India-US Trade: ट्रंप की सख्ती और भारत की कूटनीति.. व्यापारिक रिश्तों की अगली कड़ी क्या होगी?

1 month ago

India-US Trade Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत समेत कई देशों पर जवाबी शुल्क लगाने की चेतावनी से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है. ट्रंप ने अपने हालिया संबोधन में यूरोपीय संघ, चीन, कनाडा और भारत पर अमेरिका से होने वाले आयात पर अधिक शुल्क लगाने का आरोप लगाया. ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत अमेरिका ने दो अप्रैल से अपने व्यापारिक साझेदारों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि अन्य देश दशकों से अमेरिका के खिलाफ ऊंचे शुल्क का इस्तेमाल कर रहे हैं और अब अमेरिका अपनी बारी का इस्तेमाल करेगा.

ट्रंप के आरोप और भारत की स्थिति

ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत अमेरिका से आने वाले वाहनों पर 100% से अधिक शुल्क लगाता है. जबकि चीन और दक्षिण कोरिया भी अमेरिकी उत्पादों पर ऊंचे शुल्क वसूलते हैं. उन्होंने कहा कि यह व्यापारिक संतुलन अमेरिका के खिलाफ है और इसे सुधारा जाना चाहिए. हालांकि भारत का रुख इससे थोड़ा अलग है. भारत का मानना है कि वह अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक रिश्ते को मजबूत करना चाहता है और समाधान के लिए बातचीत के पक्ष में है. भारत इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश कर रहा है.

भारत की रणनीति

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर कई स्तरों पर बातचीत हो रही है. भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इस सप्ताह वाशिंगटन में अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर से मुलाकात कर रहे हैं. बैठक में व्यापारिक संतुलन बनाने और शुल्क विवाद को हल करने पर चर्चा हो रही है. भारत का मानना है कि इस समस्या का समाधान बातचीत के जरिए निकाला जा सकता है. भारत सरकार का लक्ष्य अमेरिका के साथ एक व्यापक व्यापार समझौता करना है, जिससे दोनों देशों को लाभ हो.

व्यापार समझौते की दिशा में कदम

भारत और अमेरिका इस साल के अंत तक एक बड़े व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए सहमत हुए हैं. इसका उद्देश्य व्यापार घाटे को कम करना और 2030 तक सालाना द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है. भारत ने हाल ही में अपने 2025-26 के बजट में बॉर्बन व्हिस्की, वाइन और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर शुल्क कम करने की घोषणा की. इसे ट्रंप प्रशासन के प्रति भारत की सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है.

भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों की स्थिति

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं. वर्ष 2023 में दोनों देशों के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 190 अरब डॉलर का था. जिससे अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार बना. इसके अलावा अमेरिका 4.99 अरब डॉलर के निवेश के साथ भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत था. हालांकि, अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 45 अरब डॉलर के करीब है और वह इसे कम करने के लिए दबाव डाल रहा है.

वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका

अमेरिका की नई शुल्क नीति ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है. कनाडा और मेक्सिको से आयात पर 25% शुल्क पहले ही लागू हो चुका है. इसके अलावा ट्रंप प्रशासन ने फरवरी में चीनी आयात पर घोषित 10% शुल्क को बढ़ाकर 20% कर दिया है. इससे वैश्विक बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है और व्यापारिक युद्ध की स्थिति बन सकती है. भारत फिलहाल इस तनाव को कम करने और सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है. आने वाले दिनों में भारत-अमेरिका की बातचीत से स्थिति साफ हो सकती है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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