कॉलेज में कितनी अकेली पड़ गई थी बालासोर की बिटिया, बता रहा 71 छात्रों का लेटर

1 day ago

Last Updated:July 19, 2025, 13:41 IST

Balasore Self Imओडिशा के बालासोर में बीएड छात्रा ने कॉलेज के प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. छात्रा ने यह आरोप लगाते हुए आत्मदाह कर लिया था. अब इस मामले में उसके साथ पढ़ने वाले 71 छात्र-छात्राओं की च...और पढ़ें

कॉलेज में कितनी अकेली पड़ गई थी बालासोर की बिटिया, बता रहा 71 छात्रों का लेटर

बालासोर स्थित फकीर मोहन कॉलेज में 20 वर्षीय बीएड छात्रा के आत्मदाह मामले में अब नया खुलासा हुआ है.

हाइलाइट्स

छात्रा ने प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आत्मदाह किया था.अब उसके 71 सहपाठियों का कॉलेज प्रशासन को लिखा पत्र सामने आया है.इसमें उन सबने आरोपी प्रोफेसर का समर्थन करते हुए छात्रा पर सवाल उठाए हैं.

ओडिशा के बालासोर स्थित फकीर मोहन कॉलेज में 20 वर्षीय बीएड छात्रा के आत्मदाह मामले में अब नया खुलासा हुआ है. इस छात्रा ने विभागाध्यक्ष प्रोफेसर समीर कुमार साहू पर यौन उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए पहले कॉलेज प्रशासन से शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई की बजाय छात्रा को ही कठघरे में खड़ा कर दिया गया.

अब पता चला है कि पीड़ित छात्रा ने जिस दिन अपनी शिकायत दर्ज कराई थी, उसके अगले ही दिन यानी 1 जुलाई को उसके 100 में से 71 सहपाठियों ने कॉलेज प्रशासन को एक पत्र सौंपा था. इसमें उन्होंने पीड़िता पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाते हुए प्रोफेसर साहू का समर्थन किया था.

पत्र में क्या कहा गया?

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पत्र ओडिया भाषा में लिखा गया था. इस पर 71 छात्रों के हस्ताक्षर थे, जिनमें 41 छात्राएं शामिल थी. दो पन्ने के इस पत्र में कहा गया कि छात्रा को कम हाजिरी की वजह से इंटरनल एग्जाम में बैठने से रोक दिया गया था, जिसके बाद ही उसने उत्पीड़न के झूठे आरोप लगाए. हैरानी की बात यह है कि इस पत्र में यह भी मांग की गई कि अगर पीड़िता अपने आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दे पाती है तो उसे और उसके समर्थकों को कॉलेज से निष्कासित कर दिया जाए.

पत्र में कहा गया, ‘छात्रा की शिकायत के आधार पर बिना किसी सबूत के ही आंतरिक शिकायत समिति (ICC) गठित की गई है. ऐसे में शिकायतकर्ता से वीडियो सबूत प्रस्तुत करने के लिए कहा जाना चाहिए. अगर वह अपने दावों का कोई सबूत पेश नहीं कर पाती है तो उसे और उसके समर्थकों को कॉलेज से अनिश्चित काल के लिए निष्कासित किया जाना चाहिए.’

क्या कह रहे पीड़िता के भाई और दोस्त?

पीड़िता के भाई और दोस्तों का आरोप है कि यह पूरा पत्र कॉलेज प्रशासन के इशारे पर तैयार करवाया गया, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच को प्रभावित किया जा सके. रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता के भाई ने कहा कि उसकी बहन के चरित्र हनन का सिलसिला कॉलेज से लेकर सोशल मीडिया तक चलाया गया. वह कहते हैं, ‘जिस माहौल में 71 सहपाठी उसके खिलाफ हों, सोचिए उस पर क्या बीती होगी. उसने इंसाफ की उम्मीद छोड़ दी थी.’

वहीं पीड़िता की एक दोस्त ने बताया कि जिस दिन आत्मदाह की घटना हुई, वह थोड़ी देर के लिए लंच के लिए बाहर गई थी, और वापस लौटने पर छात्रा जलती हुई मिली. वह कहती हैं, ‘मैं यकीन से कह सकती हूं कि प्रिंसिपल ने उस दिन कुछ ऐसा कहा, जिससे वह पूरी तरह टूट गई और यह कदम उठाया.’ पीड़िता की रूममेट ने बताया कि आत्महत्या से एक रात पहले वह बहुत परेशान दिख रही थी. ‘वह बार-बार कह रही थी कि हेड ऑफ डिपार्टमेंट उसे परेशान करते हैं, देर से आने पर अनुपस्थित कर देते हैं, फेल करते हैं, और अब चरित्र पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.’

कहा तक पहुंची मामले की जांच?

इस छात्रा की मौत के बाद मामले की जांच में तेजी आई है. राज्य सीआईडी की क्राइम अगेंस्ट वीमेन (CAW) ब्रांच ने पीड़िता के परिवार, आंतरिक शिकायत समिति के सदस्यों और कॉलेज स्टाफ से पूछताछ की है. टीम ने पीड़िता के कॉल रिकॉर्ड्स, कॉलेज परिसर की सीसीटीवी फुटेज, और उस पेट्रोल पंप के वीडियो फुटेज की जांच की जहां से एक लीटर पानी की बोतल में पेट्रोल खरीदा गया था.

जांच में अब यह भी देखा जा रहा है कि क्या प्रोफेसर साहू का पहले भी किसी तरह का उत्पीड़न से जुड़ा इतिहास रहा है, और कैसे वे इतने बड़ी संख्या में छात्रों को पीड़िता के खिलाफ लामबंद करने में सफल हुए. साथ ही कॉलेज प्रिंसिपल दिलीप घोष की भूमिका भी जांच के दायरे में है, जिन्होंने न तो उच्च शिक्षा विभाग को शिकायत की जानकारी दी, न ही कोई सुरक्षात्मक कदम उठाया.

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए यूजीसी की चार सदस्यीय जांच समिति ने जांच शुरू कर दी है. यह टीम कॉलेज के नियामक अनुपालन की समीक्षा कर रही है और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सुझाव देगी. राज्य उच्च शिक्षा विभाग की तीन सदस्यीय टीम ने भी कॉलेज के 9 आंतरिक समिति सदस्यों और घटना के चश्मदीदों से पूछताछ की है.

इस बीच, ओडिशा सरकार ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यौन उत्पीड़न से संबंधित जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित करने का निर्देश दिया है ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...

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