Teera Kamat News: चार साल पहले SMA से जूझ रही तीरा कामत को 16 करोड़ रुपये का ज़ोलगेन्स्मा इंजेक्शन दिया गया था. अब वह खुद से सांस ले सकती है, बैठ सकती है और चार भाषाओं में बात कर सकती है.
Local18Last Updated :March 5, 2025, 10:55 IST
Abhay Pandey
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एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये. सुनने में भले ही अविश्वसनीय लगे, लेकिन यह रकम एक नन्ही बच्ची के जीवन के लिए अमूल्य साबित हुई. चार साल पहले स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी (SMA) नामक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी से जूझ रही तीरा कामत को ज़ोलगेन्स्मा नामक महंगा इंजेक्शन दिया गया था.
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आज चार साल बाद तीरा कामत अब खुद से सांस ले सकती है, बैठ सकती है और हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, कोंकणी इन चार भाषाओं में बात भी कर सकती है. उसकी इस प्रगति से उसके परिवार के लिए यह खुशी का पल है.
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तीरा का इलाज कर रही पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नीलू देसाई ने बताया कि, "तीरा की सेहत में बड़ा सुधार हुआ है. तीन साल की उम्र में वह बिना सहारे के सांस लेने लगी थी."
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अब वह खुद उठ-बैठ सकती है और बात भी कर सकती है. डॉक्टरों के अनुसार, केवल दवाओं का ही नहीं, बल्कि उसके माता-पिता द्वारा की गई विशेष देखभाल का भी इसमें बड़ा योगदान है.
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तीरा जब केवल 6 महीने की थी, तब SMA टाइप-1 बीमारी से diagnosed हुई थी. इस बीमारी का इलाज केवल 'ज़ोलगेन्स्मा' इंजेक्शन से ही संभव है, जो अमेरिका से आयात किया जाता है. इसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है और भारत में आयात शुल्क (import duty ) और कर मिलाकर यह खर्च 22 करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है.
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तीरा के माता-पिता ने क्राउडफंडिंग के माध्यम से पैसे जुटाए और केंद्र सरकार ने सहानुभूति दिखाते हुए 6 करोड़ रुपये का आयात शुल्क और कर माफ कर दिया. आखिरकार, 27 फरवरी 2021 को हिंदुजा अस्पताल, मुंबई में तीरा कामत को यह इंजेक्शन दिया गया.
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पिछले चार सालों में तीरा धीरे-धीरे ठीक होती गई. आज वह हंसती है, बोलती है और उसका जीवन सामान्य हो रहा है. एक महंगे इंजेक्शन और उसके माता-पिता की मेहनत से उसका पूरा जीवन बदलने लगा है. उसके परिवार के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं है! (फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम @teera_fights_sma)