Last Updated:August 22, 2025, 14:55 IST
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार SIR समयसीमा में बदलाव से इनकार कर दिया है. इतना ही नहीं कोर्ट ने वोटर लिस्ट से बाहर हुए मतदाताओं को आधार कार्ड से पहचान पत्र के रूप में उपयोग की अनुमति दी है. सुप्रीम ...और पढ़ें

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के बिहार की वोटर लिस्ट को देखने और परखने के बाद बदलाव करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अगर ज्यादा लोगों को दिक्कत होती है और ज्यादा लोग शिकायत करते हैं तो चुनाव आयोग समयसीमा बढ़ाने पर विचार कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने उन व्यक्तियों को भी अनुमति दी जो वोटर लिस्ट से बाहर हो गए हैं. कोर्ट ने चुनाव आयोग द्वारा बताए गए 11 डॉक्यूमेंट में से किसी का भी या आधार कार्ड का उपयोग करके ऑनलाइन मोड के माध्यम से फिर से नाम जोड़ने के लिए आवेदन जमा कर सकते हैं.
12 राजनीतिक दलों को सुप्रीम कोर्ट ने दिया क्या आदेश?
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिसस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने बिहार के 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को अपने बूथ स्तर के एजेंटों को निर्देश देने के लिए कहा कि वे अपने-अपने बूथों में व्यक्तियों को फॉर्म जमा करने में सहायता करें और 8 सितंबर तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें.
सुप्रीम कोर्ट ने किस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया
शीर्ष अदालत ने यह भी आश्चर्य व्यक्त किया कि लगभग 1.6 लाख बूथ स्तर के एजेंटों में से केवल दो आपत्तियां आई हैं. दूसरी ओर, कुछ राजनीतिक दलों ने कहा कि बीएलए को अपनी आपत्तियां जमा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के SIR को संचालित करने के प्रयासों की भी सराहना की, यह देखते हुए कि यह अभ्यास मतदाताओं की वोटर लिस्ट को ठीक करने के उद्देश्य से है.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
August 22, 2025, 14:55 IST