Last Updated:October 29, 2025, 13:04 IST
हिमाचल प्रदेश के कुफरी में एनजीटी ने पर्यटकों की संख्या 2232 प्रतिदिन तय की. साथ ही घोड़ों के अनियंत्रित इस्तेमाल से पर्यावरण को नुकसान पर हिमाचल सरकार को सख्त दिशा-निर्देश बनाने का आदेश दिया.
शिमला से 15 किमी दूर कुफरी क्षेत्र में घोड़ों के बेतहाशा इस्तेमाल से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है शिमला. हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कुफरी में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो थोड़ा ठहर जाएं. रोहतांग पास की तरह अब कुफरी में भी घोड़ों और सैलानियों की संख्या पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने लगाम लगाई है. शिमला से 15 किमी दूर कुफरी क्षेत्र में घोड़ों के बेतहाशा इस्तेमाल से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है और इसी के मद्देनजर एनजीटी ने बड़ा फैसला सुनाया है.
दरअसल, एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेष सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कुफरी इलाके में अब पर्यटकों की संख्या भी 2232 प्रतिदिन से ज्यादा नहीं होगी. अदालत ने अपने आदेश में हिमाचल सरकार को तीन महीने के अंदर सख्त दिशा-निर्देश बनाने का हुक्म दिया है.
मामला शैलेंद्र कुमार यादव की याचिका से जुड़ा है, जिसमें पर्यावरणविदों ने घोड़ों के अनियंत्रित संचालन से वनस्पति, जड़ों और पारिस्थितिकी को हो रहे नुकसान की शिकायत की थी. कुफरी के 8-10 वर्ग किलोमीटर इलाके में 700-800 घोड़े बिना किसी प्लानिंग के घूमते थे, जिससे पेड़ सूख रहे थे, घास नष्ट हो रही थी और बर्फबारी तक कम हो गई थी. यह कदम जंगलों को बचाने और वैज्ञानिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है.
कहां है कुफरी
कुफरी हिमाचल के शिमला का पॉपुलर पर्यटन स्पॉट है. यहां सर्दियों में बर्फबारी का मजा लेने हजारों लोग आते हैं. लेकिन, बिना प्लानिंग के घोड़ों का इस्तेमाल जंगलों को खत्म कर रहा था. कई बार शिमला शहर में जब बर्फबारी नहीं होती है तो कुफर में स्नो का मजा लेने के लिए सैलानी जाते हैं और यहां पर बड़ी संख्य़ा में लोग और कारोबारी कमाई करते हैं. बड़ी संख्यां में यहां पर होटल भी हैं. लेकिन अब कारोबार पर खासा असर पड़ने वाला है.
कुफरी में क्या करते हैं टूरिस्ट
कुफरी में सैलानियों के हॉर्स राइडिंग के अलावा कुछ एडवेंचर्स एक्टिविटी भी देखने को मिलती है. साथ ही जू में चीजे और भालू देखने के लिए भी सैलानी आते हैं. कुफरी में महासू पीक के लिए सैलानी घुड़सवारी करते हैं. कुफरी से महासू पीक तक आने जाने के लिए प्रति सवारी 500 रुपये लिया जाता है. इस स्थान पर 1029 घोड़े रजिस्टर हैं. गौर रहे कि 2023 में भी एनजीटी ने कुछ इसी तरह के आदेश जारी किए थे.
Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...और पढ़ें
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Location :
Shimla,Shimla,Himachal Pradesh
First Published :
October 29, 2025, 13:04 IST

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