमत हैं?’
Location :
Chennai,Tamil Nadu
First Published :
February 27, 2025, 22:47 IST