LAC पर 9 महीने से शांति, डोभाल ने कहा- भारत-चीन के रिश्तों में नए मौके उभर रहे

4 hours ago

Last Updated:August 19, 2025, 15:48 IST

India China News: एनएसए अजित डोभाल ने नई दिल्ली में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से SR लेवल बातचीत की. NSA ने कहा कि पिछले 9 महीनों से सीमा पर शांति बनी हुई है, जिससे रिश्तों में सकारात्मक माहौल है.

LAC पर 9 महीने से शांति, डोभाल ने कहा- भारत-चीन के रिश्तों में नए मौके उभर रहेNSA अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बातचीत. (Photo : PTI)

नई दिल्ली: भारत-चीन रिश्तों में पिछले 9 महीनों से एक नया माहौल देखने को मिला है. बॉर्डर पर खामोशी और शांति बनी हुई है. इसी बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. यह बातचीत स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव (SR) मैकेनिज्म के तहत हुई, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 31 अगस्त-1 सितंबर को तिआनजिन में होने वाली SCO समिट यात्रा से ठीक पहले आयोजित की गई. डोभाल ने कहा कि दिसंबर में बीजिंग में हुई पिछली वार्ता के बाद से रिश्तों में ‘अपवर्ड ट्रेंड’ आया है. उन्होंने बताया कि सीमाएं शांत हैं, बॉर्डर पर ट्रैंक्विलिटी है और द्विपक्षीय रिश्ते अब ज्यादा मजबूत और गहरे हो रहे हैं.

मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात का असर

NSA डोभाल ने याद दिलाया कि अक्टूबर 2024 में रूस के कज़ान शहर में प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी. उस मुलाकात के बाद रिश्तों में सुधार की नई शुरुआत हुई. दोनों नेताओं ने कई पुराने मैकेनिज्म को फिर से एक्टिव करने का फैसला किया था, ताकि रिश्ते सामान्य हो सकें.

खास बात यह थी कि यह मीटिंग डेस्पांग और देमचोक जैसे विवादित इलाकों से डिसएंगेजमेंट समझौते के ठीक दो दिन बाद हुई थी. इसका सीधा असर रिश्तों पर पड़ा और बातचीत का माहौल बेहतर हुआ.

वांग यी का बयान: भरोसा और सहयोग बढ़ाएं

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि भारत और चीन को स्ट्रैटजिक कम्युनिकेशन के जरिए आपसी भरोसा बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर अब स्टैबिलिटी लौटी है और यह दोनों देशों के रिश्तों के लिए बड़ा अवसर है. वांग ने साफ किया कि चीन प्रधानमंत्री मोदी की SCO समिट में मौजूदगी को बेहद अहम मानता है.

अब भी मौजूद है LAC पर तनाव

हालांकि बातचीत और डिसएंगेजमेंट के बावजूद दोनों देशों की सेना अब भी LAC पर बड़ी संख्या में तैनात है. पूर्वी लद्दाख में फिलहाल 50-60 हजार सैनिक दोनों ओर तैनात हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि असली चुनौती डीसकेलेशन की है, यानी फ्रंटलाइन फोर्सेज को पीछे हटाना. तभी स्थायी शांति संभव होगी.

गलवान से लेकर अब तक का सफर

2020 के गलवान संघर्ष के बाद रिश्ते सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे. लेकिन अक्टूबर 2024 के समझौते के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे. इस बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू की गई और भारत ने चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा जारी करना शुरू किया. ये कदम रिश्तों में भरोसा बहाल करने की दिशा में अहम माने जा रहे हैं.

NSA डोभाल और वांग यी की मुलाकात से यह साफ हुआ कि भारत और चीन दोनों रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए गंभीर हैं. बॉर्डर पर 9 महीने की शांति ने बातचीत को आसान बनाया है. लेकिन असली परीक्षा आने वाले महीनों में होगी, जब यह देखना होगा कि सैनिकों की वापसी और भरोसे की बहाली कितनी आगे बढ़ती है.

Deepak Verma

Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें

Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 19, 2025, 15:48 IST

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