अकेले बैठे बच्‍चे पर गई RPF जवानों की नजर, हाथ पर मोबाइल नंबर का था टैटू

1 week ago

मुंबई. इंडियन रेलवे का जाल दुनिया के विशालतम नेटवर्क में से एक है. मैदानी से लेकर पर्वतीय इलाकों तक में रेलवे की पहुंच है. इसके नेटवर्क का लगातार विस्‍तार किया जा रहा है. ऐसे में इतने विशाल नेटवर्क और रोजना लाखों पैसेंजर्स की सुरक्षा का ध्‍यान रखना कतई आसान काम नहीं है. तमाम चुनौतियों के बावजूद रेलवे इसे बखूबी निभा रहा है. रेलवे सुरक्षा बल (RPF) का इसमें काफी बड़ा योगदान है. तमाम तरह की समस्‍याओं के बीच बाल तस्‍करी और खोए हुए बच्‍चों को परिजनों से मिलवाना भी बहुत बड़ा दायित्‍व है. इसे लेकर इंडियन रेलवे की ओर से ऑपरेशन नन्‍हें फरिश्‍ते चलाया जा रहा है. RPF ने पिछले दिनों खंडवा रेलवे स्‍टेशन पर एक बच्‍चे को उसके परिवार से मिलवाया. सेंट्रल रेलवे 7 महीनों में ऐसे 861 बच्‍चों को उनके परिवार से मिलवा चुका है.

मध्‍य प्रदेश्‍ के खंडवा रेलवे स्‍टेशन की घटना काफी मार्मिक है. जानकरी के अनुसार, मध्य प्रदेश के खंडवा रेलवे स्टेशन पर पिछले दिनों गश्त के दौरान RPF के जवान ईश्वर चंद जाट और आरके त्रिपाठी को एक लड़का अकेला बैठा मिला. बच्चे के दाहिने हाथ पर मोबाइल नंबर का टैटू बना हुआ था. उस नंबर पर फोन करने से पता चला कि बच्चा मानसिक रूप से बीमार है और बार-बार रास्ता भूल जाता है. तमाम कोशिशों के बाद आखिरकार RPF ने सुमित नाम के बच्चे को उसके परिवार से मिलवाया.

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सात महीने में 861 बच्‍चों को परिवार से मिलवाया
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि सुमित उन 861 बच्चों में से एक है, जिन्हें मध्य रेलवे (सीआर) ने अपने अभियान नन्‍हें फरिश्ते के तहत पिछले सात महीनों में उनके परिवार से मिलाया है. एक अधिकारी ने बताया कि सुमित की तरह स्वास्थ्य समस्याओं के अलावा बच्चे कई कारणों से रेलवे स्टेशनों पर अकेले रह जाते हैं, जिनमें पढ़ाई को लेकर डांट-फटकार, माता-पिता से झगड़ा, बेहतर जीवन की तलाश या मुंबई की चकाचौंध शामिल हैं.

रेलवे का नेक अभियान
इंडियन रेलवे ने अपने इस नेक अभियान के तहत कई घरों को उसके चिराग से मिलवाया है. मध्‍य रेलवे के अधिकारी ने बताया कि अप्रैल से अक्टूबर के बीच सेंट्रल रेलवे के अधिकारियों ने 589 लड़कों और 272 लड़कियों को उनके परिवारों से मिलवाया. अधिकारी ने बताया, ‘हमारे आरपीएफ जवान गुमशुदा बच्चों से बात करते हैं, उन्हें परामर्श देते हैं और उनकी सुरक्षित घर वापसी कराते हैं. बच्चों के माता-पिता उनका (रेलवे कर्मियों का) बहुत आभार मानते हैं.’

Tags: Indian railway, Indian Railway news

FIRST PUBLISHED :

November 10, 2024, 20:20 IST

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