वक्‍फ बिल पर बीजेपी का साथ देते ही घर में दरार! नीतीश के बाद पटनायक टेंशन में

2 days ago

Last Updated:April 06, 2025, 22:41 IST

बीजेपी का साथ देने पर नीतीश कुमार की पार्टी में असंतोष के बाद अब नवीन पटनायक की बीजेडी में भी दरारें दिख रही हैं. वक्फ बिल पर रुख बदलने से कई सीनियर लीडर्स नाराज हैं.

वक्‍फ बिल पर बीजेपी का साथ देते ही घर में दरार! नीतीश के बाद पटनायक टेंशन में

बीजेडी के सांसदों ने बीजेपी की राह आसान कर दी थी.

हाइलाइट्स

बीजेडी में वक्फ बिल पर असंतोष बढ़ा.पूर्व मंत्री भूपिंदर सिंह ने पार्टी की स्थिति को 'कालबैसाखी' कहा.प्रसन्ना आचार्य ने बाहरी ताकत का संदेह जताया.

वक्‍फ बिल पर बीजेपी का साथ देने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी में असंतोष सामने आ गया था. कई मुस्‍ल‍िम नेताओं ने विरोध का बिगुल फूंक द‍िया था. अब कुछ ऐसी ही दरार नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी में देखने को मिल रही है. पार्टी के कई सीनियर लीडर्स ने रुख बदलने पर आपत्‍त‍ि जताई है. पूर्व मंत्री भूपिंदर सिंह ने बीजेडी की वर्तमान स्थिति की तुलना ‘कालबैसाखी’ (आंधी-तूफान) से की, वहीं पार्टी के विधानसभा में उपनेता और पूर्व सांसद प्रसन्ना आचार्य ने पार्टी के वक्फ विधेयक का विरोध न करने के कथित फैसले के पीछे किसी “बाहरी ताकत” का हाथ होने का संदेह जताया.

नाराज होने वाले सदस्‍यों की संख्‍या बढ़ती जा रही है. उनका कहना है क‍ि जिस तरह वक्‍फ बिल पर फैसला ल‍िया गया, उससे पार्टी की धर्मनिरपेक्ष पहचान खतरे में पड़ गई है. हालांकि, पूर्व सांसद प्रसन्ना आचार्य ने पार्टी के रुख का बचाव करते हुए कहा कि बिल के बारे में निर्णय अलग हो सकता है. लेकिन बीजेडी की सेक्‍यूलर पहचान कायम रहने वाली है. उन्होंने कहा, हमारी पार्टी धर्मनिरपेक्ष है, जो एनडीए और यूपीए दोनों से समान दूरी बनाए रखती है. एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में बीजेडी किसी भी मुद्दे का समर्थन या विरोध ओडिशा के हितों के आधार पर करती है.

पार्टी में असंतोष
विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके भूपिंदर सिंह ने कहा, पार्टी में असंतोष है, और हमें इसे स्वीकार करना चाहिए. हालांकि, हमारे नेता नवीन पटनायक इस स्थिति को संभालने में सक्षम हैं. यह केवल एक अस्थायी चरण है. पटनायक ने हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा दिया है और धार्मिक भेदभाव नहीं किया है. हमें भरोसा है क‍ि वे इस स्‍थि‍त‍ि को संभाल लेंगे.

बाहरी ताकत की ओर इशारा
विवाद तब शुरू हुआ जब राज्यसभा में बीजेडी के नेता सस्मित पात्रा ने यह कहकर एक संदेश पोस्ट किया कि पार्टी के सदस्य वक्फ विधेयक पर अपनी अंतरात्मा के अनुसार मतदान करने के लिए स्वतंत्र हैं. इससे पहले बीजेडी ने वक्‍फ बिल का विरोध करने का फैसला क‍िया था. आचार्य ने स्वीकार किया कि पार्टी के भीतर व्यापक चर्चा हो रही है कि किसने बीजेडी के रुख को बदला और क्या “बाहरी ताकत” निर्णय को प्रभावित कर रही है. पार्टी में सभी नेता इस बात से सहमत हैं कि ऐसे निर्णय पार्टी मंच जैसे कि संसदीय पार्टी में किए जाने चाहिए. अगर बाहरी ताकतें निर्णय करती हैं, तो पार्टी को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.

Location :

New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

April 06, 2025, 22:41 IST

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