Last Updated:August 17, 2025, 06:47 IST
TEJAS MK-1A Fighter Jet: डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता को हासिल करने के लिए भारत ने कई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण देसी फाइटर जेट का निर्माण है. इसका दूसरा उद्देश्य भी है- डिफेंस मार्केट...और पढ़ें

TEJAS MK-1A Fighter Jet: देश और दुनिया में बदलते सामरिक माहौल को देखते हुए भारत के लिए डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता हासिल करना जरूरी हो गया है. मिसाइल डेवलपमेंट के सेगमेंट में भारत ने कई मील के पत्थर गाड़े हैं. अब भारत का फोकस देसी मॉडर्न फाइटर जेट डेवलप करने पर है. तेजस प्रोजेक्ट उसमें काफी अहम है. इसके अलावा 5th जेनरेशन के लड़ाकू विमान को घरेलू स्तर पर डेवलप करने के लिए भी AMCA प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया है. भारत तेजस फाइटर जेट प्रोजेक्ट के तहत देसी लड़ाकू विमान के कई अपग्रेडेड वैरिएंट पर एक साथ काम कर रहा है. आने वाले कुछ महीनों में इसका असर देखने को मिलेगा. तेजस फाइटर जेट के दो वर्जन (MK-1A और MK-2A) पर तेजी से काम चल रहा है. तेजस MK-1A काफी खास होने वाला है. इसकी कई खासियतें ऐसी हैं, जो इसे घातक के साथ ही चपल भी बनाती हैं. अमेरिकी F-16 और Su-30 जैसे फाइटर जेट इसके सामने टेक्नोलॉजी और एडवांसमेंट के मामले में कहीं पीछे है. चीन के कई फाइटर जेट तो तेजस MK-1A के सामने कहीं नहीं ठहरते हैं.
तेजस MK-1A में लगा EL/M-2052 AESA रडार 150–160 किमी तक 5m² RCS वाले टारगेट और 110–120 किमी तक छोटे 1m² RCS वाले टारगेट को डिटेक्ट कर सकता है. इसकी तुलना में पाकिस्तान का JF-17 ब्लॉक III 3–4m² RCS के साथ कहीं अधिक आसानी से दिखाई देता है, जबकि चीन का J-10C और रूस के Su-30/J-11/J-16 वर्ग के फाइटर 10m² से अधिक RCS रखते हैं. इसका मतलब है कि तेजस कम रडार क्रॉस-सेक्शन (0.5–1.2m²) के चलते दुश्मन की नजर से बचकर पहले देखने और पहले मारने की क्षमता रखता है.
फिलहाल राफेल जेट पर निर्भरता और भरोसा दोनों है. (फोटो: पीटीआई)
फ्रंटलाइन तैनाती और भरोसा
भारतीय वायुसेना ने तेजस स्क्वॉड्रन को राजस्थान के नल, गुजरात के नलिया और लद्दाख के लेह में तैनात करने की तैयारी कर रहा है. यह रेगिस्तानी, तटीय और पहाड़ी तीनों तरह के ऑपरेशनल एनवायरमेंट में इसके भरोसेमंद प्रदर्शन का प्रमाण है. स्क्वॉड्रन की तैनाती की प्लानिंग दर्शाती है कि एयरफोर्स इसे न सिर्फ ट्रायल के तौर पर बल्कि एक्टिव फ्रंटलाइन रोल में अपना चुकी है.
तेजस MK-1A को इस तरह से बनाया जा रहा है कि वह दुश्मन के रडार सिस्टम को चकमा दे सके. (फोटो: पीटीआई)
हथियारों की ताकत
तेजस का हथियार पैकेज इसे एक मल्टीरोल प्लेटफॉर्म बनाता है.
BVR कॉम्बैट: Astra MK-1 मिसाइल (110 किमी रेंज)
WVR कॉम्बैट: Python-5 और ASRAAM (20–25 किमी रेंज)
इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर: Elta EL/M 8222 जामिंग पॉड
SEAD/DEAD मिशन: NGARM (100 किमी से अधिक) और BrahMos-NG
प्रेसिजन स्ट्राइक: Spice-2000 बम और SAAW (100 किमी रेंज), Litening टारगेटिंग पॉड
परफॉर्मेंस और बैटल कैपेबिलिटी
तेजस पूरी तरह लोड होने पर Mach 1.6 की गति तक पहुंच सकता है और आठ हार्डपॉइंट्स पर 3,500 किग्रा तक पेलोड ले जा सकता है. इसका डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम और त्वरित टर्निंग क्षमता इसे नज़दीकी हवाई युद्ध (dogfight) में भी घातक हथियार बनाते हैं. 40% से अधिक कंपोज़िट मटेरियल का उपयोग वजन घटाने और स्टील्थ दोनों में मदद करता है. तेजस की सबसे बड़ी ताकत इसकी मल्टीरोल (multi-role) क्षमता है. यह एक साथ इंटरसेप्शन, डीप स्ट्राइक और रिकॉन मिशन (टोही या जासूसी मिशन) पूरा कर सकता है. पुराने भारतीय जेट जैसे मिग-21 या जगुआर ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं. तेजस महज मिग-21 का रिप्लेसमेंट नहीं है, बल्कि यह आने वाले तीन दशकों के लिए भारत का हल्का लड़ाकू विमान है. इसकी ग्रोथ रोडमैप और भविष्य की कॉन्फ़िगरेशन विकल्प इसे वैश्विक मानकों के बराबर खड़ा करते हैं.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 17, 2025, 06:47 IST