Last Updated:February 26, 2025, 06:26 IST
Telangana tunnel collapse: तेलंगाना टनल हादसे में आठ लोग फंसे हैं. उन्हें बचाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग हो रहा है. रोबोट-ड्रोन सब लगे हैं. 11 एजेंसियां काम में जुटी हैं. इन सबके बावजूद सफलता नहीं मिली ...और पढ़ें

तेलंगाना सुरंग हादसा: आठ जिंदगियां बचाने में जुटीं 11 एजेंसियां, ड्रोन और रोबोट की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
हाइलाइट्स
तेलंगाना टनल हादसे में 8 लोग फंसे हैं.रेस्क्यू में ड्रोन, रोबोट जैसी तकनीक का उपयोग हो रहा है.सरकार ने सभी को बचाने का संकल्प लिया है.Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना टनल हादसे से देश में दुआओं का दौर है. आठ जिंदगियों की सलामती की दुआ मांगी जा रही है. कहीं प्रार्थना हो रही तो कहीं इबादत. ड्रोन, रोबोट सब काम में लगे हैं. 11 एजेंसियां रेस्क्यू ऑफरेशन में जुटी हैं. पर अब भी रेस्क्यू टीम के हाथ खाली हैं. तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग में पांच दिन से आठ लोग फंसे हैं. उन्हें बचाने के लिए दिन-रात एक कर दिया गया है. इस काम में कैमरा लगे ड्रोन, सोनार और पोर्टेबल कैमरा रोबोट जैसी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, तेलंगाना के डिप्टी सीएम भट्टी विक्रमारक ने कहा कि राज्य सरकार तब तक हार नहीं मानेगी, जब तक सुरंग के अंदर फंसे आठों लोग नहीं मिल जाते. शनिवार सुबह सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था, जिससे आठ मजदूर अंदर फंस गए थे. रेस्क्यू टीम 13.85 किलोमीटर लंबी सुरंग के 13.79 किलोमीटर तक का दायरा खंगाल चुके हैं. लेकिन आखिरी हिस्से में पानी और कीचड़ जमा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है. इसका मतलब है कि उन आठ जिंदगियों की सलामती के लिए महज 0.06 किलोमीटर का फासला है.
सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी
मंगलवार को घटनास्थल का दौरा करने के बाद डिप्टी सीएम भट्टी विक्रमारक ने कहा, ‘हम आठों लोगों का पता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. जब तक हम उन्हें ढूंढ नहीं लेते, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे. इसमें चाहे जितना भी वक्त लगे और जो भी करना पड़े, हम करेंगे.’ उन्होंने कहा कि देश भर के कई विशेषज्ञ पहले से ही मौके पर मौजूद हैं. इसके अलावा सरकार इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स के संपर्क में भी है.
11 एजेंसियां काम में जुटी
वहीं, तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी की मानें तो तेलंगाना टनल रेस्क्यू ऑपरेशन में 11 राष्ट्रीय और राज्य एजेंसियां जुटी हैं. इनमें सेना, नौसेना, मार्कोस कमांडो, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), मॉर्फ, सिंगरेनी, हाइड्रा, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, नवयुग और L&T टनल विशेषज्ञ और राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) शामिल हैं.
कीचड़ और पानी का बहाव ही है असल काल
सिंचाई मंत्री के मुताबिक, सुरंग के निर्माणाधीन खंड के आंशिक रूप से ढह जाने के बाद उसमें फंसे लोगों को बचाने में लगे दलों का जीवन भी कीचड़ और पानी के निरंतर प्रवाह के कारण खतरे में पड़ सकता है. रेड्डी ने विशेषज्ञों का हवाला दिया, जिन्होंने कहा है कि यह बचाव अभियान दुनिया में या कम से कम भारत में सबसे जटिल और कठिन है क्योंकि सुरंग में प्रवेश/निकास का केवल एक ही रास्ता है. मंत्री ने कहा कि मामूली बदलाव और कुछ भूगर्भीय भ्रंश रेखाओं के कारण निर्माणाधीन खंड आंशिक रूप से ढह गया होगा.
क्यों है खतरा
उन्होंने कहा,‘एक समस्या है. सुरंग में बहुत तेज़ गति से पानी का रिसाव जारी है और कीचड़ बह रहा है. इसलिए कुछ विशेषज्ञों ने राय व्यक्त की है कि बचाव कार्य में लगे लोगों की जान भी ख़तरे में पड़ सकती है. चूंकि हम एक ज़िम्मेदार सरकार हैं, इसलिए हम सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं और हम इस पर अंतिम फ़ैसला करेंगे (इस बारे में कि इसे कैसे आगे बढ़ाया जाए).’
First Published :
February 26, 2025, 06:26 IST