Last Updated:January 15, 2025, 14:53 IST
Impact of Real Estate Sector : बजट 2025 में रियल एस्टेट सेक्टर ने आम आदमी के हित में सरकार से कुछ अपील की है. सेक्टर के शीर्ष सगठन क्रेडाई का कहना है कि आने वाले सात साल में 7 करोड़ मकानों की जरूरी है और...और पढ़ें
रियल एस्टेट सेक्टर का जीडीपी में 53 फीसदी योगदान रहता है.
नई दिल्ली. देश की अर्थव्यवस्था में आधे से ज्यादा योगदान देने वाले एक अकेले सेक्टर ने आने वाले बजट के लिए सरकार से कुछ मांगा है. इस सेक्टर के शीर्ष संगठन का कहना है कि 40 करोड़ भारतीयों की जरूरतों को पूरी करने के लिए कुछ रियायत चाहिए. अगर सरकार 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में हमें कुछ सहूलियतें देती है तो आने वाले समय में यह सेक्टर अकेले दम पर 2 करोड़ से ज्यादा रोजगार पैदा करने की क्षमता रखता है. अभी यह सेक्टर करीब 8 करोड़ रोजगार दे रहा है.
हम बात कर रहे हैं रियल एस्टेट सेक्टर की, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 200 क्षेत्रों में काम करने वाली हजारों कंपनियां जुड़ी हुई हैं. इस सेक्टर के शीर्ष संगठन क्रेडाई ने सरकार को आगामी बजट में किफायती आवास परियोजनाओं पर आयकर की दर केवल 15 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी. क्रेडाई ने कहा कि इससे कम लागत वाले मकानों की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिनकी मांग सबसे अधिक है.
13 हजार डेवलपर्स की अगुवाई करता है संगठन
‘कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (क्रेडाई) ने इस क्षेत्र के समक्ष आने वाली गंभीर चुनौतियों के समाधान के लिए बजट में कई सुझाव दिए हैं. इन सुझावों में किफायती आवास की परिभाषा में बदलाव, किफायती मकान बनाने के लिए रियल एस्टेट कंपनियों को टैक्स में छूट तथा होम लोन पर व्यक्तियों द्वारा चुकाए जाने वाले मूलधन और ब्याज पर टैक्स कटौती की सीमा बढ़ाने की मांग शामिल है. क्रेडाई देश के करीब 13,000 से अधिक डेवलपर का प्रतिनिधित्व करता है.
किफायती मकानों पर जताई चिंता
संगठन ने पिछले कुछ वर्षों में पेश होने वाले नए प्रोजेक्ट में किफायती आवास खंड की घटती हिस्सेदारी पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है. आपूर्ति में कमी के साथ, कुल बिक्री में किफायती मकानों की हिस्सेदारी भी कम हो गई है. इसने इस गिरावट की प्रवृत्ति को प्राथमिकता के आधार पर रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया. क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा, ‘सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे में अपने व्यापक योगदान के साथ भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र हमेशा राष्ट्र निर्माण में सबसे आगे रहा है. जीडीपी के लगभग 53 प्रतिशत (प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से) हिस्से को प्रभावित करने वाले और आठ करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने वाले इस क्षेत्र के पास उन 40 करोड़ भारतीयों की आवास जरूरतों का पूरा करने की कुंजी है, जिनके पास मकान नहीं हैं.’
सात साल में बनेंगे 7 करोड़ मकान
ईरानी ने कहा कि अगले सात वर्षों में सात करोड़ मकान उपलब्ध कराने और दो करोड़ नए रोजगार सृजित करने के लक्ष्य के साथ बजट 2025 के लिए क्रेडाई की सिफारिशों का उद्देश्य दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान करना और क्षेत्र की वास्तविक क्षमता को उजागर करना है. हमें भरोसा है कि इन उपायों से वृद्धि को गति मिलेगी, मकान खरीदार सशक्त बनेंगे और भारत की आर्थिक महत्वाकांक्षाओं को समर्थन मिलेगा.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
January 15, 2025, 14:53 IST