Trump 2.0: दुनियाभर में ट्रंप की नीतियों से आ सकते हैं ये बदलाव, भारत पर कैसे पड़ेगा असर?

3 hours ago

Donald Trump: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं. ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. इससे पहले वह साल 2017-2021 तक अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. सवाल ये है कि क्या ट्रंप अपने शासनकाल में मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन की नीतियों को बदल देंगे? वहीं दुनिया समेत भारत पर इसका क्या असर होगा? 

ये भी पढ़ें- PIA: पाकिस्‍तानी एयरलाइंस ने दिया ऐसा ऐड, PM ने नाराज होकर दिया जांच का आदेश

पासा पलटेंगे ट्रंप? 
ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में व्हाइट हाउस के लिए नए थे, हालांकी इस बार का उनका शासन पहले जैसा कुछ भी नहीं होने वाला है. उनके पहले कार्यकाल में ट्रंप ने मिलिट्री लीडर्स और उच्च अधिकारियों को काफी आकर्षित किया था, हालांकि इस बार संभावना है कि ये पासा पलट सकता है. सवाल ये है कि क्या ट्रंप और उनके दक्षिणपंथी समर्थक LGBTQ+ के अधिकारों पर रोक लगाने, मास डिपोर्टेशन, गर्भनिरोधक और गर्भपात को कठिन बनाने जैसे परिवर्तन को लागू कर पाएंगे?  

क्या बदलाव ला सकते हैं ट्रंप? 
ट्रंप कई बार ग्लोबल स्टेज पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन की प्रशंसा करते हुए देखे गए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिका यूक्रेन के लिए अपना समर्थन खत्म कर सकता है. वहीं मिडिल ईस्ट में ट्रंप का नया शासन फिर से कूटनीतिक पहल से दूर होकर तनाव को बढ़ा सकता है. खासतौर पर ईरान के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. इसके अलावा इजरायल-गाजा को लेकर ट्रंप का नजरिया भी अमेरिका की पॉलिसी को अप्रत्याशित रूप से बदल सकता है. ट्रंप का दूसरा कार्यकाल उसके NATO सहयोगी देशों के साथ भी कुछ बदलाव ला सकता है. 

ये भी पढ़ें-  अमेरिका से सौदा करेगा तालिबान? US की जेल में बंद अपने आतंकियों को छुड़ाने के लिए बनाया गजब का प्लान

भारत पर कैसा रहेगा असर? 
भारत की बात करें तो वैसे तो ट्रंप भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बता चुके हैं. इस बार के चुनाव में भी वह कई बार मोदी का नाम ले चुके हैं, हालांकि उनके नए कार्यकाल में संभावना है कि वह भारत पर आयात शुल्क के जवाब में भारी टैरिफ लगा सकते हैं.  इसके अलावा ट्रंप की नजर HB-1 वीजा पर भी है. इस वीजा के तहत कर्मचारियों को मेरिट और एबिलिटी के आधार पर विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की छूट है. ट्रंप के सख्त इमीग्रेशन पॉलिसी को लागू करने पर US में नौकरी का सपना देख रहे कई भारतीयों का सपना टूट सकता है.   

Read Full Article at Source