Last Updated:March 07, 2025, 09:56 IST
She Shakti Suraksha Survey 2025: पब्लिक ट्रांस्पोर्ट में महिलाएं कितनी सुरक्षित महसूस करती हैं. दिन रात वाला आंकड़ा तो और भी चौंकाने वाला है.

पब्लिक ट्रांस्पोर्ट में महिलाएं कितनी सुरक्षित महसूस करती हैं?
पब्लिक ट्रांस्पोर्ट सिक्योरिटी भारतीय महिलाओं के लिए एक बड़ी चिंता बनी हुई है, जैसा कि Pvalue के साथ साझेदारी में आयोजित CNN-News18 के शी शक्ति सुरक्षा सर्वेक्षण 2025 से पता चला है. इस सर्वे में भाग लेने वाली महिलाओं में से 70% दिन के दौरान सार्वजनिक परिवहन पर अकेले यात्रा करने में सुरक्षित महसूस करने की बात कही, ये आंकड़ा रात में गिरकर मात्र 36% रह गया, इनमे 31% ने कहा कि वे असुरक्षित महसूस करते हैं. इसके अतिरिक्त, केवल 44% महिलाओं ने सार्वजनिक परिवहन को महिलाओं के अनुकूल पाया, जबकि 27% ने इसे असुरक्षित बताया.
लगभग आधे (49%) ने सार्वजनिक परिवहन को राइड-हेलिंग ऐप की तुलना में सुरक्षित माना, जबकि 13% ने इसके विपरीत माना.
मुख्य निष्कर्ष:
44% उत्तरदाताओं का मानना है कि सार्वजनिक परिवहन महिलाओं के अनुकूल है. 27% उत्तरदाताओं को लगता है कि सार्वजनिक परिवहन महिलाओं के लिए असुरक्षित है. 70% उत्तरदाताओं को दिन के दौरान सार्वजनिक परिवहन पर अकेले यात्रा करने में सुरक्षित महसूस होता है. 30% उत्तरदाताओं को दिन के दौरान सार्वजनिक परिवहन पर अकेले यात्रा करने में पूरी तरह से सुरक्षित महसूस नहीं होता है या उन्हें चिंता होती है. केवल 36% उत्तरदाताओं को रात में सार्वजनिक परिवहन पर अकेले यात्रा करने में सुरक्षा महसूस होती है. 31% उत्तरदाताओं को रात में सार्वजनिक परिवहन पर अकेले यात्रा करने में सुरक्षा महसूस होती है. 49% उत्तरदाताओं का मानना है कि सार्वजनिक परिवहन राइड-हेलिंग ऐप से ज़्यादा सुरक्षित है. 13% उत्तरदाताओं को लगता है कि राइड-हेलिंग ऐप सार्वजनिक परिवहन से ज़्यादा सुरक्षित हैं.
शी शक्ति का उद्देश्य क्या है?
शी शक्ति सुरक्षा सर्वेक्षण 2025 का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा संबंधी धारणाओं को उनके घरों, कार्यस्थलों और सामाजिक परिवेशों सहित विभिन्न क्षेत्रों में मापना है. अध्ययन में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि मौजूदा कानूनी सुरक्षा और तकनीकी प्रगति के बावजूद, सुरक्षा संबंधी चिंताएं महिलाओं की गतिशीलता, शिक्षा, आर्थिक भागीदारी और समग्र सुरक्षा की भावना को सीमित करती रहती हैं.
निष्कर्ष बताते हैं कि सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए पारदर्शी और उत्तरदायी तंत्र सार्वजनिक संस्थानों और परिवहन सेवाओं में विश्वास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं. दिन और रात के समय सुरक्षा संबंधी धारणाओं के बीच काफ़ी अंतर सार्वजनिक स्थानों पर रात के समय सुरक्षा बढ़ाने के लिए लक्षित पहलों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है.
सर्वेक्षण में यह भी जांच की गई कि आयु, शिक्षा स्तर, वैवाहिक स्थिति और घरेलू आय सहित जनसांख्यिकीय कारक महिलाओं की सुरक्षा की धारणा को कैसे प्रभावित करते हैं. डेटा इस बात पर जोर देता है कि सुरक्षा अनुभव एक समान नहीं हैं, बल्कि कई सामाजिक-आर्थिक कारकों द्वारा आकार लेते हैं.
सर्वेक्षण ने अपने उद्घाटन वर्ष में 20 शहरों को कवर किया, और भविष्य में इसे 100 तक विस्तारित करने की योजना है. 10 भारतीय भाषाओं में कंप्यूटर-सहायता प्राप्त टेलीफोन साक्षात्कार (CATI) के माध्यम से 8,000 महिलाओं से प्रतिक्रियाएँ एकत्र की गईं.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
March 07, 2025, 09:56 IST