Explainer:शुभांशु को स्पेस से लौटने में क्यों देरी,क्या सुनीता की तरह फसंगे

6 hours ago

एक्सिओम-4 मिशन के साथ भारत के शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए थे. अगर हालात सामान्य होते तो 11 जुलाई को किसी समय पृथ्वी पर उतर जाते लेकिन अभी इसमें 5 से 6 दिन लग जाएंगे. यानि उनके क्रू ड्रैगन यान की वापसी भी तय समय से देर से होगी. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में कुछ तकनीक दिक्कतों की वजह से ऐसा हो रहा है. सबसे बड़ा सवाल ये भी है कि वो सुनीता विलियम्स की तरह लंबे समय तक अंतरिक्ष में फंस तो नहीं जाएंगे.

सवाल – शुभांशु शुक्ला की वापसी किस दिन होनी थी और अब कब होगी?

– उनकी वापसी तय समय के अनुसार 10 जुलाई को किसी समय होनी थी लेकिन अब ये कम से कम 14 जुलाई 2025 तक टल चुकी है. अभी दिन तय नहीं है कि अब उनकी वापसी किस दिन होगी, लेकिन ये माना जा रहा है कि इसमें कम से कम एक सप्ताह की देरी तो होगी ही.

सवाल – क्या इस मिशन की वापसी यान में किस दिक्कत के कारण तय समय पर नहीं हो पाई?

– Axiom‑4 मिशन में शुरुआत से ही कई बार देरी होती रही. इसमें पीछे कई समस्याएं भी थीं. जैसे इलेक्ट्रिक हार्नेस, Falcon‑9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन लीक और खराब मौसम जैसी वजहें थीं. आखिरकार इसकी लांचिंग 25 जून को हुई. तय ये माना गया कि ये मिशन दो सप्ताह के लिए है. विमान को 10 जुलाई को वापसी करनी थी. लेकिन अब देरी की मुख्य वजह खुद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में तकनीक दिक्कत है.

ISS से आई शुभांशु की पहली HD तस्वीर आई है.

सवाल – ये तकनीक वजह क्या है, जिसके कारण एक्सिओम-4 मिशन की वापसी टली?

– आईएसएस यानि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन दो पार्ट में है. इसके एक हिस्से में रूसी ज्वेजेदा सर्विस माड्यूल काम करता है. दूसरी ओर नासा और यूरोपीय देशों का मिलाजुला हिस्सा है. आईएसएस के रूसी ज्वेजेदा सर्विस मॉड्यूल में प्रेसर लीक की जानकारी मिली, जिसे रोसकोमोस की टीम ने रिपेयर कर लिया. हालांकि ये कितना सुरक्षित हो पाया है, इसकी समीक्षा जारी है.

सवाल – आईएसएस की दिक्कत के अलावा एक्सिओम-4 मिशन के क्रू ड्रैगन यान में तो कोई समस्या नहीं है ना? 

– इस स्टेज पर ISS मॉड्यूल ही मुख्य कारण है. क्रू ड्रैगर कैप्सूल बिल्कुल ठीक स्थिति में है. बेशक अंतरिक्ष में लांच होने से पहले कैप्सूल और रॉकेट में कई तकनीकी समस्याएं सामने आईं लेकिन अब लौटने में कोई नई समस्या नहीं है.

सवाल – क्या एक्सिओम-4 मिशन पर गए लोगों के तो स्पेस में उस तरह फंसने का डर तो नहीं है, जैसा सुनीता विलियम्स के साथ हुआ?

– नहीं, फिलहाल ऐसा कोई डर नहीं है. ISS पर मौजूदा 7 क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित हैं, किसी भी साइट पर तत्काल खतरा नहीं है. ज्वेजेदा मॉड्यूल का प्रेसर लीक मौजूद था लेकिन अब ये रिपेयर हो गया. लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.

क्रू ड्रैगन की वापसी तो आईएसएस से होकर रहेगी. डॉकिंग और अनडॉकिंग के समय मॉड्यूल स्थिति की समीक्षा करने के बाद ये किया जाएगा लेकिन इसमें स्पेस में फंसने जैसी कोई बात नहीं होगी.

सवाल – सुनीता विलियम्स की वापसी में क्यों इतनी देर हुई थी?

– सुनीता विलियम्स के ISS से वापस लौटने पर देर हुई थी. उसकी वजह लैंडिंग जहाज़ों की मौसम खराबी और मिशन शेड्यूल थी. सुनीता की आपदा विशुद्ध मौसम और logistic कारणों से थी.

सवाल – अब उनकी वापसी कब होगी?

– ISS प्रणालियों ने ऑडिट जारी किया है. क्रू ड्रैगन की वापसी 14 जुलाई या उसके आसपास संभव है, लेकिन इसकी कोई अंतिम पुष्टि अभी नहीं की गई है.

सवाल – जब आईएसएस पर मिशन की अवधि बढ़ती है तो वहां कितना असर होता है?

– मिशन की कुल अवधि बढ़ सकती है, लेकिन ISS की सपोर्ट लाइनों पर फिलहाल असर नहीं होगा.

सवाल – AXIOM-4 मिशन किस तरह वहां से चलेगा और वापस पृथ्वी पर पहुंचेगा?

– सबसे पहले अनडॉकिंग होगी. क्रू ड्रैगन स्पेस कैप्सुल उन्हें लेकर वापस लौटेगा. ये स्पेसक्राफ्ट ISS से अलग किया जाएगा. इसमें करीब 5-10 मिनट का समय लगता है. ISS और कैप्सूल के बीच लगे लॉकिंग मैकेनिज्म को खोलकर उसे स्पेस में तैरने दिया जाएगा.
फिर स्पेस क्राफ्ट क्रू ड्रैगन धीरे-धीरे ISS से दूर होने लगेगा. इसके लिए ड्रैगन में लगे थ्रस्टर्स (छोटे रॉकेट इंजन) एक्टिवेट किए जाएंगे, ताकि कैप्सूल स्पेस में अपनी सुरक्षित दूरी बना ले.
जब ISS और Crew Dragon के बीच पर्याप्त दूरी हो जाएगी और पृथ्वी पर मौसम सही रहेगा, तब Dragon कैप्सूल को पृथ्वी की ओर लाने के लिए डिआर्बिट किया जाएगा. ये एक तरह की ब्रेकिंग प्रक्रिया है. Crew Dragon के इंजन को करीब 10-12 मिनट तक जलाकर उसकी स्पीड घटाई जाएगी. इससे कैप्सूल धीरे-धीरे अपनी कक्षा छोड़कर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा.

सवाल – पृथ्वी की कक्षा में क्रू ड्रैगर घुसेगा तो उसकी स्पीड क्या होगी?

– डिआर्बिट बर्न के बाद कैप्सूल पृथ्वी के वायुमंडल में करीब 28,000 किमी/घंटा की स्पीड से घुसेगा. इस समय कैप्सूल के बाहर का तापमान 1600°C से ज़्यादा पहुंच जाता है लेकिन कैप्सूल में लगा हीट शील्ड इसे सुरक्षित रखता है. इस दौरान कैप्सूल का संपर्क पृथ्वी से कुछ मिनट के लिए टूट जाता है, जिसे ब्लैकआउट फेज कहते हैं.

वायुमंडल में घुसने के बाद जब कैप्सूल की रफ्तार धीरे-धीरे कम होती है, तब पहले 2 छोटे Drogue पैराशूट खुलते हैं, जो कैप्सूल को स्थिर करते हैं. फिर 4 बड़े मुख्य पैराशूट खुलते हैं, जो कैप्सूल की स्पीड को 560 किमी/घंटा से घटाकर 20-25 किमी/घंटा कर देते हैं.

सवाल – क्रू ड्रैगन कैप्सूल कहां लैंड करेगा?
– क्रू ड्रैगन कैप्सूल समुद्र में अटलांटिक या गल्फ ऑफ मैक्सिको में लैंड करेगा. इसे फिर वहां से निकाला जाता है. फिर Astronauts को कैप्सूल से बाहर निकाला जाता है. एक्सिओम 4 के लिए यही प्रोसेस होगा. क्रू को हेलिकॉप्टर या जहाज से NASA के मेडिकल सेंटर पहुँचाया जाता है. वहां उनका फिजिकल, न्यूरोलॉजिकल और हार्ट रेट टेस्ट होता है. फिर 1-2 दिन मॉनिटरिंग के बाद घर भेजा जाता है.

सवाल – क्या क्रू ड्रैगन यान का इंजन चलते समय चालू किया जाएगा या ये लगातार चालू स्थिति में रहता है?
– क्रू ड्रैगन में कई तरह के इंजन होते हैं, लेकिन वापसी के समय इनमें से सिर्फ़ कुछ ही खास मौकों पर चालू होते हैं. ये लगातार नहीं चलते. यानि क्रू ड्रैगन का इंजन हमेशा चालू स्थिति में नहीं होता, बल्कि जरूरत पड़ने पर कुछ सेकंड या मिनट के लिए ऑन किया जाता है.

Read Full Article at Source