12,144 KM/घंटे की रफ्तार, सच हुई रामायण-महाभारत की बातें, दशहत में वैज्ञानिक!

1 month ago

Last Updated:March 06, 2025, 11:21 IST

LRAShM: भारत के वैज्ञानिकों ने लॉन्ग रेंज एंटी शिप मिसाइल (LRAShM) का सफल परीक्षण किया है. इसकी स्पीड 12,144 किमी/घंटा और मारक क्षमता 1500 किमी है. इससे नौसेना को मजबूती मिली है. इस मिसाइल को डीआरडीओ ने बनाया ह...और पढ़ें

12,144 KM/घंटे की रफ्तार, सच हुई रामायण-महाभारत की बातें, दशहत में वैज्ञानिक!

भारत की इस उपलब्धि से दुनिया के वैज्ञानिक हैरान हैं.

हाइलाइट्स

भारत ने LRAShM मिसाइल का सफल परीक्षण किया.LRAShM की स्पीड 12,144 किमी/घंटा और रेंज 1500 किमी है.इस मिसाइल से भारतीय नौसेना को मजबूती मिली है.

हमने अपने पौराणिक ग्रंथों में कई ऐसी चीजों के बारे में पढ़ी और सुनी है जिसको लेकर सहज भाव से आज की आधुनिक दुनिया में भी भरोसा नहीं होता. लेकिन, इन ग्रंथों की कई बातें अब सच साबित होती दिख रही है. दुनिया के वैज्ञानिक ऐसी-ऐसी चीजें बना रहे हैं जिसके बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती. रामायण-महाभारत की ही लेते हैं. उसमें ब्रह्मास्त्र, मायावी राक्षसों, पलक झपकते एक लोक से दूसरे लोक में लोगों के पहुंचे जैसी बातें कही गई है. ये बातें विज्ञान की कसौटी पर आज भी खरी नहीं उतरती हैं लेकिन, इनसे मिलती जुलती कई घटनाएं अब होने लगी है. वो भी विज्ञान की मदद से.

कुछ ऐसा ही कारनामा भारतीय वैज्ञानिकों ने किया है. इनके इस कारनामे को देखकर चीन-अमेरिका सहित दुनिया भर के वैज्ञानिक हैरान हैं. ऐसा लगने लगा है कि रामायण-महाभारत में कही गई बातें अब सही साबित होने लगी है. दरअसल, भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ब्रह्मास्त्र बनाया है जिसकी स्पीड 100, 200, 500, 1000 किमी प्रति घंटे की नहीं बल्कि 12,144 किमी प्रति घंटे की है. यानी इस स्पीड से आप एक घंटे में नई दिल्ली से अमेरिकी की राजधानी वाशिंगटन पहुंच जाएंगे.

LRAShM
इस ब्रह्मास्त्र का नाम है लॉन्ग रेंज एंटी शिप मिसाइल (LRAShM). यह एक हाइपरसोनिक ग्लाइड हथियार है. इसे डीआरडीओ ने विकसित किया है. इसका बीते साल 16 नवंबर को ओडिशा के समुद्र तट पर स्थित डॉक्टर एपीजे अब्दुल कमाल आईलैंड से सफल परीक्षण किया गया. इसकी मारक क्षमता 1500 किमी है. यानी समंदर में भारतीय तट से 1500 किमी की दूरी पर दुश्मन के जहाज या युद्धपोत दिखने के 7 से 8 मिनट के भीतर यह मिसाइल उसे तबाह कर देगी. इस जमीन और वहां दोनों जगहों से दागा जा सकता है.

शुरुआत में रक्षा विशेषज्ञ बताते थे कि इस LRAShM की अधिकतम स्पीड 6 से 7 मैक की होगी. मैक ध्वनि की स्पीड को मापने की यूनिट होती है. लेकिन, वास्तविक रूप में अपनी ये मिसाइल आवाज की स्पीड से 10 गुना अधिक तेजी से वार करेगी. एक मैक की स्पीड का मतलब 1,235 किमी प्रति घंटे की रफ्तार है. यानी जब हम कुछ बोलते हैं तो वह किसी दूसरे के पास 1235 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पहुंचती है. लेकिन, अपनी ये मिसाइल इससे 10 गुना रफ्तार से वार करेगी. तो है न यह अचंभित करने वाली बात.

Indian Scientists Develop 12144 kmph long range anti ship missile LRAShM with range of 1500km

डीआरडीओ ने एक बार फिर मिसाइल निर्माण में अपनी महारथ दिखाई है.

कहां हैं चीन-अमेरिका
अब आप सोच रहे हैं कि जब भारत के वैज्ञानिकों ने यह कारनामा कर लिया है तो चीन-अमेरिका जैसी मौजूदा दुनिया की महाशक्तियों ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया है. निश्चिततौर पर उन्होंने भी इस दिया में काम किया है और उनके पास भी ऐसे हथियार हैं. लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है कि भारत ने इस LRAShM के जरिए स्क्रैमजेट और ग्लाइड तकनीक का शानदार नमूना पेश किया है. इसमें स्ट्रीम हीट से निपटने के लिए यूनिक मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है. क्योंकि जब कोई भी ऑब्जेक्ट इस स्पीड से ट्रेवल करता है तो उसके आग का गोला बनने में सेकेंड भर की देरी नहीं लगती. जबकि यह मिसाइल एक सेकेंड में 3.37 किमी की दूरी तय करती है.

इस मिसाइल के सफल परीक्षण से भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में एक बड़ी मजबूती मिली है. इससे इस क्षेत्र में चीन के प्रभाव को आसानी से काउंटर किया जा सकेगा. हाइपरसोनिक स्पीड वाली इस मिसाइल से भारत समंदर में चलहकदमी करने वाले दुश्मन के जहाजों, युद्धपोतों और बेड़ों को मिनटों में तबाह करने की हैसियत रखता है. उदाहरण के लिए अगर कोई युद्ध पोत पाकिस्तान के कराची बंदरगाह के आसपास चहलकदमी कर रहा है और उसकी नीयत भारत को निशाना बनाने की है तो उसे मुंबई तट से मात्र 4 से 5 मिनट में यह मिसाइल तबाह कर सकती है.

चीन-पाकिस्तान के नाक में दम
समंदर में भारत को दो देशों चीन और पाकिस्तान से सबसे ज्यादा चुनौती मिलती है. चीन के पास ऐसी ही एक मिसाइल है DF-17. इसकी स्पीड भी 10-12 मैक की बताई जा रही है. उसने इस साल भी एक ऐसी ही मिसाइल बनाने का दावा किया है. लेकिन उसकी इन दोनों मिसाइलों का रेंज करीब 1000 किमी है. जबकि भारत के LRAShM की रेंज 1500 किमी है. कुछ जानकार तो यह भी कहते हैं कि भारत ने दुनिया को दिखाने के लिए 1500 किमी की रेंज बताई है जबकि इसकी वास्तविक रेंज इससे भी कहीं ज्यादा है. ऐसे में इस ब्रह्मास्त्र के हाथ लगने से भारत दुश्मन के क्षेत्र में उसके करवट बदलने से पहले ही हमला कर सकता है.

First Published :

March 06, 2025, 11:21 IST

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