Last Updated:August 27, 2025, 07:38 IST
Savarkar History Book Row : यूजीसी ने नया सिलेबस जारी किया जिसमें भारतीय संस्कृति, सावरकर की पुस्तक, कौटिल्य, चरक, सुश्रुत को शामिल किया गया है. विपक्ष और SFI ने इसका विरोध किया है.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नया ड्राफ्ट सिलेबस जारी किया है, जिसे लेकर विवाद छिड़ गया है. UGC का कहना है कि नए सिलेबस में शिक्षा को केवल तथ्यों तक सीमित रखने के बजाय भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा से जोड़ने का प्रयास किया गया है. इस प्रस्तावित सिलेबस में गणित को मंदिर वास्तुकला और यंत्र-मंडल ज्यामिति से जोड़कर पढ़ाया जाएगा, वहीं रसायन विज्ञान में सरस्वती वंदना और पारंपरिक आयुर्वेदिक पेयों का जिक्र होगा.
वहीं इतिहास विषय में यूजीसी ने विनायक दामोदर सावरकर की पुस्तक ‘द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस’ को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है. इसी तरह वाणिज्य में कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) को कौटिल्य के अर्थशास्त्र और ‘राम राज्य’ से जोड़ा जाएगा, जबकि मानवशास्त्र (एंथ्रोपोलॉजी) में चरक और सुश्रुत जैसे प्राचीन विद्वानों के विचार पढ़ाए जाएंगे.
नई शिक्षा नीति पर आधारित सिलेबस
यूजीसी का कहना है कि नया सिलेबस ‘लर्निंग आउटकम बेस्ड करिकुलम फ्रेमवर्क’ (LOCF) के तहत तैयार किया गया है, जो नई शिक्षा नीति (NEP) पर आधारित है. इसका उद्देश्य शिक्षा को शिक्षक-केंद्रित से हटाकर विद्यार्थी-केंद्रित बनाना है. इसमें फील्डवर्क, लैब वर्क और असाइनमेंट को अहम हिस्सा बनाया गया है ताकि छात्रों में आलोचनात्मक सोच, समस्या समाधान और आत्मनिर्देशित अधिगम की क्षमता विकसित हो सके.
नए सिलेबस में क्या है खास?
नए यूजीसी पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़े अध्याय विभिन्न विषयों में शामिल किए गए हैं…
गणित: मंदिर वास्तुकला, यंत्र और मंडला ज्यामिति…
रसायन विज्ञान: सरस्वती वंदना और पारंपरिक आयुर्वेदिक पेय…
वाणिज्य: कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) को कौटिल्य के अर्थशास्त्र और ‘राम राज्य’ से जोड़कर पढ़ाया जाएगा.
मानवशास्त्र: चरक और सुश्रुत जैसे प्राचीन विद्वानों के विचार.
इतिहास: विनायक दामोदर सावरकर की पुस्तक ‘द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस’ को शामिल करने का प्रस्ताव.
विपक्ष का क्या आरोप?
हालांकि, ड्राफ्ट के सामने आते ही विवाद खड़ा हो गया है. विपक्ष शासित राज्यों ने इसे शिक्षा का ‘भगवाकरण’ बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है. छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने सावरकर की पुस्तक को इतिहास में शामिल करने पर आपत्ति जताई है और चेतावनी दी है कि वह यूजीसी दफ्तर तक मार्च करेगा और सिलेबस की कॉपियां जलाकर विरोध करेगा. संगठन का कहना है कि स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास बेहद संवेदनशील है और एकतरफ़ा दृष्टिकोण नई पीढ़ी को गुमराह कर सकता है.
यूजीसी ने इस ड्राफ्ट सिलेबस पर सुझाव मांगे हैं. इस पर सुझाव देने की अंतिम तिथि 20 सितंबर 2025 तय की गई है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 27, 2025, 07:38 IST