धुल गया पेटीएम का कलंक! कंपनी ने लौटा दी चीन की पाई-पाई, निवेशकों पर क्‍या असर

2 days ago

Last Updated:August 06, 2025, 16:04 IST

Paytm Investment Stake : डिजिटल भुगतान ऐप पेटीएम ने बताया है कि अब उनकी कंपनी में चीन की हिस्‍सेदारी पूरी तरह समाप्‍त हो चुकी है. अलीबाबा समूह की कंपनी एंट ग्रुप ने अपनी पूरी हिस्‍सेदारी बेच दी, जिसके बाद यह पू...और पढ़ें

धुल गया पेटीएम का कलंक! कंपनी ने लौटा दी चीन की पाई-पाई, निवेशकों पर क्‍या असरपेटीएम में चीन की कंपनियों की हिस्‍सेदारी पूरी तरह समाप्‍त हो चुकी है.

हाइलाइट्स

पेटीएम में अब चीनी हिस्सेदारी शून्य हो गई है.एंट ग्रुप ने पेटीएम में अपनी 5.84% हिस्सेदारी बेची.पेटीएम अब पूरी तरह से भारतीय कंपनी बन गई है.

नई दिल्‍ली. चीन के निवेश की वजह से गाहे-बगाहे सरकार के निशाने पर आने वाली पेटीएम को अब इससे मुक्ति मिल जाएगी. कंपनी ने खुद पर चीनी निवेश के रूप में लगे कलंक को पूरी तरत धो डाला है. अब यह कंपनी पूरी तरह भारतीय हो गई है. पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस का स्वामित्व अब पूरी तरह से भारतीयों के हाथ में है. करीब 9 साल पहले शुरू हुए इस स्‍टार्टअप पेटीएम के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शेखर शर्मा ने तब कहा था कि हम मारुति जितने ही भारतीय हैं.

उन्‍होंने कहा कि कभी इस कथन को प्रतीकात्मक माना जाता था, लेकिन अब वास्तविकताको दर्शाता है. पेटीएम अब भावना और शेयरधारिता दोनों ही दृष्टि से पूरी तरह से भारतीय कंपनी बन गई है. उद्योगपति जैक मा की कंपनी एंट फाइनेंशियल ने डिजिटल भुगतान मंच पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस में अपनी समूची 5.84 फीसदी की हिस्सेदारी करीब 3,980 करोड़ रुपये में बेच दी है. सौदा पूरा होने के बाद कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पेटीएम अब टाटा की तरह ही भारतीय है. यह परिवर्तन एंटफिन (नीदरलैंड) होल्डिंग बीवी के हाल ही में बाहर निकलने के साथ आधिकारिक हो गया, जिसने एक थोक सौदे के माध्यम से पेटीएम में अपनी शेष 5.84 फीसदी हिस्सेदारी लगभग 3,800 करोड़ रुपये में बेच दी है.

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चीन का स्‍वामित्‍व अब खत्‍म
इस सौदे के साथ ही कंपनी में चीनी स्वामित्व शून्य हो गया है, जो इसकी शेयरधारिता में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है. विजय शेखर शर्मा ने साल 2016 में भारत की विकास गाथा के प्रति पेटीएम की गहरी प्रतिबद्धता की पुष्टि की थी और कंपनी के भारतीय मूल्यों एवं राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ उसके तालमेल पर जोर दिया था. उनका दृढ़ विश्वास देश के नियामकीय एवं आर्थिक ढांचे में मजबूत नींव रखने वाली एक विश्वस्तरीय, घरेलू प्रौद्योगिकी दिग्गज कंपनी बनाने के दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाता है.

खुले बाजार में हुआ था सौदा
एंट ग्रुप के बाहर निकलने के बाद पेटीएम में सिर्फ भारतीय निवेशकों और ग्‍लोबल इनवेस्‍टर्स की हिस्‍सेदारी रह गई है.
गौरतलब है कि एंट ग्रुप ने अपनी सहयोगी कंपनी एंटफिन (नीदरलैंड) होल्डिंग बीवी के माध्यम से नोएडा स्थित वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर खुले बाजार में लेनदेन के जरिये बेच दिए हैं. एंट ग्रुप को पहले एंट फाइनेंशियल के नाम से जाना जाता था. यह चीन के दिग्गज कारोबारी समूह अलीबाबा ग्रुप की एक सहयोगी कंपनी है. बीएसई पर थोक सौदों के बारे में उपलब्ध सूचना के मुताबिक, एंटफिन नीदरलैंड होल्डिंग ने वन97 कम्युनिकेशंस के 3.73 करोड़ शेयर यानी 5.84 प्रतिशत हिस्सेदारी को दो किस्तों में बेचा है.

किस भाव पर हुआ सौदा
पेटीएम के इन शेयरों की बिक्री 1,067.53-1,067.63 रुपये प्रति शेयर के भाव में की गई है. इस तरह समूची शेयर बिक्री का मूल्य करीब 3,980.76 करोड़ रुपये रहा. जून तिमाही के अंत में एंटफिन नीदरलैंड होल्डिंग के पास पेटीएम में 5.84 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. पेरिस स्थित वित्तीय सेवा कंपनी सोसायटी जनरल ने अपनी दो सहयोगी इकाइयों के माध्यम से पेटीएम के 67.5 लाख शेयर करीब 720.56 करोड़ रुपये में खरीदे. इसके अलावा, हांगकांग स्थित माई.अल्फा मैनेजमेंट ने अपनी इकाई के जरिये 35 लाख शेयर 373.62 करोड़ रुपये में खरीदे हैं.

विजय शेयर खर्मा के पास कितनी हिस्‍सेदारी
इस हिस्सेदारी बिक्री के बाद पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा और उनके परिजनों के स्वामित्व वाली कंपनी रेजिलिएंट एसेट मैनेजमेंट बीवी के पास वन97 कम्युनिकेशंस में संयुक्त रूप से 19.31 फीसदी हिस्सेदारी है और वे सबसे बड़े शेयरधारक हैं. इसके अलावा हांगकांग स्थित निजी इक्विटी कंपनी सैफ पार्टनर्स के पास अपने दो सहयोगियों के माध्यम से जून, 2025 तक पेटीएम में 15.34 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. इस साल मई में भी एंट ग्रुप ने वन97 कम्युनिकेशंस में 2.55 करोड़ से अधिक शेयर यानी 4 फीसदी हिस्सेदारी 2,103 करोड़ रुपये में बेची थी. ग्‍लोबल मार्केट में पेटीएम अब संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, फ्रांस, मॉरीशस, भूटान, श्रीलंका और नेपाल सहित कई देशों में यूपीआई भुगतान का समर्थन करती है जिससे विदेश में भारतीय यात्रियों के लिए सुगम लेनदेन संभव हो गया है.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 06, 2025, 16:04 IST

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