Rajani Pandit: भारत की पहली महिला जासूस, सुलझा चुकीं 75000 से ज्यादा केस

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Last Updated:August 26, 2025, 14:43 IST

Who is Rajani Pandit: भारत की पहली महिला प्राइवेट डिटेक्टिव राजनी पंडित ने 40 से अधिक वर्षों में 75000 से ज्यादा केस सुलझाए हैं. भारत की लेडी जेम्स बॉन्ड कही जाने वाली राजनी ने भेष बदलकर और साहस से कई बार सच्चा...और पढ़ें

 भारत की पहली महिला जासूस, सुलझा चुकीं 75000 से ज्यादा केसरजनी पंडित

First Female Detective of India: जासूसी का काम अक्सर फिल्मों और कहानियों में रोमांच से भरा हुआ दिखाया जाता है, लेकिन असल जिंदगी में यह साहस, बुद्धिमानी और जोखिम से भरा पेशा है. भारत में जब यह क्षेत्र पूरी तरह से पुरुष-प्रधान माना जाता था, तब एक महिला ने समाज की धारणाओं को तोड़ते हुए इस दुनिया में कदम रखा. यह महिला थीं राजनी पंडित, जिन्हें आज देश की पहली महिला प्राइवेट डिटेक्टिव और “लेडी जेम्स बॉन्ड” के नाम से जाना जाता है. चार दशकों से भी अधिक समय तक उन्होंने सच को सामने लाने और कमजोरों को न्याय दिलाने का काम किया है. अब तक वह 75000 से ज्यादा मामलों को सुलझा चुकी हैं और आज भी उनकी कहानी हर महिला और युवाओं के लिए प्रेरणा है.

कैसे शुरू हुआ जासूसी का सफर?

राजनी पंडित का जन्म 1962 में महाराष्ट्र में हुआ. उनके पिता CID में सब-इंस्पेक्टर थे. बचपन से ही राजनी ने अपने पिता के काम को देखकर न्याय और सच्चाई की राह अपनाने की प्रेरणा ली. जब वे रूपारेल कॉलेज से मराठी साहित्य की पढ़ाई कर रही थीं, तब उन्होंने एक सहपाठी को शोषण से बचाया था. यहीं से उनके अंदर जासूस बनने की इच्छा उत्पन हुई और उन्होंने इसे अपने करियर के रूप में अपनाने का निर्णय लिया.

जासूसी की दुनिया में कदम

1986 में उन्होंने अपनी जासूसी एजेंसी शुरू की, जिसका नाम पहले राजनी इन्वेस्टिगेटिव ब्यूरो और बाद में राजनी पंडित डिटेक्टिव सर्विसेज़ रखा गया. धीरे-धीरे उनकी एजेंसी ने आकार लिया और आज इसमें कई कुशल डिटेक्टिव काम करते हैं.

गुप्त वेशभूषा और साहसी मिशन

राजनी पंडित की सबसे बड़ी खासियत उनका अंडरकवर काम रहा है. वह अक्सर कई तरह के भेष बदलकर मामलों की सच्चाई सामने लाती थीं. कभी वह नौकरानी बनकर घरों में दाखिल हुईं और परिवारों का विश्वास जीतकर सच्चाई सामने लाई. कभी गर्भवती महिला बनकर लोगों की सहानुभूति पाई और राज उगलवाए. इसके अलावा, कभी फेरीवाली या सड़क पर सामान बेचने वाली बनकर और भीड़ में घुल-मिलकर संदिग्ध लोगों पर नजर रखी।

इन वेशभूषाओं की तैयारी में उन्हें कई हफ्ते या महीने लगते थे, लेकिन सबूत जुटाने में वे कभी असफल नहीं हुईं.

किस तरह के मामले सुलझाए?

उनके पास आने वाले मामलों में, वैवाहिक विवाद, कॉर्पोरेट धोखाधड़ी, गुमशुदा लोग और राजनीतिक जांच जैसे गंभीर विषय शामिल रहते थे. उनकी एजेंसी ने हर क्षेत्र में भरोसेमंद परिणाम दिए हैं.

लिख चुकी हैं 2 किताबें

राजनी पंडित ने अपने अनुभवों पर आधारित दो मराठी किताबें भी लिखी हैं:

– फेसेज बिहाइंड फेसेज

– मायाजाल

उनके साहस और योगदान के लिए उन्हें हिरकणी अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. उनकी जिंदगी और काम पर कई डॉक्यूमेंट्री भी बनीं, जिनसे कई महिलाओं को जासूसी और अन्य असामान्य पेशों में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली.

आज बन चुकी हैं एक मिसाल

राजनी पंडित केवल एक जासूस ही नहीं, बल्कि उन महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं जो पारंपरिक सोच से हटकर अपने सपने पूरे करना चाहती हैं. उन्होंने साबित किया कि हिम्मत, बुद्धिमत्ता और लगन से कोई भी कठिनाई हल की जा सकती है. राजनी पंडित ने दिखा दिया कि एक महिला भी उस दुनिया में सफल हो सकती है, जहां कभी उसके कदम रखने की उम्मीद तक नहीं की जाती थी.

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First Published :

August 26, 2025, 14:43 IST

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