Last Updated:August 22, 2025, 10:29 IST
Mirage-2000 News: ब्रिटिश रॉयल नेवी में शामिल एफ-35 फाइटर जेट केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर 37 दिनों के बाद फिर से जापान में इमरजेंसी लैंडिग किया था. दुनिया के इस एडवांस फाइटर जेट की दुर्गति हो गई है. राफेल ...और पढ़ें

एक बार फिर से F-35 फाइटर जेट चर्चा में है. वहीं, फाइटर जेट, जिसपर अमेरिका इतराता है. यह एक एडवांस मल्टी-रोल, सुपरसोनिक, स्टील्थ फाइटर जेट है. वहीं, पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट, जिसके बारे में बताया जाता है कि इससे बेहतर और एडवांस पांचवी पीढ़ी का कोई फाइटर जेट नहीं है. मगर, लीला तो देखिए, यह तीन महीने में दो बार तकनीकी खराबियों का सामना कर चुका है. ऐसी खराबी जिसने पूरी दुनिया में एडवांस तकनीक का पोल खोल कर रख दिया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं, रॉयल ब्रिटिश नेवी द्वारा प्रयोग में लिए जा रहे F-35B स्टील्थ फाइटर जेट की.
केरल टूरिज्म के एक विज्ञापन आपको याद होगा आपको- “एक ऐसी जगह जिसे आप छोड़ना नहीं चाहेंगे”. जी, हां, तकनीकी खराबी के कारण ये जेट लगभग 37 दिनों तक केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर पड़ा रहा है. अब एक बार फिर ब्रिटिश F-35 स्टील्थ फाइटर जेट को रविवार 10 अगस्त को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. इधर राफेल जिसे काफी एडवांस मल्टीरोल फाइटर जेट है. ना जाने कितनी बार यह दुर्घटनाग्रस्त हुआ है. मगर, भारत कहानी भारत के एक बुढऊ फाइटर जेट मिराज-2000 की है. ये कहानी लगभग दो दशक पुरानी है, जब मिराज-2000 मॉरीशस आईलैंड पर क्रैश हो गया था. मगर, भारतीय एयरफोर्स ने साहस दिखाते हुए ना केवल इसे रेस्क्यू करके भारत लाए, बल्कि सीमित तकनीक में इस ठीक करके 4 महीने में सेना के लिए तैयार कर दिया.
कई बार कबाड़ साबित हुआ F-35
– लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित F-35 लाइटनिंग पांचवीं पीढ़ी सबसे एडवांस का स्टील्थ फाइटर जेट माना जाता है. मगर, हाल के की घटनाओं ने उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर दिया है. कुछ तो ऐसी घटनाएं हो गई हैं है कि अमेरिकी सेना खुद डिलीवरी लेने से इनकार कर दिया. एक-एक करके सभी घटनाओं को जानते हैं. हाल ही में ब्रिटिश रॉयल नेवी द्वारा प्रयोग में लाई जा रही प-35बी, जो कि HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है, को केरल में इमरजेंसी लैंडिग कराना पड़ा. लैंडिंग के बाद मालूम हुआ कि इसके हाइड्रॉलिक सिस्टम में खराबी. इसके कारण यह जेट 37 दिनों तक ग्राउंडेड रहा. स्थिति काफी गंभीर थी, भारतीय वायुसेना को इसकी रिफ्यूलिंग और लॉजिस्टिक सहायता देनी पड़ी. इसमें तकनीकी खराबी इतनी जटिल थी कि ब्रिटिश और अमेरिकी इंजीनियरों की 40-सदस्यीय टीम को बुलाना पड़ा. साथ ही इसके खास एक्वीपमेंट्स को भी मंगाना पड़ा. 22 जुलाई यानी कि 37 दिन बाद यह ऑस्ट्रेलिया के डार्विन के लिए उड़ा. इस घटना के बीते अभी एक महीना भी नहीं हुआ था कि एृक बार फिर से इसकी इमरजेंसी लैंडिग जापान के कागोशिमा एयरपोर्ट पर करानी पड़ी. इसकी लैंडिंग की वजह से काफी अफरातफरी मच गई थी.
– इससे पहले साल 2023 में F-35 के टेक्नोलॉजी रिफ्रेश-3 (TR-3) सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के बाद अमेरिकी सेना को डिलिवरी होनी थी. हालांकि, गंभीर समस्याओं के कारण पेंटागन ने जुलाई 2023 से नए F-35 फाइटर जेट की डिलीवरी रोक दी. इसकी वजह से लॉकहीड मार्टिन की टेक्सास फैसिलिटी में F-35 के 72 जेट्स यूं पड़े हुए हैं. आगामी डिलिवरी 2026 से पहले होने की संभावना कम है. वहीं, इसके इंजन के अपग्रेडेशन को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. लॉकहीड मार्टिन की ओर से बयान में कहा गया कि 2029 से पहले इसे अपग्रेड नहीं किया जा सकता है, जिसकी वजह से इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा होता है.
राफेल की स्थिति कुछ ठीक नहीं
राफेल एक मल्टीरोल फाइटर जेट है. फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन ने इसे बनाया है. भारत और फ्रांस के बीच राफेल फाइटर जेट के लिए साल 2019 में सौदा हुआ था. हालांकि इससे पहले राफेल की युद्ध के मैदान और ट्रैनिंग के दौरान कई मौकों पर दुर्घटनाग्रस्त हो चुका था. साल 2018 हो या 2019 दो मौके पर राफेल में खराबी की बात आई है. 2018 में राफेल के टेक-ऑफ के दौरान इंजन में खराबी की वजह से इमरजेंसी लैंडिग करानी पड़ी थी. वहीं, साल 2019 में राफेल प्रशिक्षण के दौरान मेडिटेरेनियन सागर में क्रैश हो गया था. इसमें पायलट की मौत हो गई थी. इससे पहले राफेल में खराबी की बात करें तो 2000 के दशक में राफेल दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. साल 2007 और 2009 में. 6 दिसंबर 2007 को फ्रांस में ट्रैनिंग के दौरान राफेल का फाइटर जेट दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और 24 सितंबर 2009 को विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल पर लौटते समय फ्रांसीसी नौसेना के राफेल विमानों के साथ एक और दुर्घटना हुई थी.
2004 का भारतीय एयरफोर्स शानदार ऑपरेशन
साल 2004 था, भारतीय एयरफोर्स अपनी सबसे एडवांस फाइटर जेट मिराज-2000 लेकर आइलैंड कंट्री मॉरिशस गई थी. वहां, एयर-शो होने वाला. भारतीय फाइटर जेट भी अपना जलवा बिखरने वाला था. हालांकि, सबकुछ सही नहीं रहा. मिराज-2000 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. मॉरिशस के प्लैटेईस एयरपोर्ट पर लैंडिंग के दौरान खराब हो गया था. पायलट ने लैंडिंग गियर को नीचे न होने की वजह से जेट को पेट (बैली) पर लैंड कराया गया. इससे जेट को गंभीर नुकसान पहुंचा था. इस घटना ने भारतीय वायु सेना के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी, क्योंकि मिराज-2000 को मॉरिशस में फंसा छोड़ना संभव नहीं था.
रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत
भारतीय वायु सेना ने जज्बा दिखाया. रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ, जिसमें इंजीनियरों, पायलटों, और एक आईएल-76 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के साथ-साथ एक आईएल-78 रिफ्यूलिंग टैंकर एयरक्राफ्ट को मॉरिशस भेजा गया. यह एक काफी चुनौतीपूर्ण अभियान था. मगर 10 दिनों में ही भारतीय जांबाजों ने कर दिखाया. दरअसल, मिराज-2000 इमरजेंसी में व्हील्स-डाउन लैंडिंग के लिए डिजाइन नहीं था. टीम ने 13 अक्टूबर, 2004 को विमान को ग्राउंड रन के लिए तैयार किया. 14 अक्टूबर को पहली टेस्ट फ्लाइट सफलतापूर्वक की गई.
वापसी का जोखिम भरा सफर
विमान को वापस लाने के लिए पायलट स्क्वाड्रन लीडर जसप्रीत सिंह को एक अत्यंत जोखिम भरा मिशन अंजाम दिया था. इस उपलब्धि के बारे में बताते हुए एक विशेषज्ञ ने कहा कि एक इंजन, एक पायलट मिराज जेट ने बिना किसी वैकल्पिक हवाई क्षेत्र के (आपात स्थिति में) ट्रांसओसियनिक उड़ान भरी. मिराज-2000 के मॉरिशस से भारत उड़ान के दौरान कोई वैकल्पिक एयरफील्ड नहीं था, रडार-रहित एयरस्पेस में अकेले उड़ान भरा और खराब मौसम के बावजूद तीन मिड-एयर रिफ्यूलिंग की. यदि कोई समस्या होती, तो बचाव अभियान संभव नहीं था. पायलट जसप्रीत के लिए सब कुछ आसान नहीं था. आसमान में उनका एक रेडियो सेट भी खराब हो गया था. ईंधन गेज गलत संकेत दे रहा था और कॉकपिट में ऑक्सीजन लगभग खत्म हो गई थी. तमाम कठिनाइयों के बावजूद पायलट जसप्रीत ने हार नहीं मानी. दोपहर 2.50 बजे फाइटर जेट को लकेर वह तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर पहुंचे. अगले दिन जसप्रीत ने मिराज को बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड लेकर पहुंचे. यहां इसकी पूरी तरह से मरम्मत की गई. लगभग चार महीने बाद यह एयरफोर्स को सर्विस देने के लिए तैयार हो गया था.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 22, 2025, 10:29 IST