Last Updated:August 26, 2025, 16:38 IST
SCO Summit 2025 : एससीओ शिखर सम्मेलन चीन में होने जा रहा है. भारत ज्वाइंट डिक्लेरेशन में आतंकवाद और खासकर क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म की कड़ी निंदा चाहता है. पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार पाकिस्तान की भूमिक...और पढ़ें

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का अहम शिखर सम्मेलन अगले हफ्ते चीन में होने जा रहा है. भारत ने साफ संकेत दिया है कि वो इस मंच पर आतंकवाद के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय एजेंडे में प्रमुखता से दर्ज कराने के मूड में है. विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि भारत चाहता है कि समिट के संयुक्त घोषणापत्र में आतंकवाद, खासकर क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म की कड़ी निंदा शामिल की जाए. मतलब साफ है कि चीन द्वारा संचालित किए जाने वाले SCO में उसके खास दोस्त पाकिस्तान को घेरने की तैयारी मजबूती से चल रही है.
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि “घोषणापत्र का टेक्स्ट अभी फाइनल हो रहा है. हम अन्य सदस्य देशों के साथ मिलकर इस बात पर काम कर रहे हैं कि उसमें आतंकवाद, खासतौर पर सीमा पार से होने वाले आतंकवाद की सख्त निंदा हो.” यह रुख ऐसे समय सामने आया है जब चीन की धरती पर समिट हो रहा है. भारत का मकसद साफ है कि दुनिया के सामने यह संदेश देना कि आतंकवाद के मुद्दे पर समझौता नहीं किया जाएगा और पाकिस्तान की भूमिका उजागर होती रहे.
…तब जारी ही नहीं हुआ था घोषणापत्र
इससे पहले जून में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के क़िंगदाओ में हुए SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में संयुक्त घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था. उस ड्राफ्ट में भारत की चिंताओं को जगह नहीं दी गई थी, बल्कि बलूचिस्तान का जिक्र था, लेकिन अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कोई उल्लेख नहीं था. पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा किए गए इस हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाया और राजनाथ ने दस्तखत करने से मना कर दिया. नतीजतन, उस बैठक से कोई संयुक्त घोषणा जारी ही नहीं हो सकी.
अब पीएम मोदी खुद संभालेंगे मोर्चा
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार भारत पहले से कहीं अधिक सख्त है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार SCO जैसे बहुपक्षीय मंचों का इस्तेमाल कर आतंकवाद पर अपनी आवाज़ बुलंद कर रही है. पाकिस्तान को सीधे नाम लेकर निशाना भले न साधा जाए, लेकिन “क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म” की लाइन पर ज़ोर देकर भारत अपने पड़ोसी को वैश्विक मंच पर कटघरे में खड़ा कर देता है. भारत की कोशिश यही है कि चीन जैसे देशों के सामने भी आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि अंतिम दस्तावेज़ में इस पर ठोस और स्पष्ट भाषा का इस्तेमाल हो.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
August 26, 2025, 16:38 IST