Donald Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर पहले ही 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था, जो लागू हो गया और 25 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ भी लगाया है, जो 27 अगस्त से लागू हो जाएगा. ट्रंप प्रशासन लगातार दावा कर रहा है कि रूस से तेल खरीदकर भारत यूक्रेन में संघर्ष को बढ़ावा दे रहा है. अब ट्रंप के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वर में सुर मिला दिया है और भारत के रूस से तेल खरीदने को लेकर सख्त आपत्ति जताई है. भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए नवारो ने कहा है कि भारत तेल खरीदकर रूस को यूक्रेन के साथ युद्ध जारी रखने के लिए आर्थिक मदद कर रहा है.
भारत रक्तपात में भूमिका स्वीकार नहीं करना चाहता...
रूसी तेल खरीद को लेकर भारत पर सबसे तीखा हमला करते हुए पीटर नवारो ने दावा किया कि भारत रियायती दरों पर रूसी कच्चा तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को स्थायी बना रहा है. नवारो ने आरोप लगाया कि भारत की यह खरीद रूस को यूक्रेन में अपने युद्ध प्रयासों के लिए धन मुहैया करा रही है, जबकि नई दिल्ली इस सौदे से लाभ कमा रहा है. उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि भारत इस रक्तपात में अपनी भूमिका स्वीकार नहीं करना चाहता... वह शी जिनपिंग (चीनी राष्ट्रपति) के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है. उन्हें (भारत) रूसी तेल की जरूरत नहीं है. यह एक ऑयल रिफाइन मुनाफाखोरी योजना है.' नोवारो ने आरोप लगाया कि भारत क्रेमलिन के लिए लॉन्ड्री सर्विस के रूप में काम कर रहा है.
पीटर नवारो ने आगे कहा, 'भारत हमें सामान बेचकर मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल रूसी तेल खरीदने में करता है, जिसे फिर रिफाइन करते हैं और वे वहां खूब पैसा कमाते हैं. लेकिन, फिर रूसी इस पैसे का इस्तेमाल हथियार बनाने और यूक्रेनियों को मारने में करते हैं और इसलिए अमेरिकी करदाताओं को यूक्रेनियों को सैन्य तरीके से और ज्यादा मदद देनी पड़ती है.'
तो क्या ट्रंप के टैरिफ से आने वाले समय में मिलने वाली है राहत?
पत्रकारों से बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि ट्रंप रूसी तेल खरीदने पर दंड के तौर पर भारत पर टैरिफ दोगुना करने की समयसीमा 27 अगस्त के बाद बढ़ाएंगे. नवारों ने कहा, 'मुझे भारत से प्यार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महान नेता हैं. लेकिन, कृपया वैश्विक अर्थव्यवस्था में आपकी भूमिका पर गौर करें और यहां अच्छाई देखें. ऐसा लग रहा है कि आप अभी जो कर रहे हैं, वह शांति स्थापित करने वाला नहीं, बल्कि युद्ध को बढ़ावा देने वाला है.'
भारत से होकर जाता है रूस-यूक्रेन शांति का मार्ग...
नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महान नेता बताते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति का मार्ग नई दिल्ली से होकर जाता है. नवारो ने तर्क दिया कि भारत को रूसी तेल की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण से पहले भारत रूस से अपने तेल का 1% से भी कम आयात करता था. इसके विपरीत, अब वह लगभग 35-40% आयात करता है.
भारत पर उगला जहर, लेकिन चीन पर चुप्पी?
नवारों ने अमेरिकी मीडिया से कहा, 'यह पागलपन है और राष्ट्रपति ट्रंप इस बिसात को खूबसूरती से समझते हैं. और आप लोगों को इसके बारे में लिखने की जरूरत है.' हालांकि, अमेरिकी मीडिया अब तक ट्रंप-नवारो थीसिस के प्रति काफी हद तक संशयवादी रहा है. अमेरिकी टिप्पणीकारों ने बार-बार व्हाइट हाउस द्वारा चीन के रूसी तेल की बड़ी खरीद पर कार्रवाई न करने की ओर इशारा किया है. जबकि, टिप्पणीकारों ने यह भी याद दिलाया है कि एक समय अमेरिका ने ही वैश्विक तेल कीमतों को संतुलित रखने के लिए भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया था. नवारो ने खुद एक बार स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था कि वाशिंगटन चीन की तेल खरीद पर कार्रवाई नहीं कर सकता, क्योंकि चीन का अमेरिका पर आर्थिक दबदबा है.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)