Russia spy sensors: रूसी राष्ट्रपति एक बार फिर चर्चा में हैं. अभी यूक्रेन युद्ध की समाप्ति की घोषणा नहीं हुई है कि उनके ऊपर आरोप लग रहे हैं कि वे ब्रिटेन में जासूसी करवा रहे हैं. ब्रिटेन की समुद्री सीमा में कुछ ऐसे रहस्यमय उपकरण मिले हैं जिन्हें रूसी जासूसी सेंसर माना जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इन्हें रूस ने ब्रिटेन की परमाणु पनडुब्बियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगाया है. ये सेंसर ब्रिटेन के चार वैनगार्ड क्लास की परमाणु पनडुब्बियों की निगरानी के लिए लगाए गए थे जो देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील मानी जाती हैं.
रूसी जासूसी सेंसर..
असल में इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ उपकरण समुद्र तट पर बहकर आ गए जबकि कुछ को रॉयल नेवी की माइन्हंटर टीम ने समुद्र के भीतर खोजा. माना जा रहा है कि ये अभियान रूस की एक छुपी हुई 'ग्रे जोन' रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह समुद्री केबल पाइपलाइन और अन्य अहम ढांचों को निशाना बना रहा है. पिछले साल रूसी जहाज 'Yantar' को ब्रिटेन और आयरलैंड के बीच इंटरनेट केबल के पास देखा गया था जिससे यह संदेह और गहरा गया.
3300 फीट की गहराई तक
उधर ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय का मानना है कि रूस अपने अरबपतियों की सुपरयाट्स के जरिए भी इन जासूसी गतिविधियों को अंजाम दे सकता है. इसके अलावा रूस की खास पनडुब्बी 'Losharik' को भी इन ऑपरेशनों में इस्तेमाल किया जा रहा है जो गहराई में जाकर समुद्र तल पर रुक सकती है और इंटरनेट केबल जैसी संरचनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है. यह पनडुब्बी 3300 फीट की गहराई तक काम कर सकती है और इसकी रचना बेहद खास है.
विशेष ऑपरेशन की योजना बनाई
इस खतरे को देखते हुए ब्रिटेन ने 'Atlantic Bastion' नामक एक विशेष ऑपरेशन की योजना बनाई है. इसमें वायु जल और थल तीनों सेनाएं UK की समुद्री सीमा और उत्तरी अटलांटिक क्षेत्र में गश्त करेंगी. इसके अलावा 'Cabot' नाम से एक तात्कालिक योजना भी बनाई गई है जिसमें निजी कंपनियों की मदद से समुद्री सुरक्षा को बढ़ाया जाएगा.
ब्रिटेन का रक्षा मंत्रालय लगातार इस खतरे को गंभीरता से ले रहा है और AI जैसी नई तकनीकों का उपयोग कर रूस की हरकतों पर नजर रख रहा है. मंत्रालय का कहना है कि “हम अपनी समुद्री ढांचों की सुरक्षा को और मजबूत बना रहे हैं ताकि कोई भी दुश्मन देश गुप्त रूप से हमारे क्षेत्र में घुसपैठ न कर सके.