केजरीवाल के CM 3.0 वाले सपने का क्या? ED के 'हथियार' से क्या निपट पाएगी AAP

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Last Updated:January 15, 2025, 14:58 IST

Arvind Kejriwal News: अरविंद केजरीवाल के लिए बुरी खबर है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंजूरी दे दी है.

केजरीवाल के CM 3.0 वाले सपने का क्या? ED के 'हथियार' से क्या निपट पाएगी AAP

ईडी को आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी मिली

रिपोर्ट: अरुणिमा

Arvind Kejriwal News: दिल्ली चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल की मुसीबत बढ़ती दिख रही है. भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी पर ऐसे हथियार से वार किया है, जिसका असर चुनाव में दिख सकता है. जी हां, गृह मंत्रालय ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. अब ईडी आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोनों के खिलाफ मुकदमा चला सकती है. केंद्र सरकार से ईडी को यह मंजूरी ऐसे वक्त में मिली है, जब अरविंद केजरीवाल आज यानी बुधवार को नई दिल्ली विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने वाले हैं.

दरअसल, अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस दर्ज करने की यह इजाजत एमएचए की ओर से ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मिली है. दिल्ली की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप तय करने पर ईडी को रोक लगा दी थी. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने कहा था कि पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी के बिना ही ट्रायल कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. मगर अब कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही आबकारी नीति घोटाले में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का मंच तैयार हो सकता है. एक्शन लेने के लिए ईडी के सामने रास्ता साफ है.

इस मामले में सीबीआई को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई थी. वहीं ईडी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, सीआरपीसी की धारा 197 (1) के तहत अलग से मंजूरी मांगी थी. केजरीवाल के साथ-साथ मनीष सिसोदिया पर भी मुकदमा चलाने की मंजूरी ईडी को केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिल गई है. ईडी ने पहले सीबीआई केस के आधार पर ही एक्शन लिया था. उसे सुप्रीम कोर्ट ने सही नहीं माना था. नवंबर के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ईडी को पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने के लिए विशेष मंजूरी की जरूरत है.

इसका असर चुनावों पर कैसे पड़ेगा?
दिल्ली में चुनाव से ठीक पांच दिन पहले 30 जनवरी को स्पेशल कोर्ट इस मामले को उठा सकती है. जरूरी दस्तावेज पेश करने के बाद ईडी आरोप तय करने पर जोर दे सकती है. एक बार आरोप तय हो जाने के बाद अरविंद केजरीवाल और सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा शुरू हो जाएगा. पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दी थी. सिसोदिया को एक महीने पहले ही जमानत मिल गई थी. देरी से शुरू हुए मुकदमे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी थी. अब अगर मुकदमा शुरू होता है तो बीजेपी चुनाव प्रचार के आखिरी मौके पर आम आदमी पार्टी पर और जोरदार हमला करेगी.

केजरीवाल बन पाएंगे फिर सीएम?
कानूनी तौर पर भी मुकदमे के दौरान केजरीवाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करना मुश्किल हो सकता है. अपनी जमानत की शर्तों के कारण उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी क्योंकि उन्हें सचिवालय या सीएमओ जाने से रोक दिया गया था. उन्हें किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर करने से भी रोक दिया गया था. देर से शुरू हुए मुकदमे से आम आदमी पार्टी को जमानत की शर्तों में बदलाव का अनुरोध करने का मौका मिल सकता है, बशर्ते पार्टी फरवरी 2025 में जनादेश हासिल कर लेती है.

कौन-कौन आरोपी
अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, दुर्गेश पाठक और अन्य पर साउथ ग्रुप के एक बिजनेसमैन से दिल्ली में शराब के लाइसेंस के बदले में रिश्वत लेने का आरोप है. ईडी ने आरोप लगाया है कि इस रिश्वत के पैसे को गोवा में चुनाव लड़ने में आप की मदद करने के लिए सफेद किया गया था.

ईडी का केजरीवाल पर क्या-क्या आरोप
अरविंद केजरीवाल को उनकी व्यक्तिगत हैसियत के साथ आप के राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते भी आरोपी बनाया गया है. ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री को दिल्ली में आबकारी ‘घोटाले’ का ‘मुख्य साजिशकर्ता’ बताया था. ईडी का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के मंत्री, आप नेताओं और अन्य लोगों के साथ मिलीभगत करते हुए इस काम को अंजाम दिया. ईडी ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल अपराध के समय कथित कंपनी जो कि ‘आप’ है, के ‘प्रभारी’ थे. इसलिए उन्हें और उनकी पार्टी को धन शोधन रोकथाम कानून के तहत अपराधों का ‘दोषी माना जाएगा’ और उन पर मुकदमा चलाते हुए उन्हें दंडित किया जाएगा.

क्या है आबकारी नीति केस
आबकारी मामला दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितता और भ्रष्टाचार से जुड़ा है. इस नीति को रद्द किया जा चुका है. दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी. इसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया. सीबीआई की 17 अगस्त 2022 को दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए ईडी ने कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 22 अगस्त 2022 को धन शोधन का मामला दर्ज किया था.

भाजपा को मिला हथियार?
ईडी को मिली इस मंजूरी को भाजपा हथियार बना सकती है. चुनाव में भाजपा वोटरों के पास इस मुद्दे को लेकर जा सकती है. हालांकि, ईडी को मिली मंजूरी के समय के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, ‘यह एक तकनीकी पहलू था. एक कानूनी मुद्दा था. वे इस तकनीकी पहलू के पीछे छिपने की कोशिश कर रहे थे. समय कोई मुद्दा नहीं है. ईडी ने सभी कानूनी विसंगतियों को दूर करने की मांग की और मंजूरी प्राप्त कर ली.’ बहरहाल, 8 फरवरी को पता चल जाएगा कि इसका असर क्या होता है. दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग है और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे.

Location :

Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

January 15, 2025, 12:29 IST

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