DOGE वाले एलन मस्क को कोर्ट की कड़ी फटकार, कहा- हरगिज नहीं कर सकते ये काम

4 days ago

Judge blocks Musk’s Doge from accessing Americans’ data: अमेरिका की एक फेडरेल कोर्ट ने अरबपति कारोबापी एलन मस्क के सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) को एजुकेशन डिपार्टमेंट, ट्रेजरी डिपार्टमेंट और पर्सल मैनेजमेंट ऑफिस में लोगों के निजी डेटा तक पहुंचने से अस्थायी रूप से रोक दिया है. अमेरिकी जिला जज डेबोरा बोर्डमैन (Deborah Boardman) ने पिछले महीने मैरीलैंड की संघीय अदालत में ट्रेड यूनियनों के गठबंधन द्वारा दायर एक मामले में प्रारंभिक निषेधाज्ञा जारी की थी.

DOGE ने तोड़ा कानून?

अमेरिकन फेडरेशन ऑफ टीचर्स के नेतृत्व में, वादी ने आरोप लगाया कि ट्रंप के प्रशासन ने संघीय गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन किया जब उसने डोगे को उनकी सहमति के बिना लाखों अमेरिकियों की व्यक्तिगत जानकारी वाले सिस्टम तक पहुंच प्रदान की. जस्टिस बोर्डमैन, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा फेडरल बेंच के लिए नामित किया गया था, उन्होंने पहले एक अस्थायी निरोधक आदेश जारी किया था.

मामले की सुनवाई के दौरान जज ने पाया कि ट्रंप प्रशासन ने संभवतः कानून का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा, 'सरकार यह स्पष्ट करने में विफल रही कि DOGE को आखिर अपनी ड्यूटी पूरा करने के लिए लाखों रिकॉर्ड तक पहुंच हासिल करने की क्या जरूरत थी'.

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जज ने ये भी कहा, ट्रंप प्रशासन संघीय कर्मचारियों और छात्र ऋण और सरकारी लाभ वाले लोगों के पर्सनल डेटा के भंडार तक बिना किसी बाधा के पहुंच प्राप्त किए राष्ट्रपति के एजेंडे को आगे बढ़ा सकता है. इसमें उनकी आय और संपत्ति की जानकारी, सामाजिक सुरक्षा संख्या, जन्मतिथि, घर का पता और वैवाहिक और नागरिकता की स्थिति शामिल है. 

बोर्डमैन ने अपनी राय में लिखा, 'उन्हें अपनी जानकारी की सुरक्षा के लिए संघीय सरकार पर भरोसा था. संभवतः उस सार्वजनिक विश्वास का उल्लंघन किया गया है.'

मुकदमे में ट्रंप प्रशासन पर गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करते हुए, उसके इच्छित उपयोग से परे कारणों से संवेदनशील डेटा सौंपने का आरोप लगाया गया है. मुकदमे में कहा गया है-  फेडरल स्टूडेंट लोन प्रोग्राम को पूरा करने के बजाय, DOGE ने शिक्षा विभाग को 'नष्ट करने के मकसद से' डेटा तक पहुंच बना रहा है.

आपको बताते चलें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते ही संबंधित विभाग को खत्म करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे. उनके आदेश में कहा गया कि स्टूडेंट लोन को अब स्माल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा संभाला जाएगा. वहीं विकलांग छात्रों से जुड़े कार्यक्रमों को हेल्थ और मानव सेवा विभाग में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

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