Last Updated:August 27, 2025, 09:32 IST
Katihar Binodpur SIR Controversy Ground Report: कटिहार के बिनोदपुर में मकान नंबर 82 अचानक सुर्खियों में है! कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के एक ट्वीट ने दावा किया कि इस मकान में 197 वोटर हैं और यह 20 साल स...और पढ़ें

पटना. बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं. लेकिन, कांग्रेस के दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि पार्टी के साथ नया विवाद जुड़ गया है. दरअसल, कटिहार में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के बाद कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने X पर ट्वीट कर बिनोदपुर के मकान नंबर 82 में 197 वोटर होने और मकान के 20 साल से बंद होने का दावा किया था. यह ट्वीट SIR के खिलाफ विपक्ष के दावे को पुष्ट करने के मकसद से किया गया कि बिहार में मतदाता सूची में गड़बड़ियां हैं. इसको लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के ट्वीट ने कटिहार जिला प्रशासन में खलबली मचा दी. डीएम मनेश कुमार मीणा ने तुरंत जांच के आदेश दिए. जांच में पता चला कि मकान नंबर 82 में केवल 10-12 लोग ही पंजीकृत हैं, न कि 197. प्रशासन ने साफ तौर पर कहा है कि यह महज अफवाह फैलाने की कोशिश थी.
कटिहार प्रशासन का जवाब
डीएम मनेश कुमार मीणा ने बताया कि मकान में रहने वाले लोग समय-समय पर आते-जाते हैं और इसे बंद बताना गलत है. कटिहार प्रशासन ने सुप्रिया के ट्वीट को गलत और भ्रामक बताया. डीएम ने कहा, हमने तथ्यों की जांच की. मकान में 197 वोटर का दावा पूरी तरह झूठा है. SIR पारदर्शी तरीके से हो रहा है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भी ECI को 65 लाख हटाए गए वोटरों की सूची और कारण सार्वजनिक करने का आदेश दिया है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे. यह कदम SIR की विश्वसनीयता को मजबूत करने की दिशा में है.
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के सोशल मीडिया पोस्ट का स्क्रीन शॉट.
स्थानीय लोगों का गुस्सा
मकान नंबर 82 के पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने कांग्रेस के दावों का खंडन किया. स्थानीय निवासी शिव शंकर रामाणी और राजेश रामाणी ने बताया कि यह मकान 20 साल से बंद नहीं है. मकान के मालिक और उनके परिवार वाले बरौनी में रहते हैं, लेकिन हर दो-तीन महीने में यहां आते हैं.एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने कहा, कांग्रेस के नेता बेवजह भ्रम फैला रहे हैं जिससे हमारी बदनामी हो रही है.लोगों ने SIR को बदनाम करने की कोशिश पर नाराजगी जताई.
SIR का उद्देश्य और विवाद
बता दें कि चुनाव आयोग ने जून 2024 में SIR शुरू किया था, जिसका मकसद मतदाता सूची को अपडेट करना और फर्जी, मृत या डुप्लिकेट वोटरों को हटाना था. बिहार में 65 लाख नाम हटाए गए, जिसे विपक्ष ने वोटर दमन का हथकंडा बताया. कांग्रेस और राजद ने इसे एनडीए के पक्ष में मतदाता सूची में हेरफेर का प्रयास करार दिया. सुप्रिया श्रीनेत का ट्वीट इसी अभियान का हिस्सा था, लेकिन जिला प्रशासन की जांच ने उनके दावों की हवा निकाल दी.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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First Published :
August 27, 2025, 09:32 IST