नई दिल्ली. गुजरात के पोरबंदर से शुक्रवार को पकड़ी गई करीब 2 हजार करोड़ के ड्रग्स मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल, गुजरात की जांच एजेंसियों को शक है कि ड्रग्स की ये खेप पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर भारत भेजी गई थी. इस कंसाइनमेंट के पीछे पाकिस्तान में मौजूद ड्रग्स के एक इंटरनेशनल सौदागर हाजी सलीम का नाम सामने आ रहा है, जो कि अंडरवर्ल्ड डॉनदाऊद इब्राहिम के लिए काम करता है.
इसके पहले भी हाजी सलीम का नाम करोड़ों रुपए के ड्रग्स मामले में सामने आ चुका है. हाजी सलीम के तार पाकिस्तान, अफगानिस्तान में हेरोइन और दूसरे ड्रग्स के काले कारोबार से जुड़े हुए हैं. हाजी सलीम डी कपंनी और दाऊद इब्राहिम का बेहद खास बताया जाता है और दाऊद इब्राहिम के ड्रग्स के इंटरनेशनल धंधों को यही पाकिस्तान में बैठकर डील करता है. इसी वजह से हाजी सलीम नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और कई देशों की जांच एजेंसियों के रडार पर है.
एक संयुक्त ऑपरेशन के तहत शुक्रवार को गुजरात के पोरबंदर के करीब भारतीय जलक्षेत्र में लगभग 700 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त कर आठ ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था. एनसीबी के अधिकारियों के अनुसार जब्त किए गए मादक पदार्थ ‘मेथामफेटामाइन’ की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2,500-3,500 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है. एनसीबी ने एक बयान में कहा कि ड्रग्स को लेकर भारतीय जल क्षेत्र में घुस रहे नॉन-रजिस्टर्ड जहाज को रोकने के लिए खुफिया जानकारी के आधार पर ‘सागर मंथन- 4’ नाम से एक ऑपरेशन शुरू किया गया था.
बयान में कहा गया है कि संदिग्ध जहाज की पहचान की गई और नौसेना ने शुक्रवार को उसे रोककर मादक पदार्थ जब्त किए. एनसीबी ने कहा, ‘भारतीय जल क्षेत्र में लगभग 700 किलोग्राम मेथमफेटामाइन की एक बड़ी खेप पकड़ी गई है. इस अभियान के दौरान, आठ विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया जिन्होंने खुद के ईरानी होने का दावा किया है.” एनसीबी ने कहा कि आठ लोगों के पास पहचान से जुड़ा कोई दस्तावेज नहीं है.
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FIRST PUBLISHED :
November 16, 2024, 20:47 IST