Last Updated:September 26, 2025, 16:46 IST
Retirement of MiG 21 of Indian Airforce: 1965 के भारत-पाक युद्ध में 11 सितंबर को पहली बार भारतीय वायुसेना का मिग-21 और पाकिस्तानी एफ-104 स्टारफाइटर आमने-सामने आए. दोनों फाइटर जेट्स के बीच हुई रोमांचक डागफाइट और उसके नतीजों ने पूरी दुनिया को चौका दिया. पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें आगे...

Retirement of MiG 21 of Indian Airforce: यह बात 1965 की है. भारत-पाकिस्तान के बीच भयंकर जंग जारी थी. जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के ऑपरेशन जिब्राल्टर और ग्रैंड स्लैम ने हलचल मचा रखी थी. इस लड़ाई में अमेरिका से मिला एफ-104 स्टारफाइटर जेट्स जंग को भड़काने का काम कर रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ भारतीय वायु सेना के पास था उनका सुपरसोनिक जेट मिग-21, जो कुछ महीने पहले ही फ्लीट में शामिल हुआ था. ये जेट सरहद की हिफाजत और दुश्मन की हरकतों पर लगाम कसने के लिए तैयार था.
तो चलिए, अब आपको बताते हैं उस रोमांचक टक्कर की कहानी, जब मिग-21 ने आसमान में एफ-104 की हेकड़ी निकाल दी थी. दरअसल, उस वक्त पाकिस्तानी वायु सेना अपने एफ-104 स्टारफाइटर को लेकर फूली नहीं समा रही थी. अमेरिका से मिला ये जेट उस दौर का ‘सुपरस्टार’ माना जाता था. इसकी बिजली सी तेज रफ्तार और साइडवाइंडर मिसाइलों का ऐसा रुतबा था कि लोग कहते थे कि ये तो जंग का पासा पलट देगा. लेकिन ये घमंड ज्यादा दिन नहीं टिका.
11 सितंबर 1965 को अमृतसर के आसमान में जब मिग-21 और एफ-104 की पहली मुलाकात हुई, इस जंगी मुलाकात के बाद पूरी दुनिया यह समझ गई कि असली हीरो कौन है.
मिग-21 ने लगाई आमसान में हदाड़
उस दिन अमृतसर के ऊपर भारतीय वायु सेना की फर्स्ट सुपरसोनिक्स स्क्वाड्रन 28 के चार मिग-21 जेट्स गश्त पर थे. इनके पायलट्स की नजरें दुश्मन की हर हरकत पर टिकी थीं. तभी एक पाकिस्तानी एफ-104 स्टारफाइटर ने भारतीय सीमा में घुसने की हिम्मत की. उसका पायलट सोच रहा था कि उसकी स्पीड और मिसाइलें मिग-21 को धूल चटा देंगी. लेकिन उसे क्या पता था कि सामने मिग-21 के साथ-साथ भारतीय पायलट्स का जज्बा और रणनीति भी थी.
जैसे ही एफ-104 ने मिग-21 को इंटरसेप्ट करने की कोशिश की, आसमान में गजब का नजारा बन गया. दोनों जेट्स हवा में बिजली की तरह चक्कर काट रहे थे. ये टक्कर इतनी तेज थी कि पलक झपकते ही कुछ भी हो सकता था. मिग-21 के पायलट्स ने अपनी पोजीशन मजबूती से संभाली. उन्होंने एफ-104 को कोई मौका नहीं दिया. पाकिस्तानी पायलट ने साइडवाइंडर मिसाइलें दागने की कोशिश की, लेकिन कम ऊंचाई और तेज रफ्तार की वजह से उसका निशाना चूक गया.
मिग-21 की चालाकी ने बाज दी बैटल में बाजी
मिग-21 ने जवाबी हमला करने के बजाय अपनी रणनीति पर टिके रहने का फैसला किया. उनका मिशन था दुश्मन को रोकना और अपनी पोजीशन बनाए रखना. ये चाल काम कर गई. एफ-104 का पायलट खुद को फंसता देख घबरा गया. उसे समझ आ गया कि उसका ‘सुपरस्टार’ जेट मिग-21 के सामने टिक नहीं पाएगा. बस, कुछ ही पलों में उसने दिशा बदली और रण छोड़कर भाग खड़ा हुआ.
इस छोटे से एनकाउंटर ने एफ-104 की सारी हवा निकाल दी. पाकिस्तान का घमंड चूर-चूर हो गया. मिग-21 ने न सिर्फ आसमान में अपनी धाक जमाई, बल्कि ये भी साबित कर दिया कि जंग हथियारों से नहीं, जज्बे और रणनीति से जीती जाती है. मजेदार बात ये कि इस हार के बाद पाकिस्तान ने अपने एफ-104 को धीरे-धीरे एयरफोर्स से बाहर का रास्ता दिखा दिया. यह वाकया 1965 की जंग का एक बड़ा टर्निंग पॉइंट था. मिग-21 ने न सिर्फ पाकिस्तान के ‘सुपरस्टार’ जेट को मात दी, बल्कि भारतीय वायु सेना की ताकत को दुनिया के सामने ला खड़ा किय
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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First Published :
September 26, 2025, 16:46 IST