Last Updated:May 03, 2025, 06:49 IST
Mandi News: भारतीय मूल के अमेरिकी दो लोगों ने आईआईटी मंडी को करीब 11 हजार डॉलर की डोनेशन दी है. ये डोनेशन मेधावी बच्चों को स्कॉलरशिप के तौर पर दी जाएगी.

हिमाचल प्रदेश के आईआईटी मंडी संस्थान को 11 हजार डॉलर से अधिक की धनराशि दान की है.
मंडी. अमेरिका के ह्यूस्टन में रह रहे भारतीय मूल के सतीश और कमलेश अग्रवाल ने हिमाचल प्रदेश के आईआईटी मंडी संस्थान को 11 हजार डॉलर से अधिक की धनराशि दान की है. यह धनराशि भारतीय मुद्रा में सवा 9 लाख से अधिक बनती है. इस धनराशि से आईआईटी में सतीश और कमलेश अग्रवाल स्कॉलरशिप की शुरूआत होगी.
इसके माध्यम से बीटेक के उन होनहार छात्रों को आर्थिक मदद पहुंचाई जाएगी. जो पढ़ाई में तो आगे हैं, लेकिन आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं. इस संदर्भ में आईआईटी मंडी और दानदाता के बीच में एक एमओयू भी साइन हुआ है. आईआईटी मंडी के डायरेक्टर प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहेरा और संसाधन सृजन एवं पूर्व छात्र संबंध के डीन प्रोफेसर वरुण दत्त ने इस सहयोग के लिए सतीश और कमलेश अग्रवाल का आभार जताया.
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से प्रतिभावान छात्रों को आगे बढ़ने का मौका मिलता है और संस्थान का शैक्षणिक माहौल और समृद्ध होता है. संसाधन सृजन एवं पूर्व छात्र संबंध के डीन ऑफिस की ओर से बताया गया कि इस योगदान का उपयोग जरूरतमंद और होनहार छात्रों के सपनों को उड़ान देने में किया जाएगा, जिससे समाज पर सकारात्मक असर पड़ेगा.
मोहिंदर एल. नय्यर ने भी दिए थे 85000 डॉलर
गौरतलब है कि इसी वर्ष फरवरी महीने में भारतीय मूल के ही मोहिंदर एल. नय्यर आइआइटी मंडी को 85 हजार अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि प्रदान की थी. यह धनराशि भारतीय मुद्रा के अनुसार 75 लाख के करीब बनती है. मोहिंदर एल. नय्यर आइआइटी रूड़की के पूर्व छात्र रह चुके हैं और अमेरिका में रहते हैं. उन्होंने आइआइटी मंडी और आइआइटी रुड़की फाउंडेशन के साथ एक त्रिपक्षीय एमओयू साइन किया है. इसका उद्देश्य अकादमिक विकास को बढ़ावा देना और संस्थान के दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप प्रतिभाओं को आगे बढ़ाना है. मोहिंदर के बाद अब सतीश और कमलेश अग्रवाल की तरफ से दूसरी बड़ी धनराशि संस्थान को मिली है जिसे आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के उत्थान पर खर्च किया जाएगा.
Location :
Mandi,Himachal Pradesh