Last Updated:January 15, 2025, 13:49 IST
Siddaramaiah News: कर्नाटक हाईकोर्ट ने सिद्धारमैया के खिलाफ मुडा घोटाला मामले में लोकायुक्त जांच पर लगी रोक हटा दी है. लोकायुक्त अब मुडा घोटाले की जांच फिर से शुरू करेगा.
बेंगलुरु: कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर बड़ी खबर सामने आई है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने सिद्धारमैया के खिलाफ एमयूडीए (MUDA) घोटाला मामले में लोकायुक्त जांच पर लगी रोक हटा दी है. साथ ही लोकायुक्त को अपनी जांच जारी रखने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने लोकायुक्त से 27 जनवरी तक रिपोर्ट भी मांगी है. इसके साथ ही लोकायुक्त से कहा है कि अब तक जितने भी दस्तावेज इकट्ठा किए हैं, उन्हें कल तक जमा कर दें.
हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार-विरोधी प्राधिकरण लोकायुक्त को आज तक की जांच का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया है. यह टिप्पणी अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की. इस याचिका में कथित घोटाले की जांच, जो फिलहाल लोकायुक्त पुलिस कर रही है, CBI को सौंपने का निर्देश देने की मांग की गई है. पिछले साल दिसंबर में हाईकोर्ट ने मुददा घोटाला मामले में सिद्धारमैया और उनके परिवार के खिलाफ लोकायुक्त की रिपोर्ट दाखिल करने को टाल दिया था. सिद्धारमैया के परिवार में उनकी पत्नी और बहनोई भी शामिल हैं.
जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने कहा, ‘लोकायुक्त आज तक की गई जांच का ब्योरा रिकॉर्ड में रखे. लोकायुक्त जांच जारी रखेगा. इसकी निगरानी लोकायुक्त के पुलिस महानिरीक्षक करेंगे. अगर कोई रिपोर्ट है तो उसे अगली तारीख पर दाखिल किया जाए और उनके द्वारा उसका अध्ययन किया जाए. सुनवाई की अगली तारीख से एक दिन पहले रिपोर्ट दाखिल की जाए. अगली तारीख तक मामले में जिरह पूरी की जाए.’
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने दलील दी कि एक संदिग्ध या संभावित अभियुक्त को मामले में पक्ष नहीं बनाया जा सकता है. इसके जवाब में अदालत ने कहा कि दलीलें इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि क्या जांच CBI को सौंपी जानी चाहिए.
सिंह ने निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की आवश्यकता पर बल दिया जो जनता का विश्वास बढ़ाए. उन्होंने कहा कि जब उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी और राजनेता शामिल होते हैं, तो अदालतें निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए अक्सर अपने विवेक का इस्तेमाल करती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ नौकरशाही समितियों ने लोकायुक्त से केस रिकॉर्ड अपने कब्जे में ले लिया था.
इन दलीलों के बाद अदालत ने लोकायुक्त को अपनी जांच जारी रखने और अगली सुनवाई से एक दिन पहले रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. वकील कुमार ने अदालत को बताया कि निचली अदालत ने रिपोर्ट सौंपने की समयसीमा 28 जनवरी तय की है. अदालत ने कहा कि वह कोई भी फैसला सुनाने से पहले मामले के दस्तावेजों की समीक्षा करेगी. अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी.
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First Published :
January 15, 2025, 13:49 IST