Last Updated:January 15, 2025, 08:59 IST
Naval Superpower in Asia: पीएम मोदी बुधवार को मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में तीन युद्धपोत आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इससे भारतीय नौसेना की ताकत में कितना इजाफा होगा. अगर भारत, चीन और पाकिस्तान की नौसेना की तुलना की...और पढ़ें
हाइलाइट्स
पीएम मोदी 3 युद्धपोत राष्ट्र को समर्पित करेंगेआईएनएस सूरत, नीलगिरी और वाघशीर शामिलभारतीय नौसेना चीन से छोटी, पाकिस्तान से बड़ीNaval Superpower in Asia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को महाराष्ट्र दौरे पर हैं. पीएम मोदी सुबह करीब 10:30 बजे मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इन तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोतों की कमीशनिंग या सेना में शामिल होना भारत के रक्षा निर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक नेता बनने के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है.
आईएनएस सूरत, पी15बी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा और अंतिम जहाज है. यह दुनिया के सबसे बड़े और सबसे उन्नत डिस्ट्रॉयर में से एक है..इसके निर्माण में 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल हुआ है. यह अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है. आईएनएस नीलगिरी, पी17ए स्टील्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला जहाज है. इसे भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है. इसमें तमाम खासियत हैं जो इसकी क्षमता और ताकत को बढ़ाती हैं. आईएनएस वाघशीर, पी75 स्कॉर्पीन प्रोजेक्ट की छठी और अंतिम पनडुब्बी है. यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की पनडुब्बी निर्माण में विशेषज्ञता बढ़ती जा रही है. आईएनएस वाघशीर को फ्रांस के सहयोग से बनाया गया है.
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चीन प्रशांत और हिंद महासागरों के बीच स्थित है और समुद्री शक्ति के मामले में एक प्रमुख देश है. पाकिस्तान की समुद्री सीमा अरब सागर से लगती है. कराची बंदरगाह, पाकिस्तान का सबसे व्यस्त समुद्री बंदरगाह है. भारत, समुद्री ताकत के मामले में एशियाई शक्तियों में से एक है. भारत एक प्रायद्वीप है, यानी वो तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है. भारत के पूर्व में बंगाल की खाड़ी, उसके पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंद महासागर है. आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर के कमीशनिंग से भारत की नौसैनिक क्षमताओं में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. हालांकि जब इन तीन जहाजों से परे नौसैनिक शक्ति की तुलना की जाएगी तो उसमें कई कारकों को शामिल किया जाएगा.
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भारतीय नौसेना की चीन और पाकिस्तान से तुलना
बेड़े का आकार और संरचना: भारत की नौसेना चीन की तुलना में छोटी है, लेकिन पाकिस्तान की तुलना में बड़ी है. भारत के पास विमानवाहक पोत, डिस्ट्रायर, फ्रिगेट, पनडुब्बियां और अन्य जहाजों सहित एक विविध बेड़ा है. भारत हाल ही में कमीशन किए गए उन्नत युद्धपोतों के साथ अपने बेड़े का आधुनिकीकरण कर रहा है. हालांकि, चीन के पास अधिक उन्नत और ज्यादा जहाज हैं, जिनमें विमानवाहक पोत और परमाणु पनडुब्बियां शामिल हैं. पाकिस्तान की नौसेना अपेक्षाकृत छोटी और तकनीकी रूप से कम उन्नत है.
पनडुब्बियां: पनडुब्बियां नौसैनिक युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. भारत डीजल-इलेक्ट्रिक और परमाणु संचालित पनडुब्बियों को इस्तेमाल करता है. जबकि चीन के पास पारंपरिक और परमाणु संचालित दोनों प्रकार के जहाजों के साथ एक बड़ा पनडुब्बी बेड़ा है. पाकिस्तान का पनडुब्बी बेड़ा छोटा है.
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एंटी-सबमरीन वारफेयर: पनडुब्बी खतरों का मुकाबला करने के लिए एंटी-सबमरीन वारफेयर (एएसडब्ल्यू) की क्षमता महत्वपूर्ण हैं. भारत एएसडब्ल्यू तकनीक में निवेश कर रहा है, लेकिन चीन के पास संभवतः अधिक उन्नत एएसडब्ल्यू सिस्टम हैं.
नौसैनिक विमानन: भारत विमानवाहक पोतों और नौसैनिक विमानों के बेड़े का संचालन करता है. चीन के पास विमानवाहक पोत और एक बड़ा नौसैनिक विमानन बल भी है. पाकिस्तान की नौसैनिक विमानन क्षमताएं सीमित हैं.
नौसैनिक अड्डे और बुनियादी ढांचा: भारत के पास अपने तट के साथ रणनीतिक रूप से स्थित नौसैनिक अड्डों का एक नेटवर्क है. चीन के पास भी महत्वपूर्ण संख्या में नौसैनिक अड्डे हैं, जबकि पाकिस्तान का नौसैनिक बुनियादी ढांचा अपेक्षाकृत छोटा है.
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नौसैनिकों की संख्या और प्रशिक्षण: प्रभावी नौसेना के लिए एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अनुभवी नौसैनिक कर्मी आवश्यक है. भारत में एक मजबूत नौसैनिक प्रशिक्षण प्रतिष्ठान है, लेकिन चीन के पास अधिक संख्या में नौसैनिक कर्मी हैं
नौसेना का बजट: रक्षा बजट और नौसैनिक आधुनिकीकरण में निवेश नौसैनिक शक्ति का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. भारत अपने रक्षा खर्च में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है, लेकिन चीन का रक्षा बजट काफी अधिक है.
कौन किस पर भारी
चीन की नौसेना बड़ी है, अधिक तकनीकी रूप से उन्नत है और अधिक क्षमता रखती है. हालांकि, भारत अंतर को पाटने के लिए अपने बेड़े का आधुनिकीकरण कर रहा है और स्वदेशी तकनीक का विकास कर रहा है. भारत की नौसेना आकार, तकनीकी क्षमताओं और ताकत के मामले में पाकिस्तान की नौसेना से काफी आगे है.
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एक नजर में जानिए किसके पास क्या?
नौसैनिक क्षमता भारत चीन पाकिस्तान
कुल जहाज 294 730 114
एयरक्राफ्ट कैरियर 02 02 00
हैलीकॉप्टर कैरियर 00 03 00
डिस्ट्रायर 12 49 02
फ्रिगेटेस 12 42 09
कारवेट्स 18 72 07
पेट्रोल वेसेल 137 150 65
माइन वारफेयर 00 36 03
पनडुब्बी 18 78 09
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
January 15, 2025, 08:59 IST