AMRAAM Missile: आज दुनिया में ब्रह्मोस के साथ साथ एक और मिसाइल चर्चा में है. भारत को अपना दोस्त बताने वाले डॉनल्ड ट्रंप इस खतरनाक मिसाइल से तुर्किए को लैस कर रहे हैं. यानि आतंकी देश पाकिस्तान के दोस्त की ताकत बढ़ाने जा रहे हैं . आज आपके दिमाग में भी एक बात आ रही होगी. क्या भारत को अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर भरोसा करना चाहिए. क्या डॉनल्ड ट्रंप पर भरोसा करना भारत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. क्या ट्रंप आतंकवाद को लेकर दोहरा चरित्र रखते हैं. क्या ट्रंप अब लीडर से बड़े आर्म डीलर बन गए हैं. आज सबसे पहले आपको अमेरिका और तुर्किए के बीच हुई नई डिफेंस डील के बारे में जानना चाहिए, जिससे तुर्किए की ताकत काफी बढ़ जाएगी. अमेरिका ने तुर्किए से हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल बेचने का सौदा किया है. इसके तहत अमेरिका तुर्किए को घातक मानी जाने वाली AIM-120C-8 मिसाइलें देगा.
14 मई को अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने इस सौदे को मंजूरी दे दी है.
इस मिसाइल डील की अनुमानित कीमत 225 मिलियन डॉलर है.
इसके तहत तुर्किए को 53 AMRAAM मिसाइलें दी जाएंगी.
तुर्किए अपने F-16 फाइटर जेट को अपग्रेड कर रहा है, जो उसकी वायुसेना की रीढ़ हैं.
नई मिसाइल डील से F-16 की मारक क्षमता और ज्यादा बढ़ जाएगी.
तुर्किए अमेरिका की अगुवाई वाले NATO गठबंधन का हिस्सा भी है. अमेरिका इस सौदे को NATO देशों के बीच होने वाले आपसी सहयोग का हिस्सा बता रहा है. इस सौदे से भारत के दोस्त ग्रीस को खतरा है, जिसकी दुश्मनी तुर्किए से काफी पुरानी है. ग्रीस भी NATO गठबंधन का हिस्सा है. लेकिन तुर्किए से हथियारों की डील में अमेरिका के लिए डॉलर कमाने का मौका छिपा है. इसलिए अमेरिका ने ग्रीस की चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया.
जान लें AMRAAM मिसाइल की ताकत
अमेरिका से तुर्किए को जो AMRAAM मिसाइलें मिलने वाली हैं. आज आपको भारत से उनका कनेक्शन और इन मिसाइलों की ताकत के बारे में भी जानना चाहिए. तुर्किए की तरफ पाकिस्तान भी अमेरिका के एफ-16 फाइटर जेट का इस्तेमाल करता है. 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमले के लिए AMRAAM मिसाइलों का इस्तेमाल किया था, जिसका मलबा भी भारत में मिला था. यानि जो मिसाइलें अमेरिका तुर्किए को देने वाला है, उनका इस्तेमाल पाकिस्तान भी करता है.
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष में तुर्किए ने पाकिस्तान को ड्रोन दिए थे, जिससे पाकिस्तान ने भारत पर हमला भी किया था. यही वजह है अमेरिका-तुर्किए की मिसाइल डील पर भारत की भी नजर बनी हुई है. अब तुर्किए को मिलने वाली नई मिसाइल की ताकत के बारे में आपको बताते हैं.
AMRAAM मिसाइल 160 से 180 किलोमीटर के बीच किसी भी लक्ष्य पर हमला कर सकती है.
एक्टिव रडार होमिंग इस मिसाइल की बड़ी खासियत है. यानि ये अपने लक्ष्य को खुद खोजती है. उसे ट्रैक करती है और फिर हमला करती है.
AMRAAM में मल्टी शॉट कैपेबिलिटी भी मौजूद है. यानि ये मिसाइल एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है.
हाई स्पीड से हमला करने की क्षमता को इसकी सबसे बड़ी खासियत माना जाता है.
तुर्किए का F-16 फाइटर जेट जब इस मिसाइल से लैस हो जाएगा तो उसमें Beyond Visual Range Air Superiority क्षमता आ जाएगी. यानि इसकी रेंज बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी. पाकिस्तान जैसे मुल्क इस सौदे से काफी खुश होंगे क्योंकि जो मुल्क उसे खुलकर समर्थन देने का एलान करता है, ट्रंप उसके साथ हथियार की डील कर रहे हैं. लेकिन आप यकीनन भारत से दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रहे तुर्किए को ताकतवर होता नहीं देखना चाहेंगे. लेकिन डॉनल्ड ट्रंप को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. जो देश अमेरिका से हथियार खरीद रहा है, अमेरिका को डॉलर दे रहा है, डॉनल्ड ट्रंप उसके साथ मजबूती से खड़े हैं. सऊदी अरब ने अमेरिका से साथ 600 बिलियन डॉलर की डील की और सऊदी के कहने पर ट्रंप ने सीरिया से पाबंदी तक हटा दी.