UPSC, JEE, NEET में हालातों से लड़कर पाई सफलता, ऐसे लिखी इंस्पायरिंग स्टोरी

5 hours ago

JEE NEET UPSC Year Ender 2024: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करना एक ऐसा सपना है, जिसे साकार करने के लिए कई उम्मीदवार कठिन परिश्रम और समर्पण से काम करते हैं. हालांकि, इस राह में गरीबी, बीमारी और आर्थिक कठिनाइयों जैसी चुनौतियां अक्सर उनके सपनों के आगे खड़ी हो जाती हैं. फिर भी, कुछ लोग इन बाधाओं को पार कर अपनी मेहनत और दृढ़ता से सफलता की मिसाल पेश करते हैं.

News18 हिंदीLast Updated :December 21, 2024, 15:59 ISTEditor pictureWritten by
  Munna Kumar

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NEET Success Story Rupa Yadav

NEET Success Story: राजस्थान के नागौर जिले के एक छोटे से गांव खारिया से ताल्लुक रखने वाली रूपा यादव की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं. उन्होंने NEET UG 2017 पास करके राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई. वर्तमान में एक डॉक्टर, दो बच्चों की मां और NEET PG 2024 की उम्मीदवार, रूपा ने यह मुकाम तब हासिल किया जब वह अपने गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल के तौर पर कार्यरत थीं. रूपा की जिंदगी हमेशा आसान नहीं रही. जब वह NEET की तैयारी कर रही थीं, तो उन्हें खेती में मदद करनी पड़ती थी और रसोई के काम निपटाने के बाद पढ़ाई के लिए समय निकालना पड़ता था. शिक्षा के प्रति उनके जज्बे ने हर मुश्किल को पार कर दिया. रूपा की शादी महज आठ साल की उम्र में शंकर लाल से कर दी गई थी, जो उनसे चार साल बड़े थे. शादी के बाद भी उनकी पढ़ाई जारी रही. कक्षा 10 में 84% अंक हासिल करके उन्होंने यह साबित कर दिया कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों, मेहनत से सब संभव है.

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UPSC IAS Success Story Animesh Pradhan

UPSC IAS Success Story: कैंसर से अपनी मां को खोने के बावजूद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल करने वाले अनिमेष प्रधान ने दृढ़ता और धैर्य को अपनी सफलता का आधार बताया. उनकी मां एक लाइलाज बीमारी से पीड़ित थीं और उन्हें पता था कि उनके पास अधिक समय नहीं है. अनिमेष ने 2022 में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और प्रतिदिन 6-7 घंटे अध्ययन किया. वर्ष 2015 में अपने पिता को खो चुके अनिमेष अब अपने गृह कैडर ओडिशा में तैनात हैं. मुख्य परीक्षा के बाद उनके पास साक्षात्कार की तैयारी के लिए सीमित समय था, लेकिन उन्होंने मॉक इंटरव्यू पर जोर दिया और अपने शौक, क्षेत्र और व्यक्तिगत पृष्ठभूमि को बेहतर तरीके से समझने पर काम किया. हालांकि, इंटरव्यू में उनका स्कोर अपेक्षाकृत कम (175) रहा, लेकिन उनके आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत ने उन्हें सफलता दिलाई.

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NEET Success Story Sekh Galib Raza

NEET Success Story: ओडिशा के सोरो गांव के शेख गालिब रजा ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद 2024 में NEET UG परीक्षा पास की. रजा मूत्र मार्ग की सिकुड़न जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे थे. इस समस्या के कारण 2021 और 2022 में उनकी परीक्षा प्रदर्शन प्रभावित हुआ. दवाओं से राहत न मिलने पर, उन्होंने 2023 में यूरेथ्रोप्लास्टी सर्जरी करवाई. सर्जरी के बाद उनकी स्थिति में सुधार हुआ, लेकिन लंबे समय तक बैठकर पढ़ाई करना उनके लिए मुश्किल था. इन कठिन हालातों में उनकी बहन ने उनका साथ दिया. वह उनके लिए नोट्स पढ़ती थीं, ताकि रजा अपनी तैयारी जारी रख सकें. 2023 में उन्होंने 591 अंक हासिल किए, लेकिन मेडिकल सीट पाने से मात्र चार अंक कम रह गए. इससे निराश होने के बजाय रजा ने अपनी मेहनत जारी रखी और आखिरकार 2024 में सफलता प्राप्त की.

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UPSC 2023 Success Story Pawan Kumar

UPSC Success Story: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले पवन कुमार ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 239वीं रैंक हासिल कर अपने सपने को साकार किया. एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले पवन के पिता चाहते थे कि वह ऐसी नौकरी करें, जिससे आर्थिक तंगी दूर हो सके. पवन का सफर चुनौतियों से भरा रहा. उनके माता-पिता ने उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट-टाइम नौकरी करने का सुझाव दिया, लेकिन उन्होंने अपनी तैयारी पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया. बचपन से आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखने वाले पवन ने अपनी लगन और मेहनत से यह मुकाम हासिल किया. यूपीएससी के नतीजों के बाद उनका सपना सच हो गया, जिससे उनके परिवार और क्षेत्र में खुशी की लहर है. पवन का यह सफर कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और समर्पण का प्रतीक है.

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JEE Success Story Tribal girl Rohini -2024

JEE Success Story: तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले की पचमलाई पहाड़ियों से संबंधित रोहिणी ने अपनी मेहनत और लगन से इतिहास रच दिया है. रोहिणी, जो एक आदिवासी समुदाय से आती हैं, ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) पास करने के बाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), त्रिची में प्रवेश पाया. 18 वर्षीय रोहिणी ने जेईई परीक्षा में 73.8 प्रतिशत अंक हासिल कर केमिकल इंजीनियरिंग में सीट सुनिश्चित की और ऐसा करने वाली अपने जिले की पहली आदिवासी छात्रा बन गईं. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली रोहिणी ने अपनी सफलता का श्रेय स्कूल के शिक्षकों और तमिलनाडु सरकार से मिले सहयोग को दिया है. उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनकी शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की. यह उपलब्धि न केवल रोहिणी और उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे आदिवासी समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है.

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