Last Updated:August 21, 2025, 20:36 IST
Shubhanshu Shukla Return: ISRO प्रमुख नारायणन ने खुलासा किया है कि उनकी टीम ने फाल्कन-9 रॉकेट के ईंधन पाइपलाइन में गहरी दरार पकड़ी. इसे SpaceX ने शुरुआत में 'मामूली रिसाव' बताया था.

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दुनिया को एक बड़ी त्रासदी से बचा लिया. ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने खुलासा किया कि स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट में ईंधन पाइपलाइन में गंभीर दरार थी. यही रॉकेट भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य को अंतरिक्ष ले जाने वाला था.
कैसे पकड़ी गई खामी
नारायणन ने बताया कि स्पेसएक्स ने शुरुआत में रिसाव को ‘माइनर लीकेज’ कहकर टाल दिया. लेकिन ISRO ने सामान्य जवाब मानने से इनकार कर दिया. भारत ने सेंसर डेटा और टेस्ट रिजल्ट मांगे. स्पेसएक्स ने पहले बचने की कोशिश की. लेकिन भारतीय दबाव ने असर दिखाया.
लॉन्च से कुछ घंटे पहले मिशन रोका गया. जांच में पता चला कि पाइपलाइन में गहरी दरार थी. अगर यह उड़ान भरता तो रॉकेट बीच आसमान में फट सकता था.
शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उड़ान
यह घटना इसलिए भी अहम रही क्योंकि शुभांशु शुक्ला सुरक्षित लौट आए. वे अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से लौटने वाले पहले भारतीय हैं. यह मिशन Axiom-4 का हिस्सा था. नारायणन ने इसे ‘प्रतिष्ठित उपलब्धि’ बताया.
दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में शुभांशु, प्रसन्न नायर और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे. नारायणन ने कहा, ‘2015 से 2025 के बीच भारत ने लगभग दोगुने मिशन पूरे किए.’
ISRO Chairman on fixing Falcon 9 issue before Axiom 4 launch disaster
“They thought it was a minor leak, but it was a crack in the fuel line — a risk that could have caused a catastrophic failure.” pic.twitter.com/eWasY3rMBj
अब ISRO नासा के साथ मिलकर 6,500 किलो का अमेरिकी संचार उपग्रह लॉन्च करेगा. यह लॉन्च अगले तीन महीनों में होगा. भारत अब तक 34 देशों के 433 उपग्रह लॉन्च कर चुका है. यह संख्या बताती है कि भारत अब वैश्विक स्पेस डिप्लोमेसी का केंद्र बन चुका है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का भी इसमें बड़ा योगदान है. भारत ने पड़ोसी देशों को ‘साउथ एशिया सैटेलाइट’ गिफ्ट किया. अब जी20 देशों के लिए भी साझा सैटेलाइट पर काम हो रहा है.
निजी कंपनियों की बढ़ती ताकत
एक दशक पहले भारत में सिर्फ एक निजी स्पेस स्टार्टअप था. आज इनकी संख्या 300 से ज्यादा है. इन कंपनियों ने पहले ही दो सबऑर्बिटल मिशन पूरे किए हैं. यह दिखाता है कि भारत का स्पेस इकोसिस्टम कितनी तेजी से बदल रहा है.
सतर्कता का सबक
1963 से अब तक ISRO ने 240 मिशन पूरे किए हैं. इनमें 133 सैटेलाइट लॉन्च और 102 लॉन्च व्हीकल मिशन शामिल हैं. लेकिन फाल्कन-9 की खामी पकड़ना एक अलग संदेश देता है. भारत अब केवल भागीदार नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा मानकों का रक्षक है.
नारायणन ने कहा, ‘चार दशक का अनुभव हमें खतरे पहचानने की ताकत देता है.’ इस सतर्कता ने शायद चार जिंदगियां बचा लीं और भारत की विश्वसनीयता को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया.
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 21, 2025, 20:36 IST